पाठ्यक्रम: GS2/शासन
समाचार में
- स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2024-25 राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) द्वारा आयोजित एक समारोह में प्रदान किए गए।
स्वच्छ सर्वेक्षण (SS)
- यह स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-U) के अंतर्गत एक प्रमुख पहल है और पिछले नौ वर्षों से शहरी भारत में स्वच्छता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है—यह समुदायों को जोड़ने, मानसिकता को बदलने और कार्रवाई को प्रेरित करने का कार्य कर रही है।
- 2016 में केवल 73 शहरी स्थानीय निकायों से शुरू होकर अब इसका दायरा 4,500 से अधिक शहरों तक फैल चुका है।
- स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 पुरस्कारों का मुख्य विषय “कम करें, पुनः उपयोग करें, पुनर्चक्रण करें” (Reduce, Reuse, Recycle) पर आधारित है।
- कुल मिलाकर 78 पुरस्कार प्रदान किए गए, जिनमें शहरों, छावनी बोर्डों और संस्थानों को उनके स्वच्छता के विभिन्न मानकों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया।

- इस वर्ष स्वच्छ सर्वेक्षण ने एक सरल और समावेशी मूल्यांकन ढांचा प्रस्तुत किया, जिससे छोटे शहर भी “एक शहर, एक पुरस्कार” सिद्धांत के अंतर्गत बड़े शहरों के साथ निष्पक्ष रूप से प्रतिस्पर्धा कर सकें।
मुख्य अपडेट्स
- इंदौर, सूरत और नवी मुंबई ने फिर से शहरी स्वच्छता में शीर्ष स्थान प्राप्त किए हैं, और स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 की रैंकिंग में सबसे स्वच्छ शहरों के रूप में उभरे हैं।
- ये तीन शहर क्रमशः पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे “सुपर स्वच्छ लीग” में, जो स्वच्छता में निरंतर उत्कृष्टता को पहचान देता है।

- अहमदाबाद, भोपाल और लखनऊ को नई पीढ़ी के शीर्ष स्वच्छ शहर घोषित किया गया और भारत के अग्रणी “स्वच्छ शहरों” के रूप में मान्यता दी गई।

- प्रयागराज को “सर्वश्रेष्ठ गंगा शहर” के रूप में सम्मानित किया गया, जबकि सिकंदराबाद छावनी बोर्ड को सुदृढ़ स्वच्छता प्रयासों के लिए पुरस्कार मिला।
- विशाखापत्तनम, जबलपुर और गोरखपुर को “सर्वश्रेष्ठ सफाईमित्र सुरक्षित शहर” के रूप में मान्यता मिली, जिन्होंने सफाई कर्मियों की सुरक्षा, गरिमा और कल्याण को प्राथमिकता दी।
- उत्तर प्रदेश सरकार, प्रयागराज मेला अधिकारी और प्रयागराज नगर निगम को महाकुंभ के दौरान लगभग 66 करोड़ श्रद्धालुओं की भीड़ में शहरी कचरे के सफल प्रबंधन हेतु विशेष पुरस्कार प्रदान किया गया।
| स्वच्छ भारत मिशन – शहरी (SBM-U) – यह 2 अक्टूबर 2014 को शुरू किया गया था, इसका उद्देश्य खुले में शौच को समाप्त करना और देश के 4,000 से अधिक शहरों में नगरपालिका ठोस अपशिष्ट का 100% वैज्ञानिक प्रबंधन सुनिश्चित करना था। – इसका दूसरा चरण, SBM-U 2.0, 1 अक्टूबर 2021 को शुरू हुआ और यह 2026 तक चलेगा। – इसका लक्ष्य है सभी शहरों को “कचरा मुक्त” बनाना और नागरिकों में स्थायी स्वच्छता की आदतों को बढ़ावा देना। – यह मिशन राज्यों एवं शहरी स्थानीय निकायों के माध्यम से आवास और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा लागू किया जा रहा है। – यह भारत की “सतत विकास लक्ष्यों (SDG) 2030” की प्रतिबद्धता का समर्थन करता है, जिससे शहरी जीवन स्तर में सुधार होता है और शहरी परिवर्तन को गति मिलती है। |
Source :IE
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