- हाल ही में, चीन का व्यापार अधिशेष 2025 के प्रथम ग्यारह माह में $1 ट्रिलियन से अधिक हो गया, जो वैश्विक विनिर्माण और निर्यात में चीन की प्रभुत्वता को रेखांकित करता है। यह साथ ही अंतर्निहित आर्थिक कमजोरियों और वैश्विक व्यापार विकृतियों को भी उजागर करता है।
- यह चीन के दो दशकों के औद्योगिक विस्तार और नीति निरंतरता का परिणाम है, जिसमें सघन आपूर्ति श्रृंखलाएँ, गहरी अवसंरचना एवं विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र शामिल हैं। Read More
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Daily Current Affairs in Hindi – 12 December, 2025
- परमाणु ऊर्जा विभाग के अनुसार, NPCIL ने प्रथम बार FY 2024–25 में 50 बिलियन यूनिट (BUs) विद्युत उत्पादन को पार कर लिया है।
- देश में वर्तमान स्थापित परमाणु ऊर्जा क्षमता लगभग 8.78 GW है, जो 24 परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों में फैली हुई है।
- जुलाई 2025 तक, परमाणु ऊर्जा कुल विद्युत उत्पादन में लगभग 3.1% का योगदान करती है। Read More
भारत की परमाणु ऊर्जा उत्पादन FY 2024-25 में रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुँचा
संदर्भ
भारत में परमाणु ऊर्जा
- मेक्सिको ने गैर-FTA साझेदारों (जिसमें भारत भी शामिल है) से आयात पर 50% तक का शुल्क लगाने को स्वीकृति दी है, जो 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होगा।
- व्यापार संरक्षणवाद उन नीतिगत उपायों को संदर्भित करता है, जैसे शुल्क, कोटा, आयात लाइसेंसिंग, स्थानीय सामग्री नियम, जिनका उद्देश्य घरेलू उद्योगों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाना होता है।
- वैश्विक विकास की मंदी और आपूर्ति-श्रृंखला की कमजोरियाँ। Read More
मेक्सिको द्वारा भारत और चीन से आयात पर 50% तक शुल्क अधिरोपित
संदर्भ
व्यापार संरक्षणवाद क्या है?
- घरेलू बचत भारत में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) को प्रमुख बाजार शक्ति के रूप में प्रतिस्थापित कर रही है।
- नवीनतम NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) मार्केट पल्स रिपोर्ट दिखाती है कि भारतीय इक्विटी में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) की हिस्सेदारी 15 महीने के निम्न स्तर 16.9% और NIFTY 50 में 24.1% पर है।
- इस बीच, घरेलू म्यूचुअल फंड (MFs) तिमाही दर तिमाही नए उच्च स्तर पर पहुँच रहे हैं। Read More
बचत में बदलाव से भारत के बाज़ारों का नया आकार
संदर्भ
परिचय
- सर्वोच्च न्यायालय ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (निवारण, प्रतिबंध और निवारण) अधिनियम, 2013 (POSH Act) के अंतर्गत आंतरिक शिकायत समितियों (ICCs) के अधिकार क्षेत्र का विस्तार किया है।
- उत्पत्ति: यह अधिनियम सर्वोच्च न्यायालय के विशाखा बनाम राजस्थान राज्य (1997) के निर्णय के बाद लागू किया गया था, जिसमें कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न पर विधायी शून्य को भरने के लिए बाध्यकारी दिशानिर्देश दिए गए थे।
- परिधि और कवरेज: यह अधिनियम सभी कार्यस्थलों पर लागू होता है, जिनमें सरकारी कार्यालय, निजी क्षेत्र, NGOs, शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल, खेल संस्थाएँ और असंगठित क्षेत्र शामिल हैं। यह रोजगार के लिए उपयोग किए जाने वाले आवासों में घरेलू कामगारों तक भी संरक्षण का विस्तार करता है। Read More