पाठ्यक्रम: GS3/ विज्ञान और प्रौद्योगिकी
संदर्भ
- महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी कार्यों में सुरक्षा और दक्षता में सुधार के लिए मंत्रालय में प्रवेश के लिए फेसियल रिकॉग्निशन सिस्टम तकनीक प्रारंभ की है।
फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम क्या है?
- फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम एक ऐसी तकनीक है जो डिजिटल छवि या वीडियो फ्रेम से मानवीय चेहरे का मिलान चेहरों के डेटाबेस से करने में सक्षम है।
- FRS की मुख्य प्रौद्योगिकियाँ इस प्रकार हैं;
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI): मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग, प्रणालियों को समय के साथ सटीकता में सुधार करने में सक्षम बनाती है।
- कंप्यूटर विज़न: यह छवियों और वीडियो से दृश्य डेटा निकालता है, उसका विश्लेषण करता है और उसकी व्याख्या करता है।
- बायोमेट्रिक विश्लेषण: यह प्रमाणीकरण के लिए चेहरे की विशिष्ट विशेषताओं की पहचान करता है।
- तंत्रिका नेटवर्क (CNNs): यह छवि पहचान और फीचर निष्कर्षण के लिए आवश्यक है।

फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम के उदाहरण
- अमेज़न रिकॉग्निशन: एक क्लाउड-आधारित सेवा जो छवियों और वीडियो का विश्लेषण करने के लिए चेहरे की पहचान का उपयोग करती है।
- माइक्रोसॉफ्ट एज़्योर फेस API: एक फेशियल रिकॉग्निशन API जो माइक्रोसॉफ्ट की क्लाउड कंप्यूटिंग सेवाओं का हिस्सा है।
- डीपफेस: फेसबुक द्वारा विकसित एक चेहरा पहचान कार्यक्रम।
फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम के अनुप्रयोग
- सुरक्षा एवं निगरानी: इसका उपयोग कानून प्रवर्तन, सीमा नियंत्रण और सार्वजनिक स्थान की निगरानी में सुरक्षा बढ़ाने के लिए किया जाता है।
- एक्सेस नियंत्रण और प्रमाणीकरण: यह डिवाइसों को अनलॉक करता है, कार्यस्थलों को सुरक्षित करता है, और डिजिटल लॉगिन के लिए पासवर्ड को प्रतिस्थापित करता है।
- वित्तीय सेवाएँ: यह सुरक्षित बैंकिंग, धोखाधड़ी का पता लगाने और संपर्क रहित भुगतान को सक्षम बनाता है।
- स्वास्थ्य देखभाल: इसका उपयोग रोगियों की पहचान करने, निदान में सहायता करने और मानसिक स्वास्थ्य की निगरानी करने के लिए किया जाता है।
- खुदरा एवं विपणन: यह ग्राहक अनुभव को बढ़ाता है, लक्षित विज्ञापनों को सक्षम बनाता है, और दुकानों में चोरी को रोकता है।
FRS की चिंताएँ
- गोपनीयता का उल्लंघन: अनधिकृत निगरानी और डेटा संग्रहण, बिना सहमति के व्यक्तियों की गोपनीयता का उल्लंघन करता है।
- डेटा सुरक्षा जोखिम: चेहरे की पहचान करने वाले डेटाबेस हैकिंग के प्रति संवेदनशील होते हैं, जिससे पहचान की चोरी और डेटा का दुरुपयोग हो सकता है।
- पूर्वाग्रह और अशुद्धि: अध्ययनों से पता चला है कि चेहरे की पहचान करने वाली प्रणालियों में अश्वेत लोगों, महिलाओं और गैर-द्विआधारी व्यक्तियों के लिए त्रुटि दर अधिक होती है, जिसके कारण गलत गिरफ्तारियाँ एवं गलत पहचान होती है।
- प्रोफाइलिंग के लिए दुरुपयोग: सरकारें और निगम नस्लीय प्रोफाइलिंग और घुसपैठिया विज्ञापन के लिए प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग करते हैं।
- डीपफेक: AI-जनित डीपफेक पहचान में हेरफेर कर सकते हैं, जिससे बायोमेट्रिक सुरक्षा कमजोर हो सकती है।
आगे की राह
- सरकारों को व्यापक स्तर पर निगरानी और चेहरे की पहचान तकनीक के दुरुपयोग को रोकने के लिए स्पष्ट कानून स्थापित करने चाहिए।
- चेहरे की पहचान से संबंधित डेटाबेस को उल्लंघन और पहचान की चोरी से बचाने के लिए सख्त साइबर सुरक्षा उपायों को लागू किया जाना चाहिए।
Source: IE