पाठ्यक्रम GS3/ विज्ञान और प्रौद्योगिकी
संदर्भ
- प्रधानमंत्री मोदी ने ₹1 लाख करोड़ के अनुसंधान, विकास और नवाचार (RDI) योजना कोष का शुभारंभ किया, साथ ही उभरते विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार सम्मेलन (ESTIC) 2025 का उद्घाटन नई दिल्ली में किया।
योजना के बारे में
- यह योजना छह वर्षों के लिए ₹1 लाख करोड़ के बजट प्रावधान के साथ शुरू की गई है, जिसमें वित्त वर्ष 2025–26 के लिए ₹20,000 करोड़ का आवंटन किया गया है।
- यह राशि भारत की समेकित निधि से प्राप्त की जाएगी।
- इस योजना के क्रियान्वयन के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) को नोडल विभाग के रूप में नामित किया गया है।
- योजना के प्रमुख उद्देश्य:
- निजी क्षेत्र को अनुसंधान, विकास एवं नवाचार (RDI) को उभरते क्षेत्रों और आर्थिक सुरक्षा, रणनीतिक उद्देश्य तथा आत्मनिर्भरता से जुड़े अन्य क्षेत्रों में बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना।
- उच्च प्रौद्योगिकी तत्परता स्तर (Technology Readiness Levels – TRL) वाले परिवर्तनकारी परियोजनाओं को वित्तपोषित करना।
- उन तकनीकों के अधिग्रहण को समर्थन देना जो अत्यंत महत्वपूर्ण या रणनीतिक दृष्टि से आवश्यक हैं।
- डीप-टेक फंड ऑफ फंड्स की स्थापना को सुविधाजनक बनाना।
- इस योजना को अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (ANRF) के संचालन बोर्ड द्वारा रणनीतिक दिशा प्रदान की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं।
भारत का अनुसंधान एवं विकास (R&D) परिदृश्य
- भारत का R&D व्यय विगत दशक में दोगुना हुआ है, लेकिन यह अभी भी GDP का लगभग 0.7% है — जो अमेरिका (2.8%) और चीन (2.4%) जैसे वैश्विक नेताओं से कम है।
- भारत में निजी क्षेत्र का योगदान कुल R&D व्यय का 40% से भी कम है, जबकि उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में यह 70% से अधिक होता है।

अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकारी पहलें
- राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (NRF): अनुसंधान वित्तपोषण और अकादमिक संस्थानों व उद्योगों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने का लक्ष्य।
- अटल नवाचार मिशन (AIM): स्टार्टअप्स, उद्यमिता और छात्रों व पेशेवरों में नवाचार को प्रोत्साहित करता है।
- उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना: R&D-आधारित उद्योगों को उच्च तकनीकी निर्माण के लिए प्रोत्साहन प्रदान करती है।
- राष्ट्रीय मिशनों का शुभारंभ, जैसे:
- राष्ट्रीय क्वांटम मिशन: भारत को क्वांटम तकनीकों और अनुप्रयोगों के विकास में अग्रणी राष्ट्र बनाने का लक्ष्य (बजट: ₹6,003.65 करोड़)।
- इलेक्ट्रिक वाहन मिशन: ANRF के MAHA (उच्च प्रभाव वाले क्षेत्रों में उन्नति के लिए मिशन) कार्यक्रम के अंतर्गत।
- भारत सेमीकंडक्टर मिशन: भारत में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के निर्माण के लिए ₹76,000 करोड़ का बजट।
- डीप ओशन मिशन: गहरे समुद्र के संसाधनों की खोज और सतत उपयोग के लिए (बजट: ₹4077 करोड़)।
- भारत एआई मिशन: भारत की कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्षमताओं को सशक्त करने के लिए (बजट: ₹10,372 करोड़)।
- सक्षम नीति ढांचे की शुरुआत, जैसे:
- जियोस्पेशियल नीति 2022
- अंतरिक्ष नीति 2023
- BioE3 नीति 2024 (अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार के लिए जैव प्रौद्योगिकी)
भारत के R&D इकोसिस्टम में चुनौतियाँ
- सीमित विश्वविद्यालय-उद्योग सहयोग: अकादमिक संस्थानों और उद्योगों के बीच कमजोर संबंध अनुसंधान के व्यावसायीकरण को बाधित करते हैं।
- विखंडित संस्थागत ढांचा: जिम्मेदारियों के ओवरलैप से फंड के उपयोग की दक्षता कम होती है।
- कुशल कार्यबल की कमी: डीप-टेक और बहु-विषयक क्षेत्रों में प्रशिक्षित R&D पेशेवरों की कमी।
आगे की राह
- वैश्विक सहयोग: इंडो-US iCET, G20 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहयोग, और BRICS नवाचार नेटवर्क जैसे ढांचों के अंतर्गत साझेदारी का लाभ उठाना।
- प्रदर्शन-आधारित वित्तपोषण: नियमित निगरानी और प्रदर्शन-आधारित वितरण से जवाबदेही बढ़ सकती है।
- क्षेत्रीय नवाचार क्लस्टर: द्वितीय और तृतीय श्रेणी के शहरों में R&D हब को प्रोत्साहित करना नवाचार को लोकतांत्रिक बना सकता है।
Source: PIB
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