पाठ्यक्रम :GS3/अर्थव्यवस्था
समाचार में
- तेलंगाना गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन (TGPWU) ने राज्य सरकार से गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स के लिए न्यूनतम वेतन, कानूनी मान्यता और व्यापक कल्याण योजनाएं सुनिश्चित करने की मांग की है।
गिग वर्कर्स कौन हैं?
- विश्व आर्थिक मंच गिग अर्थव्यवस्था को अल्पकालिक, कार्य-आधारित रोजगार के रूप में परिभाषित करता है, जिसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से श्रमिकों और ग्राहकों को जोड़कर सुगम बनाया जाता है।
- भारत में, गिग वर्कर्स को “स्व-नियोजित” (self-employed) माना जाता है, और इसमें महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है।
- गिग कार्यों में वेब-आधारित कार्य जैसे कंटेंट राइटिंग और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, तथा स्थान-आधारित सेवाएं जैसे ओला और जोमैटो जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से ड्राइविंग और फूड डिलीवरी शामिल हैं।
- गिग वर्कर्स को प्रति कार्य भुगतान किया जाता है और वे पारंपरिक 9 से 5 की नौकरी के बाहर लचीले ढंग से कार्य करते हैं।
संबंधित कदम
- 2025 के केंद्रीय बजट में गिग एवं प्लेटफॉर्म वर्कर्स को औपचारिक रूप से मान्यता देने और उनके लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का विस्तार करने के उपाय शामिल किए गए।
- सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 (Code on Social Security, 2020) ने गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को उन लोगों के रूप में कानूनी रूप से परिभाषित किया है जो पारंपरिक नियोक्ता-कर्मचारी संबंधों से बाहर कार्यरत हैं।
- हाल की पहलों जैसे ई-श्रम पंजीकरण, डिजिटल पहचान पत्र, और आयुष्मान भारत के अंतर्गत स्वास्थ्य कवरेज से सरकार द्वारा गिग वर्कर्स की मान्यता स्पष्ट होती है।
चुनौतियाँ
- संशोधित आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) 2025 ने गिग और प्लेटफॉर्म कार्य की विविध प्रकृति को सटीक रूप से दर्शाने के लिए कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं किया है।
- जबकि अनुमान है कि 2029-30 तक गिग कार्यबल 2.35 करोड़ तक पहुंच जाएगा, भारत का मुख्य श्रम सर्वेक्षण अभी भी गिग वर्कर्स को ‘स्व-नियोजित’ या ‘अनौपचारिक श्रमिक’ जैसी व्यापक श्रेणियों में वर्गीकृत करता है, जिससे वे सांख्यिकीय रूप से अदृश्य बने रहते हैं।
- इस स्पष्ट वर्गीकरण की कमी प्रभावी नीति निर्माण और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक समान पहुंच को बाधित करती है, जैसे कि सामाजिक सुरक्षा कोष और राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा बोर्ड, जो समावेशी कल्याण योजना के लिए सटीक आंकड़ों पर निर्भर करते हैं।
निष्कर्ष और आगे की राह
- 2025 के PLFS संशोधन ने नमूना आकार और ग्रामीण कवरेज में सुधार किया है; फिर भी यह गिग कार्य को स्पष्ट रूप से परिभाषित या दर्ज नहीं करता।
- समावेशी नीति निर्माण सुनिश्चित करने के लिए, भारत PLFS वर्गीकरण को संशोधित कर सकता है या गिग वर्कर्स के लिए विशिष्ट मॉड्यूल जोड़ सकता है।
- सरकारों और प्लेटफॉर्म्स को मिलकर स्पष्ट कानूनी सुरक्षा परिभाषित करनी चाहिए और स्वास्थ्य और पेंशन योजनाओं जैसी अनुकूलित सामाजिक सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए।
- प्लेटफॉर्म्स को पारदर्शिता, उचित वेतन और अच्छे कार्य वातावरण को सुनिश्चित करना चाहिए।
Source :TH
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