पाठ्यक्रम: GS2/ स्वास्थ्य
संदर्भ
- भारत ने नई दिल्ली में द्वितीय WHO ग्लोबल समिट ऑन ट्रेडिशनल मेडिसिन की मेजबानी की।
- सम्मेलन का विषय था “लोगों और पृथ्वी के लिए संतुलन पुनर्स्थापित करना: कल्याण का विज्ञान और अभ्यास।”
सम्मेलन के प्रमुख परिणाम
- शुरू की गई पहलें:
- माय आयुष इंटीग्रेटेड सर्विसेज पोर्टल (MAISP): आयुष क्षेत्र में सेवाओं, अनुसंधान और शासन के लिए एक प्रमुख डिजिटल पोर्टल।
- आयुष मार्क: आयुष उत्पादों और सेवाओं के लिए एक वैश्विक गुणवत्ता मानक के रूप में परिकल्पित।
- ट्रेडिशनल मेडिसिन ग्लोबल लाइब्रेरी (TMGL): पारंपरिक, पूरक और एकीकृत चिकित्सा पर विश्व का सबसे बड़ा डिजिटल भंडार।
- यह पहल गुजरात घोषणा (2023) पर आधारित है और WHO की ग्लोबल ट्रेडिशनल मेडिसिन स्ट्रैटेजी 2025–2034 के अनुरूप है।
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग की घोषणा, जिसमें BIMSTEC देशों के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र और पारंपरिक चिकित्सा में भारत–जापान साझेदारी शामिल है।
- सम्मेलन ने अनुसंधान, डेटा निर्माण और पारंपरिक चिकित्सा तक व्यापक पहुँच के लिए डिजिटल स्वास्थ्य उपकरणों और AI के उपयोग पर बल दिया।
पारंपरिक चिकित्सा क्या है?
- पारंपरिक चिकित्सा स्वास्थ्य देखभाल और कल्याण के लिए संहिताबद्ध या असंहिताबद्ध प्रणालियों को संदर्भित करती है, जिसमें विभिन्न ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक संदर्भों से उत्पन्न प्रथाएँ, कौशल, ज्ञान तथा दर्शन शामिल हैं।
- यह बायोमेडिसिन से अलग एवं उससे पहले की है, और अनुभव-आधारित उत्पत्ति से वर्तमान उपयोग के लिए विज्ञान के साथ विकसित हुई है।
- पारंपरिक चिकित्सा प्रकृति-आधारित उपचारों और मन, शरीर एवं पर्यावरण के संतुलन को बहाल करने के लिए समग्र, व्यक्तिगत दृष्टिकोण पर बल देती है।
- WHO ग्लोबल ट्रेडिशनल मेडिसिन सेंटर (GTMC) जामनगर, गुजरात में स्थित है।
- भारत में पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली


| प्रथम WHO ग्लोबल समिट ऑन ट्रेडिशनल मेडिसिन: – भारत ने 2023 में गांधीनगर, गुजरात में प्रथम WHO ग्लोबल समिट ऑन ट्रेडिशनल मेडिसिन की मेजबानी की। -इसमें गुजरात घोषणा को अपनाया गया, जिसमें: पारंपरिक, पूरक और एकीकृत चिकित्सा (TCIM) पर साक्ष्य-आधारित वैश्विक प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि की गई। बेहतर डेटा और नियामक ढाँचे की माँग की गई। |
Source: TH