केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025
पाठ्यक्रम: GS2/राजव्यवस्था और शासन
संदर्भ
- केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025 को 1 दिसंबर, 2025 को लोकसभा में प्रस्तुत किया गया।
विधेयक के बारे में
- यह विधेयक केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम, 1944 में संशोधन करने का प्रयास करता है।
- अधिनियम भारत में निर्मित या उत्पादित वस्तुओं पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क लगाने एवं संग्रह करने का प्रावधान करता है।
- 2017 में वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू होने के साथ कई वस्तुओं पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क समाप्त कर दिया गया था, सिवाय कुछ वस्तुओं जैसे तंबाकू और तंबाकू उत्पादों के।
- तंबाकू और तंबाकू उत्पादों पर अभी भी तीन-स्तरीय कर संरचना लागू है, जिसमें GST, GST क्षतिपूर्ति उपकर एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क शामिल हैं।
विधेयक के प्रमुख प्रावधान
- विधेयक असंसाधित तंबाकू, संसाधित तंबाकू, तंबाकू उत्पादों और तंबाकू विकल्पों पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क बढ़ाता है।
- असंसाधित तंबाकू (जैसे धूप में सुखाए गए तंबाकू पत्ते): 64% से बढ़ाकर 70%।
- चबाने वाला तंबाकू: 25% से बढ़ाकर 100%।
- हुक्का या गुड़ाकू तंबाकू: 25% से बढ़ाकर 40%।
- पाइप और सिगरेट के लिए धूम्रपान मिश्रण: 60% से बढ़ाकर 325%।
- सिगरेट: वर्तमान अधिनियम के तहत शुल्क ₹200 से ₹735 प्रति 1,000 सिगरेट है।
- विधेयक इसे बढ़ाकर ₹2,700 से ₹11,000 प्रति 1,000 सिगरेट करने का प्रस्ताव करता है।
Source: PRS
संचार साथी ऐप
पाठ्यक्रम: GS2/सरकारी पहल
संदर्भ
- दूरसंचार विभाग (DoT) ने फोन निर्माताओं को निर्देश दिया है कि मार्च 2026 से बेचे जाने वाले उपकरणों में संचार साथी ऐप पहले से इंस्टॉल किया जाए।
संचार साथी क्या है?
- 2025 में दूरसंचार विभाग ने संचार साथी मोबाइल ऐप एंड्रॉइड और iOS दोनों प्लेटफॉर्म पर लॉन्च किया। इसका उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को मोबाइल से संबंधित धोखाधड़ी और चोरी की रिपोर्ट करने तथा उनसे बचाव में सहायता करना है।
- मुख्य विशेषताएँ
- चक्षु: उपयोगकर्ता कॉल, SMS या व्हाट्सएप के माध्यम से संदिग्ध धोखाधड़ी की रिपोर्ट कर सकते हैं, जैसे नकली KYC अपडेट से जुड़े घोटाले।
- IMEI ट्रैकिंग और ब्लॉकिंग: खोए या चोरी हुए फोन को पूरे देश में सभी दूरसंचार नेटवर्क पर ट्रैक और ब्लॉक करता है।
- मोबाइल हैंडसेट की वास्तविकता की जाँच: IMEI या बारकोड स्कैन का उपयोग करके यह जांचता है कि डिवाइस असली है या नहीं।
- मास्क किए गए अंतरराष्ट्रीय कॉल की रिपोर्ट: विदेश से आने वाली उन कॉल्स को चिन्हित करता है जो स्थानीय (+91 के बाद 10 अंकों) के रूप में छिपाई जाती हैं।
- अपने इंटरनेट सेवा प्रदाता को जानें: पिन कोड, पता या नाम के आधार पर वायरलाइन ISP खोजने की सुविधा देता है।
Source: TH
मसाला बॉन्ड
पाठ्यक्रम: GS3/अर्थव्यवस्था
समाचार में
- प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने केरल के मुख्यमंत्री को Foreign Exchange Management Act (FEMA) के कथित उल्लंघनों के संबंध में नोटिस जारी किया है, जो केरल इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड बोर्ड (KIIFB) द्वारा जारी किए गए मसाला बॉन्ड से जुड़ा है।
| क्या आप जानते हैं? – KIIFB एक कॉर्पोरेट निकाय है जिसे केरल सरकार ने बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए धन जुटाने हेतु विकसित किया है। – इसने मसाला बॉन्ड लंदन स्टॉक एक्सचेंज और सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज में जारी किया है, जिसके माध्यम से ₹2,672.8 करोड़ की राशि बाहरी वाणिज्यिक उधार (ECB) के अंतर्गत एकत्रित की गई। |
मसाला बॉन्ड
- यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रुपये-मूल्यांकित संसाधन एकत्रित करने का एक साधन है।
- इसके नाम का उद्देश्य इसे स्थानीय स्वाद देना है — ‘मसाला’ का शाब्दिक अर्थ ‘मसालों का मिश्रण’ है — जो इस ऋण साधन को भारतीय पहचान प्रदान करता है।
- RBI के FAQ के अनुसार, कोई भी कॉर्पोरेट, बॉडी कॉर्पोरेट और भारतीय बैंक विदेशों में रुपये-मूल्यांकित बॉन्ड जारी करने के लिए पात्र है।
लाभ
- यह मुद्रा जोखिम को समाप्त करता है, लागत-प्रभावी वित्तपोषण प्रदान करता है और वैश्विक निवेशकों तक पहुँच को विविध बनाता है।
- यह एकल स्रोतों पर निर्भरता को कम करता है और बुनियादी ढाँचे के वित्तपोषण के साथ-साथ रुपये को वैश्विक बनाने के भारत के लक्ष्य का समर्थन करता है।
- यह उच्च ब्याज दरें, कर लाभ और भारत की वृद्धि से जुड़े रुपये-आधारित निवेश अवसर प्रदान करता है, जिसमें रुपये की सराहना होने पर संभावित लाभ भी शामिल हैं।
Source :TH
प्रधानमंत्री विरासत का संवर्धन (PM VIKAS)
पाठ्यक्रम: GS2/कल्याणकारी योजनाएँ
समाचार में
- PM VIKAS अल्पसंख्यक समुदायों को कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देकर सशक्त बना रहा है।
प्रधानमंत्री विरासत का संवर्धन (PM VIKAS)
- यह अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की एक केंद्रीय क्षेत्र योजना है, जो पाँच पूर्ववर्ती योजनाओं — ‘सीखो एवं कमाओ’, ‘नई मंज़िल’, ‘नई रोशनी’, ‘उस्ताद(USTTAD)’ और ‘हमारी धरोहर’ — को एकीकृत करती है।
- इसका फोकस छह अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों के उत्थान पर है, जिसमें कौशल विकास, अल्पसंख्यक महिलाओं की उद्यमिता और नेतृत्व क्षमता, तथा स्कूल छोड़ चुके छात्रों के लिए शिक्षा समर्थन शामिल है।
- इसमें लाभार्थियों को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम (NMDFC) द्वारा प्रदान किए जाने वाले ऋण कार्यक्रमों से जोड़कर क्रेडिट लिंकिंग की सुविधा भी दी गई है।
- योजना के सभी घटकों में कुल सीटों का 3 प्रतिशत विकलांग व्यक्तियों (PwDs) के लिए आरक्षित है।
उद्देश्य
- लक्षित कौशल प्रशिक्षण और आजीविका समर्थन प्रदान करना।
- सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और प्रोत्साहित करना, जिसमें पारंपरिक कला, शिल्प एवं साहित्य शामिल हैं।
- अल्पसंख्यक महिलाओं को नेतृत्व और उद्यमिता प्रशिक्षण के माध्यम से सशक्त बनाना।
- बाज़ार और क्रेडिट लिंकिंग के माध्यम से रोजगार क्षमता और आजीविका के अवसरों को बढ़ाना।
| क्या आप जानते हैं? – भारत एक विविध राष्ट्र है जहाँ अल्पसंख्यक समुदायों का सशक्तिकरण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। – अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने छह आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक समूहों — मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और ज़ोरोस्ट्रियन (पारसी) — को सामाजिक-आर्थिक मोर्चों पर समर्थन देने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं। |
Source :PIB
हेरॉन एमके II यूएवी
पाठ्यक्रम: GS3/ रक्षा
संदर्भ
- भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद लागू आपात प्रावधानों के तहत इज़राइल से हेरॉन एमके II ड्रोन की खरीद प्रक्रिया शुरू की है।
परिचय
- डेवलपर:इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज(IAI)
- क्षमता: हेरॉन एमके II एक मध्यम-ऊँचाई, लंबी अवधि (MALE) UAV है। यह लगभग 500 किलोग्राम पेलोड ले जा सकता है और 24 घंटे से अधिक की निरंतर उड़ान भरने में सक्षम है।
- सेंसर और सिस्टम: इसमें सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR), इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम और सिगिनट सेंसर लगे हैं, जो कठिन मौसम परिस्थितियों में भी व्यापक ISR (खुफिया, निगरानी, टोही) क्षमताएँ प्रदान करते हैं।
- संचालन लचीलापन: इसके पूर्णतः स्वचालित टेक-ऑफ और लैंडिंग सिस्टम, एन्क्रिप्टेड सैटेलाइट संचार के साथ मिलकर दूरस्थ संचालन, लचीला मिशन नियोजन एवं विभिन्न क्षेत्रों में बिना ग्राउंड-आधारित लाइन-ऑफ-साइट नियंत्रण के तैनाती सक्षम करते हैं।
- महत्व: हेरॉन ड्रोन मुख्य रूप से चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर लंबी दूरी की निगरानी के लिए तैनात किए जाते हैं तथा अत्यधिक प्रभावी सिद्ध हुए हैं।

Source: TH
ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी का वर्ड ऑफ द ईयर, ‘रेज बेट’
पाठ्यक्रम: विविध
समाचार में
- ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ने “रेज बेट(rage bait0)” को वर्ष 2025 का वर्ड ऑफ द ईयर चुना है, जो डिजिटल संस्कृति के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।
| क्या आप जानते हैं? – ऑक्सफोर्ड ने “रेज बेट” को वर्ष 2025 का वर्ड ऑफ द ईयर सार्वजनिक मतदान और शब्दकोश विशेषज्ञों (lexicographers) के विश्लेषण के संयोजन के माध्यम से चुना। – ये विशेषज्ञ नए शब्दों, भाषा प्रवृत्तियों और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण घटनाओं को ट्रैक करते हैं।अंतिम शॉर्टलिस्ट में “बायो हैक” (स्वास्थ्य सुधारने के तरीके) और “ऑरा फार्मिंग” (आकर्षक या कूल दिखने के प्रयास) भी शामिल थे। |
“रेज बेट”
- इसे उस ऑनलाइन सामग्री के रूप में परिभाषित किया गया है जिसे जानबूझकर गुस्सा या आक्रोश भड़काने के लिए डिज़ाइन किया जाता है ताकि ट्रैफिक और एंगेजमेंट बढ़ सके।
- यह “ब्रेन रॉट” (2024 का शब्द) से अलग है क्योंकि यह जानबूझकर और लक्षित होता है।
- यह क्लिकबेट जैसा है लेकिन नकारात्मक उकसावे पर आधारित होता है, जिसे प्रायः सोशल मीडिया एल्गोरिद्म और उकसाने वाली पोस्टों को पुरस्कृत करने वाली प्रणालियाँ और अधिक बढ़ावा देती हैं। इससे “रेज फार्मिंग” जैसी प्रथाएँ जन्म लेती हैं।
- अब यह गढ़ी हुई कहानियों, ध्रुवीकरण करने वाली राजनीतिक पोस्टों और षड्यंत्र सिद्धांतों तक फैल चुका है, जो एक एंगेजमेंट-चालित पारिस्थितिकी तंत्र को पोषित करता है जिसे उपयोगकर्ताओं — विशेष रूप से युवा पीढ़ी — के लिए नज़रअंदाज़ करना कठिन है।
Source: IE
डॉ. टेसी थॉमस को पॉलोस मार ग्रेगोरियोस पुरस्कार 2025 द्वारा सम्मानित
पाठ्यक्रम: विविध
संदर्भ
- भारत की “मिसाइल वुमन” के नाम से प्रसिद्ध डॉ. टेसी थॉमस को विज्ञान और महिला सशक्तिकरण में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए डॉ. पॉलोस मार ग्रेगोरियोस पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया है। यह इस पुरस्कार का आठवाँ संस्करण है।
डॉ. टेसी थॉमस के बारे में
- अग्रणी वैज्ञानिक: डॉ. थॉमस रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की प्रसिद्ध वैज्ञानिक हैं और भारत में मिसाइल परियोजना का नेतृत्व करने वाली प्रथम महिला हैं।
- मुख्य योगदान: उन्होंने अग्नि-IV और अग्नि-V लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल प्रणालियों में परियोजना निदेशक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- उनके कार्य ने उन्हें “अग्निपुत्री” (अग्नि से जन्मी) का उपनाम दिलाया।
डॉ. पॉलोस मार ग्रेगोरियोस पुरस्कार के बारे में
- डॉ. पॉलोस मार ग्रेगोरियोस पुरस्कार मलंकारा (भारतीय) ऑर्थोडॉक्स चर्च की सोफिया सोसाइटी द्वारा स्थापित किया गया है और इसे द्विवार्षिक रूप से प्रदान किया जाता है।
- यह पुरस्कार दिवंगत डॉ. पॉलोस मार ग्रेगोरियोस की स्मृति में दिया जाता है, जो विश्व-प्रसिद्ध दार्शनिक, विद्वान, धर्मशास्त्री और दिल्ली डायोसिस के पहले मेट्रोपॉलिटन थे।
- जिन क्षेत्रों में यह अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार पहले दिया जा चुका है उनमें अंतर-धार्मिक संवाद एवं सहयोग, शिक्षा, समग्र स्वास्थ्य अभ्यास और सामुदायिक आत्म-नवीनीकरण शामिल हैं।
Source: IE