पाठ्यक्रम: GS2/स्वास्थ्य
संदर्भ
- विश्व एड्स दिवस प्रत्येक वर्ष 1 दिसंबर को मनाया जाता है।
परिचय
- यह प्रत्येक वर्ष एचआईवी/एड्स महामारी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
- इसे प्रथम बार 1988 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा मनाया गया था।
- थीम 2025: व्यवधानों पर विजय, एड्स प्रतिक्रिया का रूपांतरण।
- यह थीम महामारी, संघर्ष और असमानताओं से उत्पन्न व्यवधानों को दूर करने की तात्कालिकता को उजागर करती है, जो देखभाल तक पहुँच को सीमित करते हैं।
एचआईवी एड्स
- मानव इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV) एक वायरस है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है।
- एचआईवी शरीर की श्वेत रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करता है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। इससे तपेदिक, संक्रमण और कुछ कैंसर जैसी बीमारियाँ आसानी से हो सकती हैं।
- अर्जित इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (AIDS) संक्रमण के सबसे उन्नत चरण में होता है।
- संक्रमण का प्रसार: एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थों से फैलता है, जिनमें रक्त, स्तन दूध, वीर्य और योनि स्राव शामिल हैं। यह माँ से बच्चे तक भी फैल सकता है।
- उपचार: एचआईवी संक्रमण का कोई उपचार नहीं है। इसका उपचार एंटीरेट्रोवायरल दवाओं से किया जाता है, जो शरीर में वायरस को बढ़ने से रोकती हैं। अनुपचारित एचआईवी कई वर्षों बाद एड्स में बदल सकता है।

भारत में एचआईवी एड्स
- संक्रमण में कमी आई है — 2010 में 0.33% से घटकर 2024 में 0.20%।
- भारत की प्रसार दर वैश्विक औसत 0.7% से काफी कम है।
- भारत में नए संक्रमण वैश्विक कुल (2024 में 1.3 मिलियन) का केवल लगभग 5% हैं।

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (NACP)
- यह पाँच चरणों में विकसित हुआ है, जो बुनियादी जागरूकता से व्यापक रोकथाम, परीक्षण, उपचार और स्थिरता तक पहुँचा।
- NACP I (1992–1999): भारत का प्रथम व्यापक एचआईवी/एड्स रोकथाम और नियंत्रण कार्यक्रम।
- उद्देश्य: एचआईवी के प्रसार को धीमा करना और एड्स से होने वाली बीमारियों, मृत्यु दर एवं समग्र प्रभाव को कम करना।
- NACP II (1999–2006): एचआईवी/एड्स से निपटने के लिए दीर्घकालिक राष्ट्रीय क्षमता को सुदृढ़ करना।
- NACP III (2007–2012): 2012 तक एचआईवी महामारी को रोकना और उलटना।
- रणनीति: उच्च-जोखिम समूहों (HRGs) और सामान्य जनसंख्या में रोकथाम का विस्तार।
- NACP IV (2012–2017): नए संक्रमणों में 50% की कमी (2007 के आधार स्तर की तुलना में)।
- विस्तारित (2017–2021): 2030 तक एड्स समाप्त करने के लक्ष्य को आगे बढ़ाना।
- मुख्य पहलें:
- एचआईवी/एड्स (रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 2017 – यह एचआईवी से पीड़ित लोगों (PLHIV) के विरुद्ध भेदभाव को रोकता है।
- मिशन संपर्क – इसका उद्देश्य उन PLHIV को “वापस लाना” था जिन्होंने एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) बंद कर दी थी।
- नियमित सार्वभौमिक वायरल लोड निगरानी।
- NACP V (2021–2026): एक केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में शुरू किया गया, जिसका उद्देश्य विगत उपलब्धियों पर निर्माण करना और स्थायी चुनौतियों का समाधान करना है।
- इस चरण का लक्ष्य संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य 3.3 का समर्थन करना है, ताकि 2030 तक एचआईवी/एड्स महामारी को सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में समाप्त किया जा सके।
- NACP I (1992–1999): भारत का प्रथम व्यापक एचआईवी/एड्स रोकथाम और नियंत्रण कार्यक्रम।
निष्कर्ष
- भारत में एड्स की कमी वैश्विक औसत से अधिक प्रमुख है, जिसे व्यापक परीक्षण, एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी तक बेहतर पहुँच, उच्च-जोखिम समूहों तक केंद्रित पहुँच एवं कलंक से लड़ने की पहलों द्वारा समर्थित किया गया है, जो राज्य और समुदाय की संयुक्त कार्रवाइयों के माध्यम से लागू की गईं।
Source: TH
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