पाठ्यक्रम: GS2/शासन
संदर्भ
- राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) भारत की सामाजिक सुरक्षा प्रणाली का एक प्रमुख स्तंभ है, जो ज़रूरतमंद नागरिकों को आवश्यक सहायता प्रदान करता है।
राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP)
- प्रारंभ: 15 अगस्त 1995 को।
- यह पूरी तरह से केंद्र प्रायोजित योजना है जो गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवनयापन करने वाले व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
- कार्यान्वयन: ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा।
- यह ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में संचालित होता है।
- पेंशन शामिल: NSAP में वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, विकलांगता पेंशन, पारिवारिक लाभ और खाद्य सुरक्षा शामिल हैं।
NSAP की पाँच उप-योजनाएँ
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (IGNOAPS):
- 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को वित्तीय सहायता।
- 60 से 79 वर्ष के बीच वालों को ₹200 प्रति माह और 80 वर्ष से अधिक वालों को ₹500 प्रति माह।
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना (IGNWPS):
- 40 से 79 वर्ष की आयु की विधवाओं को ₹300 प्रति माह।
- 80 वर्ष और उससे अधिक आयु वालों को ₹500 प्रति माह।
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना (IGNDPS):
- 18 से 79 वर्ष के गंभीर या बहु-विकलांगता वाले व्यक्तियों के लिए, जो गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करते हैं।
- लाभार्थियों को ₹300 प्रति माह और 80 वर्ष से अधिक वालों को ₹500 प्रति माह।
- राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना (NFBS):
- गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाला परिवार, यदि उसका मुख्य आय अर्जक (18 से 59 वर्ष आयु) असमय मृत्यु को प्राप्त हो जाए, तो पात्र होता है।
- परिवार को ₹20,000 की एकमुश्त वित्तीय सहायता दी जाती है ताकि वे तत्काल आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर सकें।
- अन्नपूर्णा योजना:
- उन वरिष्ठ नागरिकों को, जो IGNOAPS के अंतर्गत पात्र हैं लेकिन वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त नहीं कर रहे, उन्हें प्रति माह 10 किलो खाद्यान्न मुफ्त दिया जाता है।
कार्यान्वयन
- चयन: ग्राम पंचायतें और नगरपालिकाएँ विभिन्न NSAP योजनाओं के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों की पहचान में सक्रिय भूमिका निभाती हैं।
- वितरण: लाभ DBT मोड (94%) अर्थात् लाभार्थी के बैंक या डाकघर बचत खाते, या डाक मनी ऑर्डर के माध्यम से प्रदान किए जाते हैं।
- निगरानी: राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को किसी भी राज्य सरकार विभाग के माध्यम से योजनाओं को लागू करने की लचीलापन है, लेकिन प्रत्येक को राज्य स्तर पर एक नोडल सचिव नियुक्त करना आवश्यक है जो कार्यान्वयन की देखरेख करे और संबंधित विभागों के साथ समन्वय करे।
प्रत्येक योजना के अंतर्गत लाभार्थी:

निष्कर्ष
- आधार-आधारित प्रमाणीकरण और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण को बढ़ावा देकर, NSAP ने पारदर्शिता में सुधार किया है, धोखाधड़ी को कम किया है तथा लाखों लाभार्थियों तक कल्याण की डिलीवरी को सुदृढ़ किया है।
- सामूहिक रूप से, ये उपाय महत्वपूर्ण वित्तीय राहत प्रदान करते हैं और पूरे देश में एक अधिक समावेशी एवं न्यायसंगत सामाजिक सुरक्षा जाल में योगदान करते हैं।
Source: PIB
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