बालीयात्रा महोत्सव
पाठ्यक्रम: GS1/ संस्कृति
समाचार में
- राष्ट्रपति ने ऐतिहासिक ‘बालीयात्रा’ उत्सव के अवसर पर ओडिशा के लोगों को शुभकामनाएँ दीं।
परिचय
- बालीयात्रा एक वार्षिक उत्सव है जो ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
- यह प्राचीन समुद्री व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों की स्मृति में आयोजित होता है, जो ओडिशा (प्राचीन कलिंग) और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों जैसे बाली, जावा एवं सुमात्रा के बीच थे।
- यह उत्सव ‘तापोई’ की कथा से जुड़ा हुआ है और इसमें ‘भालुकुनी ओषा’ (या ‘खुदुरुकुनी ओषा’) तथा ‘बड़ा ओषा’ जैसे अनुष्ठान शामिल हैं।
- बालीयात्रा के दौरान लोग परंपरागत रूप से महानदी नदी में दीपक लगे छोटे-छोटे नावों को प्रवाहित करते हैं, जो उनके पूर्वजों द्वारा किए गए समुद्री यात्राओं का प्रतीक है।
Source: TH
गोगाबील झील
पाठ्यक्रम: GS1/ भूगोल
समाचार में
- गोगाबील झील को आधिकारिक रूप से भारत की 94वीं रामसर साइट के रूप में नामित किया गया है।
गोगाबील झील के बारे में
- गोगाबील झील एक प्राकृतिक रूप से बनी ऑक्सबो वेटलैंड है, जो बिहार के कटिहार ज़िले के नदी तटीय परिदृश्य में स्थित है।
- गंगा और महानंदा नदियों के बीच इसकी रणनीतिक स्थिति इसे एक महत्वपूर्ण जलविज्ञानी और पारिस्थितिक बफर ज़ोन बनाती है।
- गोगाबील झील का समावेश भारत की रामसर कन्वेंशन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसे 1971 में ईरान के रामसर में हस्ताक्षरित किया गया था, ताकि विश्वभर में आर्द्रभूमियों के संरक्षण और उनके विवेकपूर्ण उपयोग को बढ़ावा दिया जा सके।
Source: TOI
उमंगोट नदी
पाठ्यक्रम: GS1/भूगोल
समाचार में
- मेघालय की उमंगोट नदी असामान्य रूप से गंदी हो गई है, जिससे राजमार्ग निर्माण गतिविधियों से प्रदूषण को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं।
उमंगोट नदी के बारे में
- उमंगोट नदी, जिसे दावकी या वाह उमंगोट भी कहा जाता है, मेघालय के वेस्ट जयंतिया हिल्स ज़िले के दावकी से होकर प्रवाहित होती है और अपनी क्रिस्टल जैसी साफ़, पारदर्शी जलधारा के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें नदी की तलहटी तक दिखाई देती है।
- यह भारत–बांग्लादेश सीमा के साथ प्रवाहित होती है, जो प्राकृतिक सीमा होने के साथ-साथ एक महत्वपूर्ण सीमा-पार व्यापार मार्ग भी है।
- इसका रंग बदलना, जो सामान्यतः केवल मानसून के दौरान देखा जाता है, अब शिलांग-दावकी सड़क उन्नयन निर्माण गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है।
Source :IE
स्टारलिंक द्वारा महाराष्ट्र के साथ प्रथम समझौता
पाठ्यक्रम: GS3/विज्ञान और प्रौद्योगिकी
संदर्भ
- महाराष्ट्र उपग्रह-आधारित इंटरनेट कनेक्टिविटी को दूरस्थ और वंचित क्षेत्रों तक पहुँचाने के लिए स्टारलिंक के साथ औपचारिक सहयोग करने वाला पहला भारतीय राज्य बन गया है।
परिचय
- इस साझेदारी के अंतर्गत उपग्रह इंटरनेट का उपयोग सरकारी संस्थानों, सार्वजनिक अवसंरचना एवं वंचित जिलों में किया जाएगा।
- यह कदम राज्य के डिजिटल महाराष्ट्र मिशन का भाग है और सीमित नेटवर्क पहुँच वाले क्षेत्रों में डिजिटल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने का लक्ष्य रखता है।
स्टारलिंक
- स्टारलिंक, जो एलन मस्क की स्पेसएक्स(SpaceX) कंपनी के स्वामित्व में है, निम्न-पृथ्वी कक्षा (LEO) उपग्रहों के समूह के माध्यम से इंटरनेट प्रदान करती है, जो सीधे भूमि पर उपयोगकर्ताओं तक सिग्नल पहुँचाते हैं।
- पारंपरिक ब्रॉडबैंड, जो केबल या मोबाइल टावरों पर निर्भर करता है, के विपरीत स्टारलिंक की प्रणाली उन क्षेत्रों तक पहुँच सकती है जहाँ फाइबर बिछाना या टावर बनाना कठिन या अलाभकारी होता है।
- महत्त्व”
- उपग्रह इंटरनेट ऑनलाइन शिक्षा, टेलीमेडिसिन, डिजिटल भुगतान और ई-गवर्नेंस जैसी आवश्यक सेवाओं का समर्थन कर सकता है।
- यह आपदाओं के दौरान भी संचार बनाए रख सकता है, जब बुनियादी अवसंरचना विफल हो जाती है।
Source: IE
वैश्विक भारतीय वैज्ञानिक(VAIBHAV)
पाठ्यक्रम: GS3/विज्ञान और प्रौद्योगिकी
संदर्भ
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने विश्वभर से आए वैश्विक भारतीय वैज्ञानिक (VAIBHAV) फेलोज़ के साथ वार्ता की।
परिचय
- शुरुआत: VAIBHAV फेलोशिप वर्ष 2023 में शुरू की गई थी और इसे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा लागू किया जाता है।
- उद्देश्य: देश में ज्ञान और नवाचार का पारिस्थितिकी तंत्र वैश्विक पहुँच के माध्यम से तैयार करना।
- पात्रता: प्रवासी भारतीय (NRI), भारतीय मूल के व्यक्ति (PIO) और भारतीय मूल के विदेशी नागरिक (OCI), जो वर्तमान में विदेश में कार्यरत हैं।
- क्रियान्वयन: भारतीय प्रवासी वैज्ञानिकों का सहयोग भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों (HEIs), विश्वविद्यालयों और/या सार्वजनिक वित्तपोषित वैज्ञानिक संस्थानों के साथ।
- फेलो की अवधि: VAIBHAV फेलो किसी भारतीय संस्थान की पहचान करेगा और सहयोग हेतु प्रति वर्ष अधिकतम 2 माह तक, अधिकतम 3 वर्षों तक समय व्यतीत कर सकता है।
- फेलोशिप राशि: ₹4,00,000/- न्यूनतम 1 माह और अधिकतम 2 माह प्रति वर्ष, अधिकतम 3 वर्षों की अवधि के लिए।
- संस्थागत वित्तीय सहायता: मेज़बान संस्थान को VAIBHAV फेलो की सुविधा हेतु प्रति वर्ष अधिकतम ₹5 लाख, 3 वर्षों तक वित्तीय सहायता दी जाएगी।
Source: AIR
प्रोजेक्ट सनकैचर
पाठ्यक्रम: GS3/ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
समाचार में
- गूगल ने प्रोजेक्ट सनकैचर लॉन्च किया है ताकि अंतरिक्ष में एआई डेटा केंद्रों का परीक्षण किया जा सके।
परिचय
- इस पहल में छोटे उपग्रहों का एक समूह (constellation) शामिल होगा, जिनमें गूगल के विशेष रूप से मशीन लर्निंग और एआई अनुप्रयोगों के लिए बनाए गए टेंसर प्रोसेसिंग यूनिट (TPU) चिप्स लगाए जाएंगे।
- प्रत्येक उपग्रह में उच्च दक्षता वाले सौर पैनल होंगे जो ऊर्जा प्रदान करेंगे और इन्हें फ्री-स्पेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशन बीम्स के माध्यम से जोड़ा जाएगा, जिससे वे उपग्रहों के बीच एवं पृथ्वी तक डेटा का आदान-प्रदान कर सकेंगे।
- प्रारंभिक चरण में, गूगल 2027 की शुरुआत तक दो प्रोटोटाइप उपग्रह लॉन्च करने की योजना बना रहा है ताकि कक्षा में TPU संचालन का परीक्षण किया जा सके।
Source: BS
GW250114 और हॉकिंग का नियम
पाठ्यक्रम:GS3/विज्ञान और प्रौद्योगिकी
समाचार में
- डिटेक्टरों के एक नेटवर्क — लेज़र इंटरफेरोमीटर ग्रैविटेशनल-वेव ऑब्ज़र्वेटरीज़ (LIGO), विर्गो (इटली) और काग्रा (जापान) — ने GW250114 का पता लगाया।
परिचय
- सितंबर 2015 में, अमेरिका के LIGO ने प्रथम बार गुरुत्वाकर्षण तरंगों का पता लगाया, ठीक एक सदी बाद जब आइंस्टीन ने उनकी भविष्यवाणी की थी।
- LIGO के निर्माण के लिए रैनर वीस, किप थॉर्न और बैरी बैरिश को 2017 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला।
- गुरुत्वाकर्षण तरंगें स्पेसटाइम में लहरें होती हैं, जो विशाल वस्तुओं के तीव्र गति से उत्पन्न होती हैं, जैसे टकराते हुए ब्लैक होल या न्यूट्रॉन तारे, और ये अरबों प्रकाश-वर्षों तक यात्रा कर सकती हैं।
GW250114 : नवीनतम अवलोकन
- यह अब तक का सबसे स्पष्ट गुरुत्वाकर्षण तरंग संकेत है, जो 1.3 अरब प्रकाश-वर्ष दूर स्थित विलय होते ब्लैक होल से आया है।
- इसने शोधकर्ताओं को मौलिक भौतिकी की जाँच करने का अवसर दिया, जिसमें हॉकिंग का ब्लैक-होल क्षेत्र प्रमेय और केर का घूर्णनशील ब्लैक होल समाधान शामिल हैं।
- डिटेक्टर की संवेदनशीलता में प्रगति, जैसे कम लेज़र शोर और अधिक स्वच्छ दर्पण, ने इस संकेत को पकड़ने में सहायता की।
- हॉकिंग का ब्लैक-होल क्षेत्र प्रमेय कहता है कि ब्लैक होल का कुल सतही क्षेत्र कभी कम नहीं होना चाहिए, अर्थात घटना क्षितिजों के क्षेत्रों का योग।
- इस खोज ने पुष्टि की कि विलय के बाद ब्लैक होल का कुल क्षेत्र बढ़ता है और परिणामी ब्लैक होल के कंपन को उजागर किया, जो एक घूर्णनशील ब्लैक होल की तरह व्यवहार करता है।
महत्त्व
- चल रही गुरुत्वाकर्षण तरंग खोजें वैज्ञानिकों को ब्लैक होल विलयों की बढ़ती सूची बनाने, ब्लैक होल निर्माण की समझ को परिष्कृत करने और सापेक्षवादी भौतिकी की भविष्यवाणियों का परीक्षण करने में सहायता कर रही हैं।
- यह गुरुत्वाकर्षण-तरंग विज्ञान में महत्वपूर्ण माइलस्टोन को चिह्नित करता है।
Source :TH
QS एशिया विश्वविद्यालय रैंकिंग
पाठ्यक्रम: विविध
समाचार में
- QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स: एशिया 2026 जारी कर दी गई है।
रैंकिंग्स के बारे में
- इसमें 25 स्थानों से रिकॉर्ड 1,526 विश्वविद्यालय शामिल हैं, जिनमें 557 नए प्रवेश भी हैं।
- इसे उच्च शिक्षा का अधिक क्षेत्र-विशिष्ट दृष्टिकोण प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है और इसमें ‘पीएचडी वाले स्टाफ’ तथा ‘एक्सचेंज स्टूडेंट्स’ जैसे विशिष्ट संकेतकों को शामिल किया गया है, जिनके भार को एशियाई शैक्षणिक प्राथमिकताओं को दर्शाने हेतु समायोजित किया गया है।
- यह विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन शैक्षणिक और नियोक्ता प्रतिष्ठा, फैकल्टी-स्टूडेंट अनुपात, शोध उत्पादन एवं प्रभाव, पीएचडी वाले स्टाफ, अंतर्राष्ट्रीय फैकल्टी एवं छात्र, तथा छात्र विनिमय कार्यक्रमों के आधार पर करता है।
- रैंकिंग:
- QS ने नोट किया है कि पूर्वी और दक्षिण-पूर्व एशियाई देश भारत से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, विशेषकर शोध प्रभाव, फैकल्टी संसाधन एवं अंतर्राष्ट्रीयकरण में।
- दक्षिण कोरिया और मलेशिया ने उच्च शिक्षा में रणनीतिक निवेश के कारण बेहतर प्रगति की है।
- चीन, हांगकांग, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और मलेशिया के विश्वविद्यालय शीर्ष स्थानों पर रहे, जिनमें यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग प्रथम स्थान पर रही।

- भारत-विशिष्ट आँकड़े:
- इसमें प्रकटीकरण हुआ है कि शीर्ष 10 भारतीय संस्थानों में से 9 की रैंकिंग में तीव्र गिरावट आई है, जिनमें 7 IIT भी शामिल हैं, जबकि उनके कुल स्कोर में सुधार हुआ है।
- IIT दिल्ली, जो भारत का सर्वोच्च रैंक वाला संस्थान है, 44वें स्थान से गिरकर 59वें स्थान पर आ गया।
- IIT बॉम्बे 23 स्थान गिरकर 71वें स्थान पर पहुँच गया — जो हाल के वर्षों में इसका सबसे निम्न स्तर है।
- एकमात्र भारतीय संस्थान जिसने सुधार दिखाया, वह चंडीगढ़ विश्वविद्यालय था, जो बढ़कर 109वें स्थान पर पहुँच गया।
Source :IE
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