पाठ्यक्रम: GS3/ऊर्जा
संदर्भ
- हाल ही में एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (EESL) ने आंध्र प्रदेश के अराकू घाटी और विशाखापट्टनम में भारत की सबसे बड़ी भू-तापीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी (Geothermal Energy Technology) पायलट परियोजना स्थापित करने की योजना की घोषणा की है।
| एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (EESL) के बारे में – यह चार सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (PSUs) — NTPC लिमिटेड, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (PFC), ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (REC) और पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया — का संयुक्त उपक्रम है, जो विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत आता है। – इसे पूरे भारत में बड़े पैमाने पर ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं का नेतृत्व करने के लिए स्थापित किया गया था, और यह ‘सुपर ESCO’ (Energy Service Company) के रूप में कार्य करता है। – EESL की अन्य प्रमुख पहलें: 1. UJALA: LED बल्ब और उपकरणों का वितरण 2. स्मार्ट मीटरिंग: उन्नत मीटरिंग अवसंरचना का परिनियोजन 3. राष्ट्रीय दक्ष रसोई कार्यक्रम (NECP): इंडक्शन कुकर को बढ़ावा देना ताकि खाना पकाने की लागत कम हो 4. ऊर्जा दक्ष पंखा कार्यक्रम (EEFP): पूरे देश में BLDC पंखों का वितरण 5. अराकू घाटी यह आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू (ASR) ज़िले में पूर्वी घाटों में स्थित है।गालिकोंडा पहाड़ी यहाँ स्थित है। |
भू-तापीय ऊर्जा के बारे में (Geo = पृथ्वी, Thermal = ऊष्मा)
- यह पृथ्वी की परत में संचित ऊष्मा है, जो मुख्यतः यूरेनियम, थोरियम और पोटैशियम के प्राकृतिक रेडियोधर्मी समस्थानिकों के क्षय से उत्पन्न होती है।
- औसतन, पृथ्वी का तापमान गहराई के साथ बढ़ता है — सतह के परिवेशीय तापमान से लगभग 25–30°C प्रति किलोमीटर (भू-तापीय प्रवणता)।
- यह ऊष्मा मुख्यतः चालन (conduction) द्वारा पृथ्वी के अंदर से सतह की ओर स्थानांतरित होती है।
- प्रकार:
- उच्च-एंथैल्पी संसाधन: ज्वालामुखीय क्षेत्रों, गीजर और गर्म जल के झरनों से जुड़े होते हैं, और मुख्यतः विद्युत उत्पादन में उपयोग किए जाते हैं।
- निम्न से मध्यम-एंथैल्पी संसाधन: जैसे गर्म चट्टानें और उथली भू-स्तर, प्रत्यक्ष उपयोग अनुप्रयोगों और भू-तापीय हीट पंपों के लिए अधिक उपयुक्त होते हैं।
- विशेषताएँ:
- भू-तापीय संयंत्र उच्च क्षमता उपयोग (>80%), विश्वसनीय बेसलोड आपूर्ति और कोई आवर्ती ईंधन लागत नहीं प्रदान करते हैं, जिससे वे दीर्घकाल में आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनते हैं।
- ये पूँजी-गहन और स्थल-विशिष्ट होते हैं, जिनमें अन्वेषण, ड्रिलिंग एवं अवसंरचना में उच्च प्रारंभिक निवेश की आवश्यकता होती है।
- वैश्विक भू-तापीय क्षमता (15.4 GW): संयुक्त राज्य अमेरिका, इसके बाद इंडोनेशिया, फिलीपींस, तुर्की और न्यूज़ीलैंड।
भारत में भू-तापीय संभावित स्थल
- भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने 1973 से अब तक 381 गर्म जल के झरनों की पहचान की है, जिनका सतही तापमान 35°C से 89°C तक है।
- इसे एन्हांस्ड जियोथर्मल सिस्टम्स (EGS) और एडवांस्ड जियोथर्मल सिस्टम्स (AGS) में प्रगति के साथ प्रभावी रूप से उपयोग किया जा सकता है।
- भारत मध्यम से निम्न ऊष्मा एंथैल्पी क्षेत्र (100–180°C) में आता है, जो 10 भू-तापीय प्रांतों में फैला हुआ है।
- ‘जियोथर्मल एटलस ऑफ इंडिया, 2022’ ने भारत में लगभग 10,600 मेगावाट भू-तापीय ऊर्जा की क्षमता का अनुमान लगाया है।

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संक्षिप्त समाचार 06-11-2025