भारत के नए AI शासन दिशानिर्देश

पाठ्यक्रम: GS2/शासन में AI 

संदर्भ

  • इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने इंडिया AI शासन दिशानिर्देश जारी की हैं।

परिचय

  •  ये दिशानिर्देश एक शासन ढांचा प्रस्तुत करते हैं जिसका उद्देश्य तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाना और समाज पर AI के संभावित जोखिमों को कम करना है, साथ ही भारत की आवश्यकताओं एवं आकांक्षाओं पर दृढ़ता से आधारित रहना है।
  • जुलाई 2025 में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा एक प्रारूपण समिति गठित की गई थी।
    • इसका कार्य उपलब्ध साहित्य का उपयोग करना, वर्तमान कानूनों की समीक्षा करना, वैश्विक विकासों का अध्ययन करना तथा भारत में AI शासन के लिए उपयुक्त दिशानिर्देश तैयार करना था।

मुख्य विशेषताएँ

  •  सात सिद्धांतों को विभिन्न क्षेत्रों में लागू करने हेतु अपनाया गया है और इन्हें राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप बनाया गया है।
  • मुख्य सिफारिशें: भारत के दृष्टिकोण से AI शासन के प्रमुख मुद्दों की समीक्षा की गई है और छह स्तंभों के अंतर्गत सिफारिशें दी गई हैं:
    • इन्फ्रास्ट्रक्चर: डेटा और कंप्यूट जैसी आधारभूत संसाधनों तक पहुँच बढ़ाकर AI नवाचार और अपनाने को सक्षम करना, निवेश आकर्षित करना तथा डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना की शक्ति का उपयोग करना।
    • क्षमता निर्माण: शिक्षा, कौशल विकास और प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करना ताकि लोगों को सशक्त बनाया जा सके, विश्वास बनाया जा सके और AI के जोखिमों व अवसरों के बारे में जागरूकता बढ़े।
    • नीति और विनियमन: नवाचार को समर्थन देने और AI के जोखिमों को कम करने के लिए संतुलित, चुस्त और लचीले ढांचे अपनाना।
      • वर्तमान कानूनों की समीक्षा करना, AI प्रणालियों से संबंधित नियामक अंतराल की पहचान करना और उन्हें लक्षित संशोधनों से संबोधित करना।
    • जोखिम शमन: वास्तविक विश्व की हानि के प्रमाण को दर्शाने वाला भारत-विशिष्ट जोखिम मूल्यांकन ढांचा विकसित करना।
    • जवाबदेही: किए गए कार्य, जोखिम के स्तर और उचित परिश्रम का पालन किया गया या नहीं, इन पर आधारित एक क्रमबद्ध दायित्व प्रणाली अपनाना।
    • संस्थान: “पूरे सरकार दृष्टिकोण” को अपनाना, जहाँ मंत्रालय, क्षेत्रीय नियामक और अन्य सार्वजनिक निकाय मिलकर AI शासन ढांचे विकसित एवं लागू करें।
  • संस्थागत ढांचा AI शासन दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए एक संस्थागत ढांचा भी सुझाया गया है:
    • उच्च-स्तरीय निकाय (AI Governance Group)
    • सरकारी एजेंसियाँ (MeitY, MHA, MEA, DoT आदि)
    • क्षेत्रीय नियामक (RBI, SEBI, TRAI, CCI आदि)
    • परामर्श निकाय (NITI Aayog, PSA का कार्यालय आदि)
    • मानक निकाय (BIS, TEC आदि)।
  • कार्य योजना कार्य योजना में अल्पकालिक, मध्यमकालिक और दीर्घकालिक समयसीमाओं के अनुरूप परिणामों की पहचान की गई है।

निष्कर्ष

  •  ये दिशानिर्देश मिलकर एक संतुलित, सक्रिय, लचीला, नवाचार-समर्थक और भविष्य-उन्मुख शासन ढांचा तैयार करते हैं, जिससे भारत विकास, समावेशन एवं प्रतिस्पर्धात्मकता के लिए AI के लाभों का दोहन कर सके, साथ ही व्यक्तियों तथा समाज के प्रति जोखिमों से सुरक्षा भी सुनिश्चित कर सके।

Source: TH

 

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