बाथौ धर्म
पाठ्यक्रम: GS1/ कला और संस्कृति
समाचार
- असम में बोडो समुदाय के बाथौ धर्म को आगामी राष्ट्रीय जनगणना में आधिकारिक तौर पर एक अलग संहिता प्रदान की गई है।
विषय
- बाथौवाद बोडो समुदाय का स्वदेशी धर्म है, जो मुख्य रूप से असम और उत्तरी बंगाल के कुछ हिस्सों में केंद्रित है, जहाँ यह सांस्कृतिक पहचान एवं सामुदायिक जीवन का एक प्रमुख प्रतीक है।
- “बाथौ” शब्द “पाँच सिद्धांतों” को दर्शाता है, एक ब्रह्मांड विज्ञान जिसमें ब्रह्मांड पाँच तत्वों – हा (पृथ्वी), द्वि (जल), ओर (अग्नि), बर (वायु), और ओखरंग (आकाश) से बना है – एक ढाँचा जिसे बोडो परंपरा में प्रायः पाँच गहन सिद्धांतों या विचारों के रूप में समझाया जाता है।
- प्रकृति-पूजा में निहित, बाथौवाद पर्यावरण के प्रति श्रद्धा और पवित्र पौधों (सिजौ पौधे) एवं तात्विक प्रतीकों पर केंद्रित घरेलू तथा सामुदायिक अनुष्ठानों के माध्यम से मानव-प्रकृति संबंधों में संतुलन बनाए रखने पर बल देता है।
Source: ET
वी राइज़ पहल
पाठ्यक्रम: GS2/ महिला सशक्तिकरण
समाचारों में
- ‘वी राइज़ (महिला उद्यमी समावेशी और सतत उद्यमों की पुनर्कल्पना कर रही हैं)’ पहल हाल ही में शुरू की गई है।
परिचय
- ‘वी राइज़’ पहल का उद्देश्य महिला उद्यमियों को व्यापार सुविधा, मार्गदर्शन और रणनीतिक साझेदारियों के माध्यम से वैश्विक स्तर पर विस्तार करने के लिए सशक्त बनाना है।
- यह नीति आयोग के महिला उद्यमिता मंच (WEP) द्वारा उसके अवार्ड टू रिवॉर्ड (ATR) पहल के अंतर्गत और DP वर्ल्ड के साथ मिलकर शुरू किया गया एक संयुक्त कार्यक्रम है, जो महिला-नेतृत्व वाले विकास पर सरकार के फोकस के अनुरूप है।
| महिला उद्यमिता मंच (WEP) – WEP की स्थापना 2018 में नीति आयोग में एक एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म के रूप में की गई थी, जो 2022 में एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी में परिवर्तित हो गया। – यह भारत में महिला उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करने और महिला-नेतृत्व वाले विकास को वास्तविकता में बदलने के लिए एक राष्ट्रीय एग्रीगेटर के रूप में कार्य करता है। – सरकारी और निजी क्षेत्रों के 47 से अधिक भागीदारों के साथ, WEP एक सक्षमकर्ता के रूप में कार्य करता है तथा छह प्रमुख पारिस्थितिकी तंत्र आवश्यकताओं को संबोधित करता है — वित्त तक पहुंच, बाजार संपर्क, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास, मार्गदर्शन एवं नेटवर्किंग, अनुपालन एवं कानूनी सहायता, तथा व्यवसाय विकास सेवाएं। अवार्ड टू रिवॉर्ड (ATR) पहल – इसकी शुरुआत 2023 में WEP की साझेदारी रूपरेखा को संस्थागत बनाने के लिए की गई थी, ताकि पारिस्थितिकी तंत्र के हितधारकों को एक साथ लाया जा सके और महिला उद्यमियों की विशिष्ट आवश्यकताओं को संबोधित किया जा सके, साथ ही उनकी सफलता की कहानियों का उत्सव मनाया जा सके। – यह एक प्लग-एंड-प्ले मॉडल के रूप में कार्य करता है, जो विस्तार योग्य सहयोग और मापनीय प्रभाव को बढ़ावा देता है। |
Source: TH
UPOV सम्मेलन
पाठ्यक्रम: GS2/अन्तर्राष्ट्रीय संबंध
संदर्भ
- GRAIN की एक नई रिपोर्ट ने मुक्त व्यापार समझौतों के माध्यम से बीजों पर बढ़ते कॉर्पोरेट नियंत्रण की चेतावनी दी है।
परिचय
- प्रभावशाली अर्थव्यवस्थाएं — जिनमें अमेरिका, यूरोपीय संघ, जापान और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं — पौधों की किस्मों पर कठोर बौद्धिक संपदा (IP) नियमों को आगे बढ़ा रही हैं।
- संयुक्त अरब अमीरात एशिया और अफ्रीका के साथ व्यापार समझौतों में UPOV 1991 मानकों को बढ़ावा देने वाला एक नया खिलाड़ी बनकर उभरा है।
- किसानों के बीजों को बचाने, आदान-प्रदान करने और पुनः उपयोग करने के अधिकारों को वैश्विक स्तर पर कमजोर किया जा रहा है।
- UPOV 1991 कन्वेंशन: पौधों की नई किस्मों के संरक्षण के लिए गठित संघ का 1991 अधिनियम (UPOV) बीज कंपनियों को नई फसल किस्मों पर 20–25 वर्षों तक एकाधिकार अधिकार प्रदान करता है।
- इसका प्रारंभिक हस्ताक्षर 1961 में हुआ था।
- मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड।
- यह नई पौध किस्मों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए एक प्रभावी संरक्षण प्रणाली प्रदान करता है और उसका प्रचार करता है।
- किसानों को इन बीजों को बचाने, साझा करने या पुनः उपयोग करने से प्रतिबंधित किया जाता है, जिससे पारंपरिक कृषि पद्धतियाँ, स्वदेशी ज्ञान एवं खाद्य संप्रभुता कमजोर होती है।
- मूल रूप से यूरोप में औद्योगिक कृषि का समर्थन करने के लिए डिज़ाइन किया गया यह मॉडल अब मुक्त व्यापार समझौतों (FTAs) के माध्यम से वैश्विक स्तर पर निर्यात किया जा रहा है।
Source: DTE
रोटावायरस वैक्सीन बच्चों में गैस्ट्रोएंटेराइटिस के विरुद्ध प्रभावी
पाठ्यक्रम: GS2/ स्वास्थ्य
संदर्भ
- हाल ही में हुए एक अध्ययन के अनुसार, भारत के स्वदेशी रोटावायरस टीके ‘Rotavac’ ने सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) में शामिल होने के बाद बच्चों में रोटावायरस से संबंधित गैस्ट्रोएन्टेराइटिस के मामलों में उल्लेखनीय कमी की है।
Rotavac के बारे में
- परिचय: भारत ने 2016 में सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) के अंतर्गत ‘Rotavac’, एक स्वदेशी मौखिक रोटावायरस टीका, को शुरू किया। इसे 6, 10 और 14 सप्ताह की आयु में दिया जाता है।
- सुलभता: UIP के हिस्से के रूप में यह टीका सभी पात्र लाभार्थियों को नि:शुल्क प्रदान किया जाता है।
रोटावायरस क्या है?
- रोटावायरस एक अत्यधिक संक्रामक वायरस है जो छोटी आंत की परत की कोशिकाओं को संक्रमित और क्षतिग्रस्त करता है।
- यह शिशुओं और छोटे बच्चों में गंभीर दस्त (गैस्ट्रोएन्टेराइटिस) का एक प्रमुख कारण है।
- संक्रमण का तरीका: मुख्य रूप से मल–मौखिक मार्ग से फैलता है (जैसे दूषित भोजन, पानी या सतहों के माध्यम से)।
Source: TH
राज्य खनन तत्परता सूचकांक
पाठ्यक्रम: GS3/ अर्थव्यवस्था
संदर्भ
- खनन मंत्रालय ने स्टेट माइनिंग रेडीनेस इंडेक्स (SMRI) और संबंधित राज्यों की रैंकिंग जारी की है।
स्टेट माइनिंग रेडीनेस इंडेक्स (SMRI) के बारे में
- SMRI को राज्यों के प्रदर्शन को मापने के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि वे खनन क्षेत्र को सुगम और सुधारने में कैसे योगदान दे रहे हैं, विशेष रूप से गैर-कोयला खनिजों पर ध्यान केंद्रित करते हुए।
- इस सूचकांक का उद्देश्य पारदर्शिता, दक्षता और सतत खनन को बढ़ावा देना है, साथ ही राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करना है।
- इस सूचकांक की संरचना में ऐसे संकेतक शामिल हैं जैसे: नीलामी प्रदर्शन, खदानों का शीघ्र संचालन, अन्वेषण पर बल और गैर-कोयला खनिजों से संबंधित सतत खनन।
राज्यों का वर्गीकरण
- राज्यों को उनके खनिज संसाधनों के आधार पर तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है:
- श्रेणी A (खनिज-समृद्ध राज्य): मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात।
- श्रेणी B (मध्यम संसाधन वाले राज्य): उत्तर प्रदेश और असम।
- श्रेणी C (कम संसाधन वाले राज्य): पंजाब, उत्तराखंड और त्रिपुरा।
Source: PIB
वनों के लिए वित्त की स्थिति (SFF) रिपोर्ट
पाठ्यक्रम :GS3/पर्यावरण
समाचारों में
- संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा हाल ही में पहला “वनों के लिए वित्त की स्थिति(SFF)” रिपोर्ट जारी किया गया।
वनों के लिए वित्त की स्थिति (SFF)
- यह रिपोर्ट 2023 में सार्वजनिक और निजी वन वित्त का वैश्विक अवलोकन प्रस्तुत करती है, तथा वर्तमान निवेश प्रवाह की तुलना उन निवेशों से करती है जो जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता हानि एवं भूमि क्षरण से निपटने में वनों की क्षमता को साकार करने के लिए आवश्यक हैं।
- यह प्रमाणित वस्तु आपूर्ति श्रृंखलाओं, प्रभाव निवेश, कार्बन और जैव विविधता बाजारों, परोपकारी वित्त पोषण, तथा सार्वजनिक वित्त के माध्यम से एकत्रित किए गए निजी पूंजी जैसे प्रमुख निजी वित्त चैनलों एवं प्रकृति-संबंधी परिसंपत्ति वर्गों को एकीकृत करता है।
मुख्य निष्कर्ष
- यह रिपोर्ट वनों में गंभीर रूप से कम निवेश को उजागर करती है, जबकि वे जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता हानि और भूमि क्षरण से लड़ने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
- 2023 में वैश्विक वन वित्त US$84 बिलियन रहा, जो 2030 तक वार्षिक रूप से आवश्यक US$300 बिलियन और 2050 तक US$498 बिलियन से काफी कम है, जिससे प्रत्येक वर्ष US$216 बिलियन की कमी बनी रहती है।
- निजी वन वित्त केवल US$7.5 बिलियन था, जो मुख्य रूप से कम जोखिम वाले बाजारों को लक्षित करता है, न कि उन उष्णकटिबंधीय वस्तुओं को जो वनों की कटाई से जुड़ी हैं।
- वहीं, पर्यावरण को हानि पहुंचाने वाली सब्सिडी US$406 बिलियन तक पहुंच गई, और निजी संस्थानों के पास US$8.9 ट्रिलियन की सक्रिय वित्तीय पूंजी उन कंपनियों से जुड़ी थी जिनमें वनों की कटाई का उच्च जोखिम है — यह सतत वन निवेश की दिशा में पूंजी को पुनः निर्देशित करने की तत्काल आवश्यकता को दर्शाता है।
Source: DTE
REDD+ कार्यक्रम
पाठ्यक्रम: GS3/पर्यावरण
संदर्भ
- एक अध्ययन के अनुसार, उष्णकटिबंधीय वनों के कार्बन ऑफसेट परियोजनाओं में से केवल कुछ ही ने वनों की कटाई में उल्लेखनीय कमी प्राप्त की है, जिनमें मात्र 19% परियोजनाएं ही अपने रिपोर्ट किए गए लक्ष्यों को पूरा कर पाई हैं।
- ये ऑफसेट परियोजनाएं REDD+ कार्यक्रम का हिस्सा हैं, जिसका पूर्ण रूप है — वनों की कटाई और क्षरण से उत्सर्जन में कमी प्लस।
REDD+ क्या है?
- REDD+ जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए विकसित किया गया एक समाधान है, जिसे संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) के पक्षकारों द्वारा विकसित किया गया है।
- पेरिस जलवायु समझौता REDD+ और वनों की केंद्रीय भूमिका को मान्यता देता है।
- इसकी शुरुआत 2005 में मॉन्ट्रियल में UNFCCC के कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज़ (COP 11) के दौरान की गई थी।
- “+” को बाद में COP 13 में बाली (2007) में जोड़ा गया, ताकि वनों से संबंधित व्यापक गतिविधियों को शामिल किया जा सके।
- यह विकासशील देशों को वनों के संरक्षण, कार्बन भंडार को बढ़ाने और मानव कल्याण को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक प्रोत्साहन प्रदान करता है।
- REDD+ वनों के संरक्षण और सतत प्रबंधन के माध्यम से वनों की कटाई को कम करता है और विकासशील देशों को उनके राष्ट्रीय रूप से निर्धारित योगदानों (NDCs) में व्यक्त राजनीतिक प्रतिबद्धताओं को क्रियान्वित करने में सहायता करता है।
- REDD+ परियोजनाएं सरकारों, संगठनों, समुदायों और वन क्षेत्रों में व्यक्तियों को उन गतिविधियों के लिए भुगतान करती हैं जो वनों का संरक्षण करती हैं तथा वन-आधारित ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (GHG) से बचाव करती हैं।
Source: DTE
ब्रह्मोस
पाठ्यक्रम: GS3/रक्षा
संदर्भ
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस इकाई में निर्मित ब्रह्मोस मिसाइलों के प्रथम बैच को रवाना किया।
ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में
- संयुक्त उपक्रम: DRDO (भारत) और NPO माशिनोस्त्रोयेनीया (रूस) के बीच।
- नाम की उत्पत्ति: ब्रह्मपुत्र (भारत) और मस्कवा (रूस) नदियों से लिया गया।
- प्रथम परीक्षण: 12 जून 2001 को किया गया।
- सेना में शामिल होने की समयरेखा: नौसेना (2005), थल सेना (2007) और वायु सेना (2017)। प्रकार: “फायर एंड फॉरगेट” सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल — जिसे भूमि, समुद्र या वायु से सभी मौसमों में लॉन्च किया जा सकता है, तथा इसे रोकना लगभग असंभव है।
- युद्ध में उपयोग: रिपोर्ट के अनुसार प्रथम बार ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उपयोग किया गया।
- गति:
- वर्तमान: Mach 2.8 (सुपरसोनिक)
- भविष्य: Mach 5+ (हाइपरसोनिक संस्करण विकासाधीन)
- रेंज:
- प्रारंभिक: 290 किमी (MTCR सीमा के अंतर्गत)
- विस्तारित: 400 किमी, और 600+ किमी का संस्करण विकासाधीन।
- चरण: ब्रह्मोस एक दो-चरणीय मिसाइल है जिसमें ठोस प्रणोदक बूस्टर इंजन होता है।
- पहला चरण मिसाइल को सुपरसोनिक गति तक पहुंचाता है और फिर अलग हो जाता है।
- दूसरा चरण — लिक्विड रैमजेट — क्रूज़ चरण में मिसाइल को ध्वनि की गति से तीन गुना तक ले जाता है।
| क्या आप जानते हैं? – मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रेजीम (MTCR) एक स्वैच्छिक बहुपक्षीय समूह है जिसका उद्देश्य उन मिसाइल तकनीकों के प्रसार को सीमित करना है जिनका उपयोग रासायनिक, जैविक और परमाणु हमलों में किया जा सकता है। – अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, MTCR गैर-सदस्य देशों को मिसाइलों और कुछ तकनीकों के हस्तांतरण पर प्रतिबंध लगाता है। भारत 2016 में इसका सदस्य बना। |
Source: AIR
राष्ट्रमंडल/कॉमनवेल्थ खेल
पाठ्यक्रम: विविध
संदर्भ
- कॉमनवेल्थ स्पोर्ट की कार्यकारी बोर्ड ने गुजरात के सबसे बड़े शहर अहमदाबाद को “प्रस्तावित मेज़बान” के रूप में अनुशंसित किया है। भारत ने अंतिम बार 2010 में दिल्ली में राष्ट्रमंडल/कॉमनवेल्थ खेल की मेज़बानी की थी।
राष्ट्रमंडल/कॉमनवेल्थ खेल के बारे में
- राष्ट्रमंडल/कॉमनवेल्थ खेल की शुरुआत 1930 में (प्रारंभिक आयोजन हैमिल्टन, कनाडा में) ब्रिटिश एम्पायर गेम्स के रूप में हुई थी।
- वर्तमान में यह एक बहु-खेल अंतरराष्ट्रीय आयोजन है, जो ओलंपिक की तर्ज पर आयोजित होता है और इसमें कॉमनवेल्थ ऑफ नेशंस तथा उनके संबद्ध क्षेत्रों के खिलाड़ी भाग लेते हैं।
- कॉमनवेल्थ ऑफ नेशंस, या संक्षेप में कॉमनवेल्थ, 54 संप्रभु देशों का एक स्वैच्छिक संघ है, जिनमें से अधिकांश ब्रिटिश साम्राज्य की पूर्व उपनिवेश रहे हैं।
- राजनीतिक परिवर्तनों और स्वैच्छिक वापसी या नए जुड़ाव के कारण सदस्यता समय के साथ विकसित हुई है।
- आज, राष्ट्रमंडल/कॉमनवेल्थ खेल विश्व का दूसरा सबसे बड़ा बहु-खेल आयोजन है और चौथा सबसे अधिक देखा जाने वाला वैश्विक प्रसारण खेल कार्यक्रम है, जिसमें 71 देशों एवं क्षेत्रों के खिलाड़ी भाग लेते हैं।
Source: TH
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