पाठ्यक्रम: GS2/अंतर्राष्ट्रीय संबंध
संदर्भ
- श्रीलंका के प्रधानमंत्री भारत की राजकीय यात्रा पर हैं। दोनों नेताओं ने शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, नवाचार, विकास सहयोग और मछुआरों के कल्याण पर चर्चा की।
भारत और श्रीलंका संबंध
- राजनयिक संबंध: श्रीलंका की स्वतंत्रता के बाद 1948 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए।
- व्यापारिक संबंध: भारत-श्रीलंका मुक्त व्यापार समझौता (ISFTA) 2000 में हुआ, जिसने दोनों देशों के बीच व्यापार विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- भारत पारंपरिक रूप से श्रीलंका के सबसे बड़े व्यापार भागीदारों में रहा है और श्रीलंका SAARC में भारत के सबसे बड़े व्यापार भागीदारों में से एक है।
- भारत श्रीलंका में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का भी एक प्रमुख स्रोत है।
- सांस्कृतिक संबंध: 1977 में हस्ताक्षरित सांस्कृतिक सहयोग समझौता दोनों देशों के बीच समय-समय पर सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों का आधार है।
- पर्यटन: भारत पारंपरिक रूप से श्रीलंका का शीर्ष आगंतुक पर्यटन बाजार रहा है, इसके बाद चीन का स्थान है।
- श्रीलंका पर्यटन विकास प्राधिकरण के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 2023 में भारत श्रीलंका के लिए सबसे बड़ा पर्यटक स्रोत रहा है।
- समुद्री सुरक्षा और रक्षा सहयोग: 2011 में हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन की स्थापना का निर्णय लिया गया।
- भारत और श्रीलंका संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘मित्र शक्ति’, त्रिपक्षीय समुद्री अभ्यास “दोस्ती”, एवं नौसेना अभ्यास SLINEX आयोजित करते हैं।
- संपर्क परियोजनाएँ: हाल ही में दोनों पक्षों ने समुद्री, ऊर्जा और जन-जन संपर्क को बढ़ाने के लिए एक दृष्टि दस्तावेज को अपनाया है।
- दोनों देशों के बीच एक भूमि पुल विकसित करने की योजना है, जिससे भारत को त्रिंकोमाली और कोलंबो बंदरगाहों तक भूमि मार्ग से पहुँच मिल सके तथा आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले।
- बहुपक्षीय मंच सहयोग: भारत और श्रीलंका कई क्षेत्रीय और बहुपक्षीय संगठनों के सदस्य हैं जैसे दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC), दक्षिण एशिया सहकारी पर्यावरण कार्यक्रम, दक्षिण एशियाई आर्थिक संघ तथा BIMSTEC, जो सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ाने के लिए कार्य करते हैं।
चिंता के क्षेत्र
- मछुआरों का मुद्दा: श्रीलंका की भारतीय समुद्री सीमा के निकटता के कारण दोनों पक्षों के मछुआरे मछली पकड़ने की खोज में प्रायः सीमा रेखा पार कर जाते हैं।
- 2016 से, मछुआरों की तात्कालिक समस्याओं को हल करने और स्थायी समाधान खोजने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह (JWG) तंत्र लागू है।
- चीन का उदय: हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के रणनीतिक निवेश चिंता का विषय बने हुए हैं।
- परियोजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता की कमी और बंदरगाहों के संभावित सैन्य उपयोग की आशंका है।
- समुद्री सुरक्षा संबंधी चिंताएँ: पाल्क जलडमरूमध्य और आसपास के जल क्षेत्रों में समुद्री डकैती, अवैध मछली पकड़ना तथा तस्करी जैसी समस्याएँ।
- घटनाओं को रोकने के लिए समुद्री सीमाओं पर निरंतर समन्वय की आवश्यकता है।
- श्रीलंका में आंतरिक अस्थिरता: राजनीतिक अशांति या सरकार में बदलाव समझौतों और विकास परियोजनाओं की निरंतरता को प्रभावित करते हैं।
- आंतरिक अस्थिरता के कारण अवसंरचना या आर्थिक परियोजनाओं में देरी होती है।
आगे की राह
- भारत और श्रीलंका गहरे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंध साझा करते हैं, जो व्यापार, रक्षा एवं विकास सहयोग से सुदृढ़ होते हैं।
- हालाँकि चीनी प्रभाव और आर्थिक अस्थिरता जैसी चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
- विकसित आर्थिक और समुद्री सहयोग, तथा मजबूत जन-जन संबंध हिंद महासागर में एक सुदृढ़, पारस्परिक रूप से लाभकारी एवं रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण साझेदारी सुनिश्चित कर सकते हैं।
Source: IE
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