पाठ्यक्रम: GS2/ अंतर्राष्ट्रीय संबंध
संदर्भ
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मंगोलियाई राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना के मध्य नई दिल्ली में द्विपक्षीय बैठक के दौरान भारत एवं मंगोलिया ने 10 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।
प्रमुख समझौते और समझौता ज्ञापन
- सांस्कृतिक एवं शैक्षिक आदान-प्रदान: बौद्ध विरासत संबंधों को बेहतर करने के लिए भारत के लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद (लेह) को मंगोलिया के अरखांगई प्रांत से जोड़ने वाला एक समझौता ज्ञापन ।
- भारत मंगोलिया के गंडांटेगचिनलेन (गंडन) मठ में एक संस्कृत शिक्षक भेजेगा और प्राचीन बौद्ध पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण करेगा, जिससे ऐतिहासिक नालंदा-गंडन संबंध सुदृढ़ होंगे।
- लोगों के बीच आवागमन: भारत ने मंगोलियाई नागरिकों के लिए निःशुल्क ई-वीज़ा की घोषणा की है और वार्षिक सांस्कृतिक-राजदूत यात्राओं को प्रायोजित करेगा।
- सहकारिता, भूविज्ञान और खनिज संसाधनों को प्रोत्साहन देने तथा डिजिटल परिवर्तन पर समझौता ज्ञापन खनन, महत्वपूर्ण खनिजों और प्रौद्योगिकी में संयुक्त उद्यमों का मार्गदर्शन करेंगे।
- भारत मंगोलिया की ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए 1.7 बिलियन डॉलर की ऋण सहायता के माध्यम से मंगोलिया की प्रथम तेल रिफाइनरी का वित्तपोषण कर रहा है।
- विरासत और कल्याण: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण मंगोलिया के ऐतिहासिक बोगद खान पैलेस के जीर्णोद्धार में सहायता करेगा, और एक समझौता ज्ञापन भारत के योग संस्थान को मंगोलियन योग महासंघ के साथ जोड़ेगा, जिससे पारंपरिक कल्याण आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा।
| भारत-मंगोलिया संबंधों पर संक्षिप्त जानकारी – राजनीतिक सहयोग: भारत और मंगोलिया के बीच राजनयिक संबंध 24 दिसंबर 1955 को स्थापित हुए थे। – 2025 भारत-मंगोलिया राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ है। – भारत ने मंगोलिया को संयुक्त राष्ट्र और गुटनिरपेक्ष आंदोलन की सदस्यता दिलाने में सहयोग दिया। – मंगोलिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत के दावे का लगातार समर्थन किया है। – सांस्कृतिक सहयोग: 1961 में हस्ताक्षरित भारत-मंगोलियाई सांस्कृतिक समझौते ने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम को संचालित किया है। – बौद्ध विरासत: बौद्ध धर्म भारत-मंगोलिया संबंधों की नींव रखता है। नालंदा विश्वविद्यालय और गंडन मठ के बीच संबंध निरंतर सांस्कृतिक सहयोग को दर्शाता है। – भारत-मंगोलिया मैत्री विद्यालय की स्थापना और उलानबटार में अंतर्राष्ट्रीय वेसाक दिवस का आयोजन लोगों के बीच आपसी जुड़ाव को दर्शाता है। – रक्षा सहयोग: संयुक्त भारत-मंगोलिया सैन्य अभ्यास ‘नोमैडिक एलीफेंट’ प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है, जो उग्रवाद विरोधी और शांति अभियानों पर केंद्रित होता है। – भारत ने मंगोलिया के सीमा सुरक्षा बलों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों और उलानबटोर स्थित भारतीय दूतावास में रक्षा अताशे की नियुक्ति की घोषणा की है, जो गहन सैन्य सहयोग की दिशा में एक बड़ा कदम है। |
भारत के लिए सामरिक महत्व
- ऊर्जा सुरक्षा: मंगोलियाई रिफाइनरी परियोजना भारत को मध्य एशियाई ऊर्जा नेटवर्क में प्रवेश का एक माध्यम प्रदान करती है।
- महत्वपूर्ण खनिज सहयोग: मंगोलिया कोकिंग कोल, दुर्लभ मृदा और यूरेनियम से समृद्ध है, जो भारत के ऊर्जा परिवर्तन एवं औद्योगिक क्षेत्रों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- क्षेत्रीय संपर्क: मंगोलिया के माध्यम से भारत की पहुँच उसकी एक्ट ईस्ट नीति और कनेक्ट सेंट्रल एशिया नीति का पूरक है, जो दक्षिण, पूर्व एवं मध्य एशिया के बीच के अंतर को समाप्त करती है।
- वैश्विक दक्षिण साझेदारी: सहयोग समावेशी विकास और सतत विकास को आगे बढ़ाने में वैश्विक दक्षिण के लोकतंत्रों के बीच एकजुटता का प्रतीक है।
Source: AIR
Previous article
संक्षिप्त समाचार 14-10-2025
Next article
भारत और सऊदी अरब व्यापार संबंधों को गहरा करेंगे