पाठ्यक्रम:GS3/पर्यावरण
समाचार में
- भारत ने आधिकारिक रूप से IUCN वर्ल्ड कंजर्वेशन कांग्रेस 2025 में राष्ट्रीय रेड लिस्ट रोडमैप और विज़न 2025–2030 लॉन्च किया है, जो प्रजातियों के मूल्यांकन एवं संरक्षण योजना में एक परिवर्तनकारी कदम है।
राष्ट्रीय रेड लिस्ट रोडमैप और विज़न 2025–2030
- यह वनस्पति और जीव-जंतु दोनों के लिए रेड डेटा बुक्स प्रकाशित करने की परिकल्पना करता है, जो संकटग्रस्त प्रजातियों का प्रामाणिक दस्तावेज़ प्रदान करेगा।
- यह भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (ZSI), भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (BSI), IUCN इंडिया और सेंटर फॉर स्पीशीज़ सर्वाइवल द्वारा विकसित किया गया है।
- भारत का लक्ष्य 2030 तक वनस्पति और जीव-जंतु दोनों के लिए राष्ट्रीय रेड डेटा बुक्स प्रकाशित करना है।
मुख्य विशेषताएँ
- यह 2030 तक स्थलीय और समुद्री जैव विविधता सहित लगभग 11,000 वनस्पति और जीव-जंतु प्रजातियों का मूल्यांकन करेगा।
- यह IUCN रेड लिस्ट प्रोटोकॉल का पालन करता है और जैव विविधता पर कन्वेंशन तथा कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता ढांचे के अंतर्गत भारत की प्रतिबद्धताओं का समर्थन करता है।
- इसमें डेटा संग्रह, निगरानी और संरक्षण स्थिति की सार्वजनिक पहुंच के लिए एक केंद्रीकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म शामिल है।
भारत के लिए प्रासंगिकता
- भारत, विश्व के 17 मेगाडाइवर्स देशों में से एक है, और भारत में चार वैश्विक जैव विविधता हॉटस्पॉट — हिमालय, पश्चिमी घाट, इंडो-बर्मा एवं सुंडालैंड — है।
- यह विश्व की भूमि का केवल 2.4% भाग घेरता है, लेकिन इसमें वैश्विक वनस्पति का लगभग 8% और वैश्विक जीव-जंतु का 7.5% हिस्सा है, जिनमें से 28% पौधे और 30% जानवर स्थानिक (एंडेमिक) हैं।
- रेड लिस्ट रोडमैप इस अंतर को भरता है, जिससे नीति निर्माण और संसाधन आवंटन के लिए आवश्यक आधारभूत डेटा, खतरे का विश्लेषण और संरक्षण प्राथमिकताएँ प्राप्त होती हैं।
- इसका उद्देश्य भारत की वनस्पति और जीव-जंतु के विलुप्ति जोखिम का मूल्यांकन करने के लिए एक राष्ट्रीय समन्वित, विज्ञान-आधारित ढांचा स्थापित करना है।
आगामी चुनौतियाँ
- कई प्रजातियाँ, विशेष रूप से दूरस्थ पारिस्थितिकी तंत्रों में, अभी भी दस्तावेजीकृत नहीं हैं या उनका अध्ययन अपर्याप्त है।
- प्रभावी कार्यान्वयन के लिए केंद्रीय और राज्य विभागों, अनुसंधान संस्थानों एवं स्थानीय समुदायों के बीच निर्बाध सहयोग आवश्यक है, जो चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
- कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने, क्षेत्रीय सर्वेक्षण करने और डिजिटल अवसंरचना बनाए रखने के लिए निरंतर वित्तीय एवं तकनीकी सहायता की आवश्यकता है।
- अवसंरचना परियोजनाएँ प्रायः पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों से टकराती हैं, जिसके लिए सावधानीपूर्वक नीति एकीकरण आवश्यक है।
सुझाव और आगे की राह
- भारत का राष्ट्रीय रेड लिस्ट रोडमैप जैव विविधता की रक्षा और वैश्विक सततता का समर्थन करने का एक रणनीतिक प्रयास है।
- यह संस्थानों को मजबूत करने, स्थानीय समुदायों को शामिल करने, डेटा को नीति निर्माण में एकीकृत करने और वैश्विक संरक्षण भागीदारों के साथ सहयोग पर केंद्रित है।
- रेड लिस्ट देश के भविष्य के पर्यावरणीय और पारिस्थितिकीय ढांचे की आधारशिला बनने की संभावना है।
Source :DD
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