पाठ्यक्रम: GS3/विज्ञान और प्रौद्योगिकी
संदर्भ
- जॉन क्लार्क, मिशेल डेवोरेट और जॉन मार्टिनिस को 2025 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार एक विद्युत परिपथ में क्वांटम यांत्रिक टनलिंग की खोज के लिए साझा रूप से दिया जाएगा।
परिचय
- उन्होंने दिखाया कि टनलिंग की प्रक्रिया केवल उपपरमाणु कणों में ही नहीं, बल्कि सुपरकंडक्टर से बने एक विद्युत परिपथ में भी हो सकती है।

- टनलिंग का शाब्दिक अर्थ है कणों का भौतिक दीवारों को पार कर जाना।
- ऐसा विचित्र व्यवहार सामान्य स्तर पर नहीं देखा जा सकता, लेकिन इन वैज्ञानिकों ने यह दिखाया कि एकल कणों की एक बड़ी संख्या को संगठित करके उन्हें “टनलिंग” गुण प्रदर्शित करने के लिए बाध्य किया जा सकता है।
| क्या आप जानते हैं? – क्वांटम यांत्रिकी को सर्वप्रथम जर्मन भौतिक विज्ञानी वर्नर हाइजेनबर्ग ने 1925 में औपचारिक रूप से वर्णित किया था। – सौ वर्ष पश्चात, संयुक्त राष्ट्र ने 2025 को क्वांटम विज्ञान और प्रौद्योगिकी का अंतरराष्ट्रीय वर्ष घोषित किया है ताकि इस उपलब्धि की शताब्दी का जश्न मनाया जा सके। – क्वांटम प्रौद्योगिकी एक तीव्रता से उभरता हुआ क्षेत्र है जो क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों का उपयोग करके अभूतपूर्व क्षमताओं वाली नई तकनीकों का विकास करता है। – क्वांटम यांत्रिकी भौतिकी की वह शाखा है जो कणों के क्वांटम स्तर पर व्यवहार का अध्ययन करती है, जहाँ पारंपरिक भौतिकी लागू नहीं होती। |
यह कैसे किया गया?
- एक जोसेफसन जंक्शन दो सुपरकंडक्टरों से बना एक उपकरण होता है, जिनके बीच एक बहुत पतली इन्सुलेटिंग बाधा होती है।
- यह कूपर युग्मों (सुपरकंडक्टर में इलेक्ट्रॉनों की जोड़ी) को बिना प्रतिरोध के इन्सुलेटर के पार टनल करने की अनुमति देता है, भले ही यह पारंपरिक रूप से निषिद्ध हो — इसे जोसेफसन प्रभाव कहा जाता है।
- क्वांटम टनलिंग: जब धारा एक निश्चित सीमा से नीचे होती है, तो इलेक्ट्रॉन फंसे रहते हैं (कोई वोल्टेज नहीं)।
- पारंपरिक रूप से यह अवस्था अनिश्चितकाल तक बनी रहनी चाहिए, लेकिन क्वांटम यांत्रिकी टनलिंग की अनुमति देती है — इलेक्ट्रॉन युग्म बाधा के पार “भाग” जाते हैं, जिससे एक छोटा वोल्टेज उत्पन्न होता है।

जोसेफसन जंक्शन और संबंधित कार्यों के अनुप्रयोग
- क्वांटम कंप्यूटिंग: जोसेफसन जंक्शन सुपरकंडक्टिंग क्यूबिट्स का आधार बनाते हैं, जो गणना के लिए क्वांटाइज्ड ऊर्जा स्तरों का उपयोग करते हैं।
- सर्किट क्वांटम इलेक्ट्रोडायनामिक्स (cQED) का क्षेत्र — सुपरकंडक्टिंग सर्किट्स को माइक्रोवेव रेज़ोनेटर से जोड़ना — इसी कार्य से उत्पन्न हुआ है।
- सटीक मापन: वोल्ट की सटीक परिभाषा के लिए जोसेफसन वोल्टेज मानकों में उपयोग किया जाता है।
- SQUIDs (सुपरकंडक्टिंग क्वांटम इंटरफेरेंस डिवाइसेस) बहुत कमजोर चुंबकीय क्षेत्रों का पता लगाने के लिए जोसेफसन जंक्शन का उपयोग करते हैं।
- क्वांटम प्रौद्योगिकियाँ
- क्वांटम एम्प्लिफायर: कमजोर संकेतों को न्यूनतम शोर के साथ बढ़ाते हैं।
- माइक्रोवेव-से-ऑप्टिकल कन्वर्टर: क्वांटम प्रोसेसर और ऑप्टिकल नेटवर्क के बीच इंटरफेस प्रदान करते हैं।
- क्वांटम सिमुलेटर: जटिल पदार्थों और प्रतिक्रियाओं का मॉडल तैयार करते हैं।
Source: TH
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