सेना द्वारा ड्रोन की संख्या में वृद्धि

पाठ्यक्रम :GS3/रक्षा

समाचार में 

  • भारतीय सेना तीव्रता से अपने ड्रोन और काउंटर-ड्रोन क्षमताओं का विस्तार कर रही है, जिसमें कई इकाइयाँ सक्रिय हैं तथा प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।

भारतीय सेना की योजनाएँ 

  • भारतीय सेना 19 प्रमुख प्रशिक्षण संस्थानों में ड्रोन प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की योजना बना रही है, जिनमें भारतीय सैन्य अकादमी, इन्फैंट्री स्कूल एवं ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी शामिल हैं, ताकि सभी रैंकों के लिए ड्रोन प्रशिक्षण को मानक पाठ्यक्रम में शामिल किया जा सके। 
  • सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने घोषणा की कि प्रत्येक इन्फैंट्री बटालियन में एक ड्रोन प्लाटून होगा, आर्टिलरी इकाइयों को काउंटर-ड्रोन सिस्टम मिलेंगे, और नई प्रिसिशन बैटरियाँ गठित की जाएँगी, जो आधुनिक युद्ध में मानव रहित प्रणालियों के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।

आवश्यकता और उद्देश्य 

  • विरोधी देशों द्वारा ड्रोन घुसपैठ में वृद्धि, विशेष रूप से ऑपरेशन सिंदूर के पश्चात, सुदृढ़ पहचान और निष्क्रियकरण प्रणालियों की आवश्यकता को दर्शाती है। 
  • ड्रोन अब एक मानक हथियार प्रणाली बन चुके हैं, जिससे विभिन्न आकारों के लगभग 1,000 ड्रोन और 600 प्रशिक्षण सिमुलेटर की आपातकालीन खरीद की गई है। 
  • ड्रोन युद्धक्षेत्र की जागरूकता, सटीक लक्ष्य भेदन और संचालन की पहुँच को बढ़ाते हैं। 
  • वर्तमान में ड्रोन निगरानी, युद्ध, लॉजिस्टिक्स और चिकित्सा निकासी के लिए अनिवार्य हो गए हैं।

चुनौतियाँ 

  • प्रशिक्षण, तैनाती और रखरखाव के लिए उच्च लागत एवं लॉजिस्टिक आवश्यकताएँ। 
  • साइबर सुरक्षा और इंटरऑपरेबिलिटी से संबंधित मुद्दे। 
  • ड्रोन उपयोग और मानवयुक्त संचालन के बीच संतुलन बनाना ताकि रणनीति प्रभावी रहे। 
  • तकनीक पर अत्यधिक निर्भरता से दीर्घकालिक तैयारी कमजोर हो सकती है। 
  • युद्ध और निगरानी में ड्रोन के सुरक्षित और नैतिक उपयोग को सुनिश्चित करना।

निष्कर्ष और आगे की राह 

  • भारतीय सेना का सैनिकों को ड्रोन से लैस करने और काउंटर-ड्रोन रक्षा को सुदृढ़ करने पर ध्यान देना तैयारियों में एक बड़ा बदलाव दर्शाता है, जो ड्रोन कौशल, उन्नत निगरानी और स्वदेशी नवाचार पर बल देता है ताकि मानव रहित युद्ध के भविष्य के लिए तैयारी की जा सके। 
  • सेना का लक्ष्य है कि 2027 तक सभी सैनिक ड्रोन संचालन में प्रशिक्षित हों, जिससे संगठनात्मक संरचना में बड़ा बदलाव आएगा और बटालियन स्तर पर UAV एवं काउंटर-UAV सिस्टम को शामिल किया जाएगा।

Source :IE

 

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