सात प्राकृतिक विरासत स्थल यूनेस्को की संभावित सूची में सम्मिलित
पाठ्यक्रम: GS1/ संस्कृति
संदर्भ
- भारत भर से सात प्राकृतिक विरासत स्थलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची में शामिल किया गया है, जिससे अस्थायी सूची में भारत की संख्या 62 से बढ़कर 69 हो गई है।
नए सम्मिलित स्थल
- पंचगनी और महाबलेश्वर, महाराष्ट्र के डेक्कन ट्रैप्स: ये स्थल विशाल डेक्कन ट्रैप्स का हिस्सा हैं और कोयना वन्यजीव अभयारण्य के अंदर स्थित हैं, जो पहले से ही एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।
- सेंट मैरी द्वीप समूह की भूवैज्ञानिक विरासत, कर्नाटक: अपनी दुर्लभ कॉलमनर बेसाल्टिक चट्टानों के लिए प्रसिद्ध, यह द्वीप समूह लेट क्रिटेशियस काल का है और लगभग 85 मिलियन वर्ष पुरानी भूवैज्ञानिक आभास प्रदान करता है।
- मेघालयन युग की गुफाएँ, मेघालय: मेघालय की अद्भुत गुफा प्रणालियाँ, विशेष रूप से मावमलूह गुफा, होलोसीन युग में मेघालयन युग के लिए वैश्विक संदर्भ बिंदु के रूप में कार्य करती हैं, जो महत्वपूर्ण जलवायु और भूवैज्ञानिक बदलावों को दर्शाती हैं।
- नगा हिल ओफियोलाइट, नागालैंड: ओफियोलाइट चट्टानों का एक दुर्लभ प्रदर्शन, ये पहाड़ियाँ महासागरीय क्रस्ट को महाद्वीपीय प्लेटों पर उठे हुए रूप में दर्शाती हैं—जो टेक्टोनिक प्रक्रियाओं और मिड-ओशन रिज डायनामिक्स की गहरी समझ प्रदान करती हैं।
- एर्रा मट्टी डिब्बालु (लाल रेत की पहाड़ियाँ), आंध्र प्रदेश: विशाखापत्तनम के पास स्थित ये दृश्यात्मक रूप से आकर्षक लाल रेत संरचनाएँ अद्वितीय पुरा-जलवायु और तटीय भू-आकृतिक विशेषताओं को प्रदर्शित करती हैं, जो पृथ्वी के जलवायु इतिहास एवं गतिशील विकास को उजागर करती हैं।
- तिरुमला पहाड़ियों की प्राकृतिक विरासत, आंध्र प्रदेश: एपार्चियन अनकंफॉर्मिटी और सिलाथोरनम (प्राकृतिक आर्च) को दर्शाने वाला यह स्थल पृथ्वी के 1.5 अरब वर्षों से अधिक के इतिहास का प्रतिनिधित्व करता है।
- वर्कला क्लिफ्स, केरल: केरल के तट के साथ स्थित ये सुंदर चट्टानें मियो-प्लायोसीन युग की वर्कल्ली संरचना को उजागर करती हैं, साथ ही प्राकृतिक झरनों और आकर्षक अपरदन भू-आकृतियों को भी प्रदर्शित करती हैं।
| क्या आप जानते हैं? – भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण भारत में यूनेस्को के विश्व धरोहर सम्मेलन के लिए नोडल एजेंसी है। – भारत जुलाई 2024 में नई दिल्ली में विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र की मेजबानी करेगा। |
Source: AIR
स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान
पाठ्यक्रम: GS2/स्वास्थ्य
संदर्भ
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश में ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान’ और 8वें ‘राष्ट्रीय पोषण माह’ अभियान की शुरुआत की।
परिचय
- यह भारत में महिलाओं और बच्चों के लिए अब तक का सबसे बड़ा स्वास्थ्य जागरूकता अभियान है।
- मंत्रालय: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) तथा महिला और बाल विकास मंत्रालय (MoWCD) द्वारा संयुक्त रूप से संचालित।
- उद्देश्य: समुदाय स्तर पर महिलाओं के लिए रोकथाम, संवर्धन और उपचार आधारित स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना।
- क्रियान्वयन: देशभर में आयुष्मान आरोग्य मंदिरों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHCs), जिला अस्पतालों और अन्य सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में 10 लाख से अधिक स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाएगा।
- महत्व: यह अभियान गैर-संचारी रोगों, एनीमिया, तपेदिक और सिकल सेल रोग की स्क्रीनिंग, प्रारंभिक पहचान एवं उपचार संबंधी व्यवस्था को सुदृढ़ करेगा, साथ ही मातृ, शिशु तथा किशोर स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देगा।
Source: PIB
ECI द्वारा EVM मतपत्रों को अधिक पठनीय बनाने के लिए दिशानिर्देशों में संशोधन
पाठ्यक्रम: GS2/राजव्यवस्था
संदर्भ
- भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने EVM मतपत्र के डिज़ाइन और मुद्रण के लिए चुनाव आचरण नियम, 1961 के नियम 49B के अंतर्गत वर्तमान दिशानिर्देशों को संशोधित किया है, ताकि उनकी स्पष्टता एवं पठनीयता को बेहतर बनाया जा सके।
परिचय
- यह पहल विगत 6 महीनों में ECI द्वारा चुनाव प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और मतदाताओं की सुविधा बढ़ाने के लिए उठाए गए 28 पहलों के अनुरूप है।
- अब उम्मीदवारों की तस्वीरें रंगीन रूप में छपेंगी, जो पहले काले-सफेद या बिना फोटो वाले संस्करणों की जगह लेंगी, ताकि पहचान अधिक स्पष्ट हो सके।
- उन्नत ईवीएम बैलट पेपर आगामी चुनावों में उपयोग किए जाएंगे, जिसकी शुरुआत बिहार से होगी।
- नियम 49B यह नियम रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा वोटिंग मशीनों की तैयारी का प्रावधान करता है।
Source: PIB
अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय
पाठ्यक्रम: GS2/अंतर्राष्ट्रीय संबंध
समाचार में
- कतर ने अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) के अध्यक्ष से भेंट की है ताकि अपने क्षेत्र पर हमास नेताओं को निशाना बनाकर किए गए इज़राइली हमले के बाद इज़राइल के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जा सके।
| क्या आप जानते हैं? – कतर एक पर्यवेक्षक राज्य होने के कारण सीधे ICC को मामले नहीं भेज सकता, इसलिए वह इज़राइल को जवाबदेह ठहराने के लिए सभी कानूनी और राजनयिक विकल्पों की खोज कर रहा है। – अरब और इस्लामी गुटों ने सदस्य देशों से इज़राइल की कार्रवाइयों को रोकने के लिए कानूनी उपाय अपनाने का आग्रह किया है। |
अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC)
- यह विश्व का प्रथम स्थायी न्यायालय है जो व्यक्तियों के विरुद्द्ध नरसंहार, युद्ध अपराध, मानवता के विरुद्ध अपराध और आक्रामकता जैसे गंभीर अपराधों की जांच एवं मुकदमा चलाता है।
- इस न्यायालय का मुख्यालय नीदरलैंड्स के हेग शहर में है।
- इसके पास कोई पुलिस बल नहीं है और यह गिरफ्तारी, स्थानांतरण और सजा लागू करने के लिए विश्व के देशों पर निर्भर करती है।
- यह संयुक्त राष्ट्र के साथ सहयोग करती है, जो इसे मामले भेज सकता है।
- इसका उद्देश्य अपराधियों को जवाबदेह ठहराना और भविष्य के अपराधों को रोकने में सहायता करना है, यह राष्ट्रीय अदालतों के साथ मिलकर कार्य करती है, उन्हें प्रतिस्थापित नहीं करती।
- यह रोम संविधि द्वारा शासित होती है और वैश्विक दंडहीनता के विरुद्ध संघर्ष में अंतिम उपाय के रूप में कार्य करती है।
Source :TH
ब्लू पोर्ट्स
पाठ्यक्रम: GS3/ अर्थव्यवस्था
संदर्भ
- मत्स्य विभाग (DoF) ने भारत में ब्लू पोर्ट अवसंरचना को सुदृढ़ करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के साथ एक तकनीकी सहयोग कार्यक्रम (TCP) समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
- TCP निवेश परियोजनाओं को डिज़ाइन करने तथा पर्यावरणीय, सामाजिक एवं आर्थिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए रणनीतिक और संचालनात्मक उपकरण प्रदान करेगा।
ब्लू पोर्ट्स फ्रेमवर्क
- मत्स्य विभाग (DoF) ब्लू पोर्ट्स फ्रेमवर्क के अंतर्गत स्मार्ट और एकीकृत मछली पकड़ने वाले बंदरगाहों के विकास का नेतृत्व कर रहा है, जो तकनीकी नवाचार को पर्यावरणीय संरक्षण के साथ संतुलित करता है।
- तीन पायलट बंदरगाह—वणकबारा (दीव), कराईकल (पुडुचेरी), और जखाऊ (गुजरात)—को ₹369.8 करोड़ के कुल निवेश के साथ स्वीकृत किया गया है।
- इन बंदरगाहों का उद्देश्य मछली पकड़ने के बाद की मत्स्य अवसंरचना का आधुनिकीकरण करना है, जिससे सुनिश्चित हो सके:
- मछली पकड़ने की सुरक्षित और अधिक स्वच्छ हैंडलिंग।
- बंदरगाह संचालन की अधिक स्वच्छ और कुशल प्रक्रिया।
- मछुआरा समुदायों के लिए बेहतर सेवाएँ और आजीविका।
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के अंतर्गत समर्थित यह पहल स्मार्ट तकनीकों जैसे IoT उपकरण, सेंसर नेटवर्क, सैटेलाइट संचार और डेटा एनालिटिक्स को शामिल करती है, जिससे बंदरगाह संचालन को सुव्यवस्थित किया जा सके तथा वास्तविक समय में निर्णय लेने की क्षमता प्राप्त हो।
| खाद्य और कृषि संगठन (FAO) – FAO संयुक्त राष्ट्र की एक विशेषीकृत एजेंसी है जो भूख को समाप्त करने और खाद्य सुरक्षा सुधारने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का नेतृत्व करती है। – स्थापना: 16 अक्टूबर 1945 – सदस्य: FAO में 195 सदस्य हैं, जिनमें 194 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं। – मुख्यालय: रोम, इटली |
Source: PIB
भारत-AI प्रभाव शिखर सम्मेलन 2026
पाठ्यक्रम: GS3/ विज्ञान और प्रौद्योगिकी
समाचार में
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने आधिकारिक रूप से इंडिया-AI इम्पैक्ट समिट 2026 के लिए लोगो और प्रमुख पहलों का अनावरण किया।
परिचय
- यह एक वैश्विक मंच है जो नीति निर्माताओं, नवप्रवर्तकों, शोधकर्ताओं और उद्योग जगत के नेताओं को एकत्र करता है ताकि मानवता एवं पृथ्वी के लिए AI की परिवर्तनकारी क्षमता को प्रदर्शित किया जा सके।
- यह अपने प्रकार का प्रथम समिट है जिसे ग्लोबल साउथ राष्ट्र द्वारा आयोजित किया जा रहा है, जिससे भारत को जिम्मेदार एवं समान AI अपनाने में एक विचारशील नेता के रूप में स्थापित किया जा रहा है।
- यह डेटा, कंप्यूट और मॉडल जैसे AI संसाधनों तक पहुँच को लोकतांत्रिक बनाएगा—सुरक्षित और विश्वसनीय इकोसिस्टम को बढ़ावा देगा।
मार्गदर्शक सिद्धांत (तीन सूत्र)
- People (जन): मानव गरिमा, सांस्कृतिक समावेशन और समान अवसरों के लिए AI।
- Planet (पृथ्वी): संसाधन-कुशल AI जो सततता और जलवायु कार्रवाई को समर्थन देता है।
- Progress (प्रगति): AI संसाधनों का लोकतंत्रीकरण और लाभों का समान वितरण।
प्रमुख पहलें
- उड़ान ग्लोबल AI पिच फेस्ट: भारत और विदेशों के स्टार्टअप्स की प्रदर्शनी।
- YuvaAI इनोवेशन चैलेंज और AI by HER: युवाओं और महिलाओं द्वारा संचालित नवाचार को बढ़ावा देना।
- ग्लोबल इनोवेशन चैलेंज फॉर ऑल: जनहित समस्याओं के लिए क्राउड-सोर्स्ड AI समाधान।
- रिसर्च सिम्पोजियम: अत्याधुनिक AI अनुसंधान पर सहयोग।
Source: AIR
डीपसीक-R1 AI मॉडल की रिइनफोर्समेंट लर्निंग
पाठ्यक्रम :GS3/विज्ञान और प्रौद्योगिकी
समाचार में
- डीपसीक-AI टीम ने R1 नामक एक मॉडल विकसित किया है।
डीपसीक-R1 AI मॉडल
- R1 AI मॉडल रिइनफोर्समेंट लर्निंग के माध्यम से तर्क करना सीखता है—अर्थात् सही उत्तरों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया के साथ प्रयास और त्रुटि की प्रक्रिया—बिना मानव द्वारा दिए गए तर्क के चरणों के।
- बेस मॉडल (R1-Zero) से शुरू होकर, इसने गणित और कोडिंग कार्यों में उल्लेखनीय सुधार किया, यहाँ तक कि एक कठिन गणित परीक्षा में औसत हाई स्कूल छात्रों से भी बेहतर प्रदर्शन किया।
- इस मॉडल ने आत्म-सुधार और समस्या की कठिनाई के आधार पर तर्क की लंबाई को समायोजित करने जैसे चिंतनशील व्यवहार विकसित किए।
- हालाँकि भाषा की सुसंगतता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुछ मानव हस्तक्षेप बना रहा, यह दृष्टिकोण महंगे मानव-लेबल वाले डेटा पर निर्भरता को कम करता है।
महत्व
- AI को तर्क करना सिखाना लंबे समय से एक चुनौती रहा है, क्योंकि तर्क में तथ्यों का स्मरण रखने से आगे बढ़कर चरण-दर-चरण समस्या समाधान और आत्म-सुधार शामिल होता है।
- GPT-4 जैसे बड़े भाषा मॉडल ने कुछसीमा हद तक तर्क क्षमता दिखाई है, जो प्रायः मानव उदाहरणों द्वारा निर्देशित होती है—यह प्रक्रिया महंगी होती है और रचनात्मकता को सीमित करती है।
- हालिया सफलता यह संकेत देती है कि यदि सही प्रोत्साहन डिज़ाइन किए जाएँ, तो AI में तर्क स्वाभाविक रूप से विकसित हो सकता है, जिससे अधिक रचनात्मक और स्वतंत्र समस्या समाधान संभव हो सकता है—हालाँकि खुले-आख्यान कार्यों एवं सुरक्षित उपयोग सुनिश्चित करने की चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं।
Source :TH
पीले-कलगी वाले कॉकटू (Yellow-crested Cockatoos)
पाठ्यक्रम:GS3/पर्यावरण
समाचार में
- हाल ही में पीले-कलगी वाले काकाटू (Yellow-crested Cockatoos) को हांगकांग के शहरी पार्कों में एक अप्रत्याशित आश्रय मिला है, जहाँ वे लगभग 2,000 वयस्क पक्षियों की वैश्विक जंगली जनसंख्या का लगभग 10% प्रतिनिधित्व करते हैं।
पीले-कलगी वाले काकाटू (Cacatua sulphurea)
- यह विभिन्न प्रकार के वन क्षेत्रों, झाड़ियों और कृषि क्षेत्रों में पाया जाता है।
- यह प्राथमिक वनों की तुलना में खुले आवासों जैसे वन-सवाना को अधिक पसंद करता है।
- यह इंडोनेशिया और ईस्ट तिमोर का मूल निवासी है।

- यह मृत या सड़ते हुए पेड़ों की दरारों या पहले से बने छेदों में घोंसला बनाता है।
- इसका आहार कई पौधों की प्रजातियों के फल, फूल और पत्तियों से बना होता है।
- IUCN रेड स्थिति: अति संकटग्रस्त (Critically Endangered)
Source :TH
पैसिफिक रीच अभ्यास
पाठ्यक्रम: GS3/रक्षा
संदर्भ
- भारतीय नौसेना का नवीनतम स्वदेशी रूप से डिज़ाइन किया गया पोत INS निस्तार सिंगापुर में आयोजित बहुराष्ट्रीय अभ्यास पैसिफिक रीच 2025 में भाग ले रहा है।
अभ्यास के बारे में
- पैसिफिक रीच 2025 अभ्यास, जिसकी मेज़बानी सिंगापुर कर रहा है, इसमें 40 से अधिक देशों की भागीदारी होगी—कुछ सक्रिय प्रतिभागी के रूप में और कुछ पर्यवेक्षक के रूप में।
- यह अभ्यास मुख्य रूप से दो चरणों में आयोजित किया जाएगा: बंदरगाह चरण और समुद्री चरण।
- इस द्विवार्षिक अभ्यास की शुरुआत 1996 में हुई थी और इसकी मेज़बानी भाग लेने वाले देशों द्वारा बारी-बारी से की जाती है।
Source: AIR
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