पाठ्यक्रम: GS3/IT की भूमिका
संदर्भ
- निर्माण क्षेत्र में एक क्रांतिकारी परिवर्तन हो रहा है, जिसकी क्षमता अब भाप या स्टील नहीं बल्कि स्मार्ट एल्गोरिदम और बुद्धिमान प्रणालियाँ हैं।
निर्माण में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)
- AI का उपयोग प्रक्रियाओं, उत्पादन लाइनों, फैक्ट्रियों और आपूर्ति श्रृंखलाओं की वर्चुअल प्रतिकृति बनाने के लिए किया जाता है, जिससे वास्तविक समय में प्रदर्शन का विश्लेषण और पूर्वानुमान लगाया जा सके।

- यह पारंपरिक सुविधाओं को आधुनिक अत्याधुनिक संयंत्रों में परिवर्तित कर रहा है।
- यह उच्च उत्पादन, कम अपशिष्ट, वास्तविक समय अनुकूलन और स्मार्ट डिजाइन को सक्षम बनाता है।
वर्तमान स्थिति एवं संभावनाएं
- वैश्विक स्तर पर AI-इन-मैन्युफैक्चरिंग बाजार 2024 में $4.1 बिलियन से बढ़कर 2029 तक $25 बिलियन से अधिक होने की संभावना है।
- भारत में FY2024 के दौरान निर्माण में AI अपनाने की दर 8% से बढ़कर 22% हो गई।
- डेटा और AI से भारत के GDP में $450–$500 बिलियन तक का योगदान 2025 तक हो सकता है।
निर्माण में AI के प्रमुख अनुप्रयोग
- पूर्वानुमान आधारित रखरखाव: सेंसर डेटा और मशीन लर्निंग का उपयोग करके डाउनटाइम को 30% तक कम करता है (McKinsey)।
- गुणवत्ता नियंत्रण: AI विज़न सिस्टम माइक्रो-डिफेक्ट्स को वास्तविक समय में पहचानते हैं।
- प्रक्रिया अनुकूलन: AI अपशिष्ट को कम करने और दक्षता बढ़ाने के लिए वर्कफ्लो को गतिशील रूप से समायोजित करता है।
- आपूर्ति श्रृंखला पूर्वानुमान: फुर्ती और प्रतिक्रिया क्षमता में 20% से अधिक वृद्धि करता है (IBM)।
- रोबोटिक्स और स्वचालन: कोबॉट्स दोहराए जाने वाले या उच्च जोखिम वाले कार्यों में कर्मचारियों की सहायता करते हैं, जिससे सुरक्षा और उत्पादकता बढ़ती है।
उद्योग-विशिष्ट नवाचार
- ऑटोमोबाइल: AI-संचालित रोबोटिक्स असेंबली और निरीक्षण को सुलभ बनाते हैं।
- इलेक्ट्रॉनिक्स: मशीन विज़न घटकों की असेंबली में सटीकता सुनिश्चित करता है।
- दवा उद्योग: AI बड़े पैमाने पर उत्पादन की निगरानी करता है और नियामक अनुपालन सुनिश्चित करता है।
- टेक्सटाइल: CAD/CAM प्रणालियाँ कटाई, सिलाई और निरीक्षण को अनुकूलित करती हैं।
अपनाने की चुनौतियाँ
- कौशल की कमी: AI और मशीन लर्निंग में कौशल विकास की आवश्यकता।
- एकीकरण लागत: उच्च आरंभिक निवेश एमएसएमई द्वारा AI अपनाने को धीमा करता है।
- डेटा गवर्नेंस: AI मॉडल की पारदर्शिता और समझने योग्य होने को लेकर चिंता।
- अविश्वसनीय कनेक्टिविटी: खासकर द्वितीय और तृतीय श्रेणी के शहरों में क्लाउड पहुँच में असमानता।
- MSME द्वारा कम अपनाना: केवल लगभग 15% लघु एवं मध्यम उद्यम AI का उपयोग कर रहे हैं।
- सावधानीपूर्ण दृष्टिकोण: लगभग 44% निर्माता नेता जनरेटिव AI को अपनाने में संकोच कर रहे हैं।
सरकारी पहलें
- AI पर राष्ट्रीय कार्यक्रम (MeitY): निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में जिम्मेदार AI उपयोग को बढ़ावा देता है।
- समर्थ उद्योग भारत 4.0: स्मार्ट फैक्टरी विकास और इंडस्ट्री 4.0 को समर्थन देता है।
- IndiaAI मिशन: ₹10,300 करोड़ आवंटित किए गए हैं ताकि AI अवसंरचना और स्वदेशी मॉडल तैयार किए जा सकें।
- उत्कृष्टता केंद्र (CoEs): स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा और सतत शहरों में AI पर केंद्रित हैं।