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भारतीय अर्थव्यवस्था

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP): गणना, लाभ, मुद्दे और आगे की राह

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) वह मूल्य है जिस पर सरकार किसानों से फसल खरीदती है।

गिग इकोनॉमी : लाभ, चुनौतियाँ और चालित कारक

गिग इकोनॉमी एक ऐसी आर्थिक प्रणाली है, जो लचीली कार्य व्यवस्था को संदर्भित करती है, जहाँ श्रम और संसाधनों का आदान-प्रदान डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया जाता है, जो खरीदारों और विक्रेताओं के बीच संपर्क की सुविधा प्रदान करता है।
उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI)

उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना: उद्देश्य, लाभ और मुद्दे

उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना मार्च 2020 में भारतीय विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गयी थी।
राष्ट्रीय आय

राष्ट्रीय आय: अर्थ, मापन, लेखांकन विधियाँ और संबंधित तथ्य

राष्ट्रीय आय अर्थशास्त्र में एक मौलिक अवधारणा है, जो किसी देश के आर्थिक स्थिति को मापने के लिए एक प्रमुख पैमाने के रूप में कार्य करती है।
अर्थशास्त्र के मूल सिद्धांत

अर्थशास्त्र के मूल सिद्धांत: प्रमुख परिभाषाएँ एवं अवधारणाएँ

अर्थशास्त्र के बुनियादी सिद्धांतों को समझना न केवल अर्थशास्त्र के पाठ्यक्रम पर मजबूत पकड़ विकसित करने के लिए आवश्यक है, बल्कि इस बात की व्यापक समझ के लिए भी कि आर्थिक नीतियां कैसे शासन, समाज और दुनिया को बड़े पैमाने पर प्रभावित करती हैं।
भारत में मौद्रिक नीति

भारत में मौद्रिक नीति: अर्थ, प्रकार, उपकरण और संबंधित तथ्य

भारत की मौद्रिक नीति देश की अर्थव्यवस्था के लिए महत्त्वपूर्ण है। यह एक आर्थिक प्रबंधन उपकरण के रूप में RBI और सरकार को मुद्रा आपूर्ति को नियंत्रित करने, मुद्रास्फीति को प्रबंधित करने तथा आर्थिक स्थिरता प्राप्त करने में सहायता करती है।
भारत में विद्युत क्षेत्र

भारत में विद्युत क्षेत्र: तथ्य, मुद्दे, सरकारी नीतियां और आगे की राह

ऊर्जा मंत्रालय ऐसी नीतियों और योजनाओं को लागू करने की कोशिश कर रहा है जिनके द्वारा सम्पूर्ण देश को एक राष्ट्रीय ग्रिड से जोड़कर, वितरण नेटवर्क में सुधार करके, प्रत्येक घर तक विद्युत की पहुंच को सुनिश्चित किया जा सकें।

क्रिप्टोकरेंसी: कार्य, लाभ और नुकसान

क्रिप्टोकरेंसी, जिसे क्रिप्टो के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रकार की डिजिटल मुद्रा है जो सरकार या बैंक जैसे

सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग: मुख्य बिंदु, निर्धारक एवं आलोचना

सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग एक स्वतंत्र मूल्याँकन है जो किसी देश या संप्रभु इकाई की साख को निर्धारित करती है।
भारत में वाणिज्यिक बैंक

भारत में वाणिज्यिक बैंक: अर्थ, प्रकार और महत्त्व

भारतीय बैंकिंग प्रणाली के एक महत्त्वपूर्ण भाग के रूप में, वाणिज्यिक बैंक भारतीय वित्तीय क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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