शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन 2025, तियानजिन

पाठ्यक्रम: GS2/ अंतरराष्ट्रीय संगठन

समाचार में 

  • शंघाई सहयोग संगठन (SCO) ने 2025 में चीन के तिआनजिन में अपना वार्षिक राष्ट्राध्यक्ष शिखर सम्मेलन आयोजित किया।
    • इस शिखर सम्मेलन में क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों—आतंकवाद, संघर्ष, संयुक्त राष्ट्र सुधार, एआई शासन, सतत विकास एवं संस्थागत सुदृढ़ीकरण—पर विचार-विमर्श हुआ।

मुख्य बिंदु 

  • क्षेत्रीय संघर्ष और परमाणु अप्रसार: आतंकवाद-रोधी प्रयासों में दोहरे मानदंडों को खारिज किया गया और आतंकवादियों की सीमा पार आवाजाही को रोकने पर बल दिया गया।
    • पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की गई। 
    • ईरान पर इज़राइल और अमेरिका द्वारा किए गए सैन्य हमलों की आलोचना की गई, जिससे पश्चिम एशिया में तनाव उजागर हुआ।
  • सतत विकास और सामाजिक एजेंडा: एआई के विकास और उपयोग में सभी देशों को समान अधिकार देने का समर्थन किया गया, जिससे तकनीकी एकाधिकार का विरोध हुआ।
    • भारत के वैश्विक दृष्टिकोण “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” को समावेशी विकास के सिद्धांत के रूप में समर्थन मिला।
  • SCO संस्थागत विस्तार की दिशा में चीन की पहल: SCO सदस्य देशों को BeiDou सैटेलाइट प्रणाली (चीन का GPS विकल्प) के उपयोग की अनुमति दी गई।
    • चीन ने SCO सदस्य देशों को तीन वर्षों में $1.4 बिलियन ऋण देने का वादा किया। 
    • बुनियादी ढांचा और विकास परियोजनाओं के लिए एक SCO विकास बैंक की स्थापना का प्रस्ताव रखा गया।
  • संयुक्त राष्ट्र सुधार: संयुक्त राष्ट्र प्रणाली को आधुनिक वास्तविकताओं के अनुरूप ढालने की मांग की गई, विशेष रूप से विकासशील देशों को शासी निकायों में अधिक प्रतिनिधित्व देने पर बल दिया गया।
  • SCO प्लस प्रारूप: चीन ने SCO+ शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की, जिसमें सदस्य देश, पर्यवेक्षक, संवाद भागीदार, विशिष्ट अतिथि और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख शामिल हुए—यह वैश्विक शासन में SCO की विस्तारित भूमिका का संकेत है।

भारत की स्थिति 

  • शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री ने कहा कि SCO तीन स्तंभों पर आधारित है:
    • सुरक्षा: क्षेत्रीय शांति और आतंकवाद-रोधी सहयोग सुनिश्चित करना। 
    • कनेक्टिविटी: SCO को डिजिटल, भौतिक और ऊर्जा कनेक्टिविटी का केंद्र बनाना। 
    • अवसर: पारस्परिक विकास और सहयोग को बढ़ावा देना।

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के बारे में 

  • स्थापना: 2001 (शंघाई शिखर सम्मेलन) द्वारा—कज़ाखस्तान, चीन, किर्गिज़स्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान 
  • सदस्यता: 10 सदस्य देश, 2 पर्यवेक्षक, 15 संवाद भागीदार (लाओस नवीनतम सदस्य) 
  • आधिकारिक भाषाएँ: रूसी, चीनी 
  • संरचना:
    • राष्ट्राध्यक्षों की परिषद – सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था
    • सरकार प्रमुखों की परिषद – द्वितीय सर्वोच्च संस्था 
  • मुख्यालय: बीजिंग, चीन 
  • स्थायी निकाय: सचिवालय (बीजिंग, चीन) और क्षेत्रीय आतंकवाद-रोधी संरचना (RATS) – ताशकंद, उज्बेकिस्तान

आगे की चुनौतियाँ

  • भारत–पाकिस्तान प्रतिद्वंद्विता से सामान्य सहमति कमजोर होती है।
  • चीन का प्रभुत्व भारतीय हितों को हाशिए पर डाल सकता है।
  • SCO प्रतिबद्धताओं को QUAD, I2U2 और इंडो-पैसिफिक साझेदारियों के साथ संतुलित करना।
  • SCO विकास बैंक की व्यवहार्यता पर संदेह, विशेषकर BRICS बैंक (NDB) और AIIB की तुलना में।

आगे की राह

  • भारत को SCO को क्षेत्रीय सुरक्षा मंच के रूप में उपयोग करना चाहिए, विशेषकर आतंकवाद-रोधी प्रयासों के लिए।
  • चीन के BeiDou नैरेटिव का सामना करने के लिए SCO के अंदर डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) साझेदारियों को बढ़ावा देना चाहिए।
  • बहुपक्षीय संरेखणों को संतुलित करते हुए SCO में भागीदारी करनी चाहिए, ताकि इंडो-पैसिफिक रणनीतियों को कमजोर न किया जाए।
  • SCO को एक मंच के रूप में उपयोग करना चाहिए ताकि भारत मध्य एशिया, रूस और ईरान के साथ संबंध सुदृढ़ कर सके, और चीन-पाकिस्तान धुरी का संतुलन बना सके।

Source: TH

 

Other News of the Day

पाठ्यक्रम: GS1/ भूगोल संदर्भ हाल ही में अफगानिस्तान में आए 6.0 तीव्रता के भूकंप में 800 से अधिक लोगों की मृत्यु और 2,000 से अधिक लोग घायल हुए। इसका कारण सतह के पास कम गहराई और कमजोर भवन संरचनाएं थीं। भूकंप क्या है?  भूकंप पृथ्वी की सतह के अंदर होने वाले कम्पन के कारण उत्पन्न...
Read More

पाठ्यक्रम: GS1/ भूगोल संदर्भ  कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने 84 नदियों पर 36 वर्षों के उपग्रह डेटा का विश्लेषण किया ताकि यह समझा जा सके कि कुछ नदियाँ एकल-धारा चैनल क्यों बनाए रखती हैं, जबकि अन्य बहुधारा या ब्रेडेड प्रणाली में क्यों बदल जाती हैं। नदी प्रक्रियाएँ और चैनल प्रकार  नदियों को सामान्यतः एकल-धारा (single-thread)...
Read More

पाठ्यक्रम: GS2/ अंतरराष्ट्रीय संगठन समाचार में  शंघाई सहयोग संगठन (SCO) ने 2025 में चीन के तिआनजिन में अपना वार्षिक राष्ट्राध्यक्ष शिखर सम्मेलन आयोजित किया। इस शिखर सम्मेलन में क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों—आतंकवाद, संघर्ष, संयुक्त राष्ट्र सुधार, एआई शासन, सतत विकास एवं संस्थागत सुदृढ़ीकरण—पर विचार-विमर्श हुआ। मुख्य बिंदु  क्षेत्रीय संघर्ष और परमाणु अप्रसार: आतंकवाद-रोधी प्रयासों में...
Read More

पाठ्यक्रम: GS2/ सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप समाचार में  आव्रजन और विदेशियों अधिनियम, 2025 लागू हो गया है, जिससे भारत की आव्रजन और विदेशी प्रबंधन प्रणाली में व्यापक सुधार हुआ है। अधिनियम के प्रमुख प्रावधान  कानूनों का एकीकरण: यह अधिनियम विदेशी अधिनियम (1946), विदेशियों का पंजीकरण अधिनियम (1939), पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम (1920), और आव्रजन...
Read More

पाठ्यक्रम: GS3/अर्थव्यवस्था संदर्भ हाल ही में अपने नवीनतम ‘मन की बात’ संबोधन में भारत के प्रधानमंत्री ने नागरिकों से ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र को अपनाने का पुनः आह्वान किया, और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण हेतु स्वदेशी उत्पादों के समर्थन की महत्ता को रेखांकित किया। ‘वोकल फॉर लोकल’ पहल के बारे में  यह पहल 2024...
Read More

पाठ्यक्रम:GS3/पर्यावरण  समाचार में  वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक (AQLI) के अनुसार, भारत विश्व का दूसरा सबसे प्रदूषित देश है। वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक (AQLI)  वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक (AQLI) को प्रोफेसर माइकल ग्रीनस्टोन और शिकागो विश्वविद्यालय के एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट (EPIC) द्वारा विकसित किया गया है।  यह वायु प्रदूषण के स्तर को जीवन प्रत्याशा पर पड़ने...
Read More

हिमालय में अत्यधिक बारिश के पीछे 2-सिस्टम इंटरैक्शन पाठ्यक्रम: GS1/भूगोल संदर्भ भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने उत्तर भारत में अत्यधिक से अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी दी है, जिसका कारण एक असामान्य मौसमीय घटना है जिसे “2-सिस्टम इंटरैक्शन” कहा जा रहा है। 2-सिस्टम इंटरैक्शन क्या है?  परिभाषा: 2-सिस्टम इंटरैक्शन का अर्थ है दो अलग-अलग...
Read More
scroll to top