अमेरिका ने विदेशी सहायता निलंबित की

पाठ्यक्रम: GS2/ विदेशी मामले

समाचार में

  • राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकारी आदेश के पश्चात्, संयुक्त राज्य अमेरिका ने विदेशी सहायता को निलंबित करने की घोषणा की।
    • यह कदम “अमेरिका फर्स्ट” एजेंडे का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अमेरिकी वित्तीय सहायता राष्ट्रीय हितों के अनुरूप हो। 
    • अमेरिका ऐतिहासिक रूप से विदेशी सहायता के सबसे बड़े दाताओं में से एक रहा है, जिसने अकेले 2023 में 158 देशों को 45 बिलियन डॉलर वितरित किए हैं।

विदेशी सहायता क्या है?

  • विदेशी सहायता से तात्पर्य एक देश द्वारा दूसरे देश को दी जाने वाली वित्तीय, तकनीकी या भौतिक सहायता से है।
  • इसे सामान्यतः आर्थिक विकास, मानवीय राहत या भू-राजनीतिक उद्देश्यों का समर्थन करने के लिए दिया जाता है।
  • विदेशी सहायता अनुदान, ऋण या खाद्य, दवा या बुनियादी ढाँचे जैसे वस्तुगत योगदान के रूप में मिल सकती है।

विदेशी सहायता का महत्त्व

  • विकास को बढ़ावा देता है: प्राप्तकर्ता देशों को बुनियादी ढाँचे, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आर्थिक अवसरों को बेहतर बनाने में सहायता करता है।
  • मानवीय राहत: प्राकृतिक आपदाओं या संघर्षों जैसे संकटों के दौरान लोगों की जान बचाता है।
  • कूटनीति को बढ़ावा देता है: दाता और प्राप्तकर्ता देशों के बीच संबंधों को मजबूत करता है।
  • भू-राजनीतिक रणनीति: प्रमुख क्षेत्रों में प्रभाव बढ़ाता है और गठबंधन को सुरक्षित करता है।
  • वैश्विक स्थिरता: गरीबी, जलवायु परिवर्तन एवं महामारी जैसी वैश्विक चुनौतियों का समाधान करता है, और अधिक स्थिर विश्व व्यवस्था में योगदान देता है।

वैश्विक निहितार्थ

  • प्राप्तकर्ताओं पर प्रभाव: अफ़गानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे अमेरिकी सहायता पर अत्यधिक निर्भर देशों को वित्तीय कमी एवं विकास संबंधी बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • गठबंधनों में बदलाव: निलंबन के कारण प्राप्तकर्ता देश सहायता के वैकल्पिक स्रोतों की खोज कर सकते हैं, जिससे भू-राजनीतिक गठबंधनों में संभावित रूप से बदलाव आ सकता है।
  • अन्य दाताओं की भूमिका: चीन जैसे देश बेल्ट एंड रोड जैसी पहलों के माध्यम से अमेरिकी सहायता में कमी के कारण रिक्त स्थान को भर सकते हैं।
    • उदाहरण: चीन की ऋण जाल कूटनीति, जहां बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के लिए ऋण ने प्राप्तकर्ता देशों को अस्थिर ऋण में डाल दिया है, जिससे संप्रभुता के बारे में चिंताएँ बढ़ गई हैं।
  • वैश्विक स्थिरता: सहायता प्रायः वास्तविक मानवीय उद्देश्यों और रणनीतिक उद्देश्यों के मध्य झूलती रहती है। उदाहरण के लिए, कुछ देश राजनीतिक या आर्थिक लाभ के लिए सहायता का उपयोग करते हैं।
  • सामाजिक प्रभाव: कम सहायता से सुभेद्य क्षेत्रों में गरीबी, अस्थिरता और मानवीय संकट बढ़ सकते हैं।

Source: IE