पाठ्यक्रम: GS2/अंतर्राष्ट्रीय संबंध
संदर्भ
- प्रधानमंत्री मोदी ने जोहान्सबर्ग में आयोजित G20 लीडर्स’ समिट के दौरान ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक की।
परिचय
- दोनों नेताओं ने भारत–ऑस्ट्रेलिया साझेदारी के निरंतर विस्तार की समीक्षा की और गहन सहयोग के लिए क्षेत्रों की पहचान की।
- उन्होंने तीन प्रमुख क्षेत्रों—रक्षा और सुरक्षा, परमाणु ऊर्जा एवं व्यापार—पर बल दिया।
भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों का संक्षिप्त विवरण
- भारत और ऑस्ट्रेलिया ने 2009 में अपने द्विपक्षीय संबंधों को ‘रणनीतिक साझेदारी’ से 2020 में ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ में उन्नत किया।
- द्विपक्षीय तंत्रों में शामिल हैं: 2+2 रक्षा और विदेश मंत्रियों का संवाद, संयुक्त व्यापार एवं वाणिज्य मंत्री आयोग, रक्षा नीति वार्ता, ऑस्ट्रेलिया-भारत शिक्षा परिषद, रक्षा सेवाओं स्टाफ वार्ता, ऊर्जा संवाद, विभिन्न मुद्दों पर संयुक्त कार्य समूह (JWGs) आदि।
- द्विपक्षीय व्यापार: FY25 में द्विपक्षीय व्यापार $24.1 अरब तक पहुँचा, जिसमें भारत का निर्यात $8.58 अरब और आयात $15.52 अरब रहा।
- भारत ऑस्ट्रेलिया का 8वाँ सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जबकि ऑस्ट्रेलिया भारत का 14वाँ सबसे बड़ा साझेदार है।
- ECTA (2022): ऑस्ट्रेलिया-भारत आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते के लागू होने से लगभग $30 अरब मूल्य के ऑस्ट्रेलियाई निर्यात भारत में शुल्क-मुक्त प्रवेश कर पाए, और ऑस्ट्रेलियाई उपभोक्ताओं ने भारत से आने वाले सामानों पर लगभग $225 मिलियन की बचत की।
- CECA वार्ता: अधिक व्यापक व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (CECA) के लिए वार्ता जारी है।
रक्षा और सुरक्षा :
- क्वाड्रिलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग (QUAD) एक अनौपचारिक रणनीतिक मंच है जिसमें अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं।
- 2021 में दोनों नौसेनाओं ने ‘भारत-ऑस्ट्रेलिया नौसेना से नौसेना संबंध’ हेतु संयुक्त मार्गदर्शन दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए।
- द्विपक्षीय अभ्यास:
- 2020 में ऑस्ट्रेलिया ने MALABAR नौसैनिक अभ्यास में भाग लिया और भारत, अमेरिका तथा जापान के साथ जुड़ा।
- AUSINDEX: भारतीय नौसेना और रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी के बीच नौसैनिक अभ्यास।
- पिच ब्लैक अभ्यास: भारतीय वायुसेना ने 2018 में डार्विन में आयोजित इस अभ्यास में भाग लिया।
- आपसी लॉजिस्टिक सपोर्ट अरेंजमेंट और डिफेंस साइंस एंड टेक्नोलॉजी इम्प्लीमेंटिंग अरेंजमेंट 2020: यह समझौता मुश्किल मिलिट्री एंगेजमेंट और क्षेत्रीय आपदाओं के लिए बेहतरीन सामूहिक रिसेप्टिवनेस को मुमकिन बनाता है।
- 2020 में ऑस्ट्रेलिया ने MALABAR नौसैनिक अभ्यास में भाग लिया और भारत, अमेरिका तथा जापान के साथ जुड़ा।
- महत्वपूर्ण खनिज और तकनीक :ऑस्ट्रेलिया-इंडिया क्रिटिकल मिनरल्स इन्वेस्टमेंट पार्टनरशिप पर 2022 में साइन किया गया, जिससे 2023 के आखिर में ऑस्ट्रेलिया-इंडिया क्रिटिकल मिनरल्स रिसर्च हब बनेगा।
- इस हब का उद्देश्य सतत खनन और प्रसंस्करण में नवाचार को बढ़ावा देना है, जिसके लिए $5 मिलियन की सरकारी स्वीकृत निधि अनुसंधान एवं छात्रवृत्ति हेतु प्रदान की गई।
- 2023 में भारत और ऑस्ट्रेलिया ने प्रवासन और गतिशीलता साझेदारी व्यवस्था(MMPA) पर हस्ताक्षर किए।
- यह द्विपक्षीय ढाँचा दोनों देशों के बीच प्रवास और गतिशीलता को समर्थन देता है तथा अवैध एवं अनियमित प्रवास से संबंधित मुद्दों का समाधान करता है।
- ऑस्ट्रेलिया की भारत के साथ आर्थिक भागीदारी हेतु नया रोडमैप :2025 में ऑस्ट्रेलिया ने इसे लॉन्च किया, जिसमें रक्षा, खेल, संस्कृति, अंतरिक्ष और तकनीक सहित लगभग 50 लक्षित अवसरों की पहचान की गई।
- स्वच्छ ऊर्जा :ऑस्ट्रेलिया की नवीकरणीय ऊर्जा विशेषज्ञता का उपयोग भारत के सतत विकास लक्ष्यों को समर्थन देने के लिए किया जा रहा है।
- 2025 में भारत-ऑस्ट्रेलिया रूफटॉप सोलर ट्रेनिंग अकादमी की स्थापना की गई, जिसका उद्देश्य 2,000 महिलाओं और युवाओं को सौर तकनीशियन के रूप में प्रशिक्षित करना है।
- शिक्षा और कौशल :शैक्षणिक साझेदारी और व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों को सुदृढ़ करना ताकि ज्ञान आदान-प्रदान और कार्यबल विकास हो सके।
- कृषि व्यवसाय :भारत की बढ़ती माँग को पूरा करने और खाद्य सुरक्षा में सुधार हेतु कृषि व्यापार का विस्तार।
- पर्यटन :सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना और वीज़ा प्रक्रियाओं को सरल बनाना ताकि जन-से-जन संबंध सुदृढ़ हों।
भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया का महत्व
- इंडो-पैसिफिक में रणनीतिक साझेदार: ऑस्ट्रेलिया मुक्त, खुला और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक बनाए रखने में महत्वपूर्ण है, जो भारत की समुद्री एवं क्षेत्रीय सुरक्षा हितों के अनुरूप है।

- महत्वपूर्ण खनिज और ऊर्जा का स्रोत: ऑस्ट्रेलिया लिथियम, कोबाल्ट, रेयर अर्थ, कोयला और LNG की आपूर्ति करता है, जिससे भारत की ऊर्जा एवं औद्योगिक सुरक्षा सुदृढ़ होती है।
- व्यापार और आर्थिक साझेदार: ECTA (2022) के अंतर्गत द्विपक्षीय व्यापार शुल्क में कमी के साथ बढ़ रहा है और CECA की दिशा में वार्ता जारी है।
- शिक्षा और अनुसंधान केंद्र: ऑस्ट्रेलिया भारतीय छात्रों के लिए प्रमुख गंतव्य है, जहाँ STEM, नवाचार और योग्यता की पारस्परिक मान्यता में सहयोग बढ़ रहा है।
- भूराजनीतिक सामंजस्य: QUAD, IORA, EAS और अन्य बहुपक्षीय मंचों में करीबी सहयोग भारत को साझेदारियों में विविधता लाने एवं चीन के क्षेत्रीय प्रभाव को संतुलित करने में सहायता करता है।
चिंता के क्षेत्र
- व्यापार असंतुलन और सीमित विविधीकरण: भारत का निर्यात ऑस्ट्रेलिया के संसाधन-प्रधान निर्यात की तुलना में सीमित है, जिससे व्यापार असंतुलन बना रहता है और CECA पर धीमी प्रगति होती है।
- भारतीय प्रवासी पर हमले और सुरक्षा चिंताएँ: भारतीय छात्रों और समुदाय से जुड़े घटनाक्रम कभी-कभी सुरक्षा एवं सामाजिक एकीकरण पर चिंता उत्पन्न करते हैं।
- वीज़ा, गतिशीलता और कौशल मान्यता मुद्दे: प्रगति के बावजूद कौशल की पारस्परिक मान्यता, कार्य वीज़ा और भारतीय छात्रों के लिए अध्ययन-उपरांत अवसरों में चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
- कृषि बाजार पहुँच मुद्दे: ऑस्ट्रेलिया के कठोर सैनिटरी और फाइटोसैनिटरी (SPS) मानकों के कारण भारत को कृषि उत्पाद निर्यात में बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
- रक्षा तकनीक सहयोग में धीमी प्रगति: अभ्यास मजबूत हैं, लेकिन रक्षा निर्माण, तकनीक हस्तांतरण और संयुक्त R&D में सहयोग अभी भी अपर्याप्त है।
आगे की राह
- रणनीतिक और रक्षा सहयोग को गहरा करना: समुद्री सुरक्षा, खुफिया साझाकरण, संयुक्त रक्षा उत्पादन और इंडो-पैसिफिक में QUAD-प्रेरित पहलों को सुदृढ़ करना।
- CECA को शीघ्रता से पूरा करना और व्यापार विविधीकरण: CECA को अंतिम रूप देना और वस्तुओं, सेवाओं, महत्वपूर्ण खनिजों एवं डिजिटल व्यापार में विविधीकरण को बढ़ावा देना।
- महत्वपूर्ण खनिज और स्वच्छ ऊर्जा संबंधों को सुदृढ़ करना: लिथियम, रेयर अर्थ के लिए दीर्घकालिक आपूर्ति श्रृंखलाएँ बनाना और ग्रीन हाइड्रोजन, नवीकरणीय ऊर्जा तथा जलवायु लचीलापन परियोजनाओं पर सहयोग करना।
Source: TH
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