पाठ्यक्रम: GS2/ स्वास्थ्य
समाचार में
- द लैंसेट के अनुसार भारत में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड (UPF) की बिक्री सबसे तीव्रता से बढ़ रही है, जिससे मोटापे और मधुमेह के मामलों में वृद्धि हो रही है। भारत में UPF की बिक्री 2006 में 0.9 अरब डॉलर से बढ़कर 2019 में लगभग 38 अरब डॉलर हो गई — अर्थात् चालीस गुना वृद्धि।
क्या है अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड (UPF)?
- अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड (UPF) औद्योगिक रूप से निर्मित खाद्य उत्पाद होते हैं, जो कई प्रसंस्करण चरणों से गुजरते हैं और इनमें ऐसे तत्व शामिल होते हैं जो सामान्य घरेलू खाना पकाने में उपयोग नहीं होते, जैसे संरक्षक, इमल्सीफायर, रंग, फ्लेवरिंग एवं सिंथेटिक एडिटिव्स।
- इन्हें स्वादिष्ट, सुविधाजनक और लाभकारी बनाने के लिए तैयार किया जाता है, लेकिन इनका पोषण मूल्य कम होता है। इनमें अधिक कैलोरी, अतिरिक्त शर्करा, नमक एवं अस्वास्थ्यकर वसा होती है।
- UPF से भरपूर आहार मोटापा, टाइप 2 मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और कुछ प्रकार के कैंसर से जुड़ा हुआ है।
खपत बढ़ने के कारण
- शहरीकरण और व्यस्त जीवनशैली ने सुविधा एवं त्वरित भोजन की माँग बढ़ा दी है।
- अधिक आय और खाद्य कंपनियों के आक्रामक विपणन अभियान UPF को बढ़ावा देते हैं।
- रोजगार में वृद्धि, विशेषकर महिलाओं के घर से बाहर कार्य करने के कारण घरेलू खाना पकाने के लिए समय कम हो गया है।
- वैश्वीकरण और बड़े पैमाने पर उत्पादन ने UPF को पारंपरिक खाद्य पदार्थों की तुलना में अधिक सुलभ एवं सस्ता बना दिया है।
सुझाव
- नियामक उपाय: सरकारों को UPF उत्पादन, विपणन और सामग्री के सार्वजनिक प्रकटीकरण पर सख्त नियम अपनाने चाहिए।
- कराधान: UPF पर अधिक कर लगाना चाहिए ताकि उनकी खरीद और खपत को हतोत्साहित किया जा सके।
- जन-जागरूकता और शिक्षा: उपभोक्ताओं में पोषण साक्षरता बढ़ाकर उन्हें सूचित खाद्य विकल्प चुनने में सक्षम बनाना और आक्रामक विपणन से उत्पन्न गलत जानकारी को कम करना।
- सार्वजनिक संस्थानों में प्रतिबंध: स्कूलों, आंगनवाड़ियों, छात्रावासों, अस्पतालों, सरकारी कार्यालयों और सैन्य प्रतिष्ठानों में UPF पर प्रतिबंध लगाना। इन्हें ताज़ा और न्यूनतम प्रसंस्कृत भोजन से बदलना।
| UPF को रोकने के लिए सरकारी पहल – FSSAI का Eat Right India आंदोलन: न्यूनतम प्रसंस्करण, स्वच्छता और स्थानीय खाद्य पदार्थों को बढ़ावा देता है। – जन स्वास्थ्य अभियान: “स्वस्थ भारत यात्रा,” “पोषण माह” पोषण साक्षरता पर केंद्रित। – ट्रांस फैट विनियमन: FSSAI ने औद्योगिक ट्रांस फैट को तेल/वसा में 2% तक सीमित किया। WHO की REPLACE रणनीति के अनुरूप वैश्विक स्तर पर ट्रांस फैट समाप्त करने का लक्ष्य। – अनुसंधान और आहार दिशानिर्देश: ICMR-NIN ने 2024 में संशोधित आहार दिशानिर्देश जारी किए, जिनमें UPF को कम करने पर बल दिया गया। – PDS और मध्याह्न भोजन सुधार: ICDS, आंगनवाड़ी और PM-POSHAN योजनाओं में ताज़ा और न्यूनतम प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों को बढ़ावा। |
Source: TOI
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