पाठ्यक्रम: GS2/ सरकारी नीतियां और हस्तक्षेप
समाचार में
- जनजातीय कार्य मंत्रालय ने “आदि कर्मयोगी अभियान” की शुरुआत की है, जिसे विश्व का सबसे बड़ा जनजातीय मूलभूत नेतृत्व कार्यक्रम माना जा रहा है। यह अभियान “जनजातीय गौरव वर्ष” समारोहों के साथ जुड़ा हुआ है और “विकसित भारत @2047” की दृष्टि में योगदान देता है।
मूल दर्शन
- सेवा, संकल्प और समर्पण के मार्गदर्शक सिद्धांतों से प्रेरित।
- “सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास” के सिद्धांत को आत्मसात करता है।
प्रमुख घटक और परिणाम
- आदि सेवा केंद्र: प्रत्येक जनजातीय बहुल गांव में प्रस्तावित, जहाँ सरकारी अधिकारी और ग्रामीण प्रत्येक पखवाड़े कुछ घंटे “आदि सेवा समय” के रूप में समर्पित करेंगे। ये केंद्र स्थानीय समस्याओं का समाधान करेंगे, युवाओं को मार्गदर्शन देंगे और योजनाओं की अंतिम छोर तक पहुंच सुनिश्चित करेंगे।

- गवर्नेंस लैब कार्यशालाएँ: बहु-विभागीय प्रयोगशालाएँ जो सहयोगात्मक समस्या समाधान को बढ़ावा देंगी और कल्याणकारी योजनाओं के समन्वय को सुनिश्चित करेंगी।
- जनजातीय ग्राम कार्य योजना (दृष्टि 2030): अधिकारियों और ग्रामीणों द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई योजना, जो राष्ट्रीय लक्ष्यों और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के अनुरूप होगी।
- स्वयंसेवकों की भूमिका:
- आदि सहयोगी: शिक्षक, डॉक्टर और अन्य पेशेवर जो समुदायों को मार्गदर्शन एवं प्रेरित करेंगे।
- आदि साथी: स्वयं सहायता समूह (SHGs), जनजातीय बुजुर्ग, NRLM सदस्य और स्थानीय नेता जो प्रचार और क्रियान्वयन में सहायता करेंगे।
महत्व
- सशक्तिकरण: कल्याण से आगे बढ़कर नेतृत्व निर्माण की दिशा में कदम।
- विश्वास निर्माण: जनजातीय समुदायों और सरकारी संस्थानों के बीच की दूरी को कम करता है।
- संघर्ष शमन: विच्छेदन को कम करता है और सामाजिक समरसता को सुदृढ़ करता है।
- सतत विकास: मूलभूत स्तर की कार्रवाई को एजेंडा 2030 और भारत की 2047 की दृष्टि के अनुरूप सुनिश्चित करता है।
Source: PIB
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