पाठ्यक्रम: GS3/ अर्थव्यवस्था
समाचार में
- S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की दीर्घकालिक संप्रभु क्रेडिट रेटिंग को ‘BBB-’ से बढ़ाकर ‘BBB’ कर दिया है, साथ ही स्थिर दृष्टिकोण (Stable Outlook) भी प्रदान किया गया है।
समाचार के बारे में
- यह S&P द्वारा भारत की संप्रभु रेटिंग में 18 वर्षों में प्रथम सुधार है।
- S&P का निर्णय भारत की निरंतर उच्च आर्थिक वृद्धि, सफल राजकोषीय समेकन और बेहतर नीति पूर्वानुमेयता को दर्शाता है।
- भारत की अनुमानित GDP वृद्धि FY26 के लिए 6.5% पर सुदृढ़ बनी हुई है, और देश की बाह्य स्थिति को सुदृढ़ माना गया है।
संप्रभु क्रेडिट रेटिंग्स (SCR) के बारे में
- संप्रभु क्रेडिट रेटिंग्स स्वतंत्र मूल्यांकन होते हैं जो क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों (जैसे S&P, मूडीज, फिच) द्वारा किसी देश की वित्तीय दायित्वों को पूरा करने की क्षमता के आधार पर दिए जाते हैं।
- ये किसी सरकार की ऋण चुकाने की योग्यता और उससे जुड़े जोखिम को दर्शाते हैं।
- रेटिंग्स ‘AAA’ (उच्चतम सुरक्षा) से शुरू होती हैं; ‘BBB’ और उससे ऊपर को ‘निवेश योग्य’ (निवेश ग्रेड) माना जाता है, जबकि उससे नीचे की रेटिंग्स को ‘सट्टा’ या ‘जंक’ श्रेणी में रखा जाता है।
- ये रेटिंग्स किसी देश की अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बाजारों तक पहुंच, उधारी की लागत और निवेशकों की धारणा को प्रभावित करती हैं।
महत्व
- उधारी लागत में कमी: रेटिंग में सुधार से सरकारी और कॉर्पोरेट बॉन्ड की यील्ड घटती है, जिससे विदेशों में उधारी सस्ती होती है।
- निवेश को बढ़ावा: ‘BBB’ रेटिंग भारत को वैश्विक फंड्स के लिए अधिक आकर्षक बनाती है, जिससे FPI/FII प्रवाह बढ़ सकता है और बाजार स्थिरता को बल मिलता है।
- मूलभूत मजबूती का संकेत: यह सुधार भारत की आर्थिक नीतियों, राजकोषीय अनुशासन और वैश्विक आघातों के प्रति लचीलापन का समर्थन करता है।
- संस्थागत विश्वास को प्रोत्साहन: संप्रभु रेटिंग में सुधार के तुरंत बाद प्रमुख भारतीय बैंकों और वित्तीय संस्थानों की रेटिंग्स में भी सुधार हुआ, जिससे पूरे सिस्टम की विश्वसनीयता झलकती है।
- नीतिगत प्रभाव: यह भारत के विवेकपूर्ण मैक्रोइकोनॉमिक प्रबंधन, चल रहे सुधारों और RBI द्वारा स्थिर मुद्रास्फीति नियंत्रण की पुष्टि करता है।
- वैश्विक धारणा: यह पहले की उस आलोचना का प्रत्युत्तर करता है जिसमें कहा गया था कि रेटिंग्स भारत की वास्तविक आर्थिक स्थिति को नहीं दर्शातीं, और भारत की उभरते बाजारों में प्रतिष्ठा को ऊंचा करता है।
- विकास को बल: विदेशों से आसान फंडिंग भारत की विकासात्मक महत्वाकांक्षाओं, बुनियादी ढांचे के विस्तार और $5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को समर्थन देगी।
Source: PIB
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