कर्च जलडमरूमध्य (Kerch Strait)
पाठ्यक्रम: GS1/भूगोल
- कर्च जलडमरूमध्य में दो रूसी तेल टैंकर क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे तेल रिसाव हो गया।
कर्च जलडमरूमध्य
- अवस्थिति: यह पूर्वी यूरोप में एक जलडमरूमध्य है जो अज़ोव सागर को काला सागर से जोड़ता है।
- यह क्रीमिया में कर्च प्रायद्वीप (2014 में रूस द्वारा कब्जा कर लिया गया) और रूस में तमन प्रायद्वीप के बीच स्थित है।
- इसका नाम क्रीमिया के शहर कर्च से लिया गया है, जिसे पहले सिमेरियन बोस्पोरस के नाम से जाना जाता था।
- कर्च जलडमरूमध्य ब्रिज: कर्च जलडमरूमध्य की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता कर्च जलडमरूमध्य ब्रिज है, जो क्रीमिया प्रायद्वीप को मुख्य भूमि रूस से जोड़ता है।
- 2018 में बनकर तैयार हुआ यह पुल सड़क और रेल यातायात दोनों के लिए उपयुक्त है।

- जलडमरूमध्य: जलडमरूमध्य जल का एक संकीर्ण हिस्सा होता है जो दो बड़े जल निकायों को जोड़ता है, जो सामान्यतः दो भूमि द्रव्यमानों को अलग करता है।
- जलडमरूमध्य समुद्री नेविगेशन के लिए महत्त्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे विभिन्न समुद्रों या महासागरों के मध्य जहाजों के लिए मार्ग प्रदान करते हैं।
Source: CNN
ट्राइकोफाइटन इंडोटिनी (Trichophyton Indotineae)
पाठ्यक्रम: GS2/स्वास्थ्य
संदर्भ
- भारत और जर्मनी सहित 13 अन्य देशों के त्वचा विशेषज्ञों ने कवक की एक नई प्रजाति – ट्राइकोफाइटन (T.) इंडोटिनी – को दिए गए क्षेत्र-विशिष्ट नामकरण पर आपत्ति व्यक्त की है।
परिचय
- ट्राइकोफाइटन इंडोटिनी: यह एक फंगल रोगज़नक़ है जो व्यापक और उपचार में मुश्किल त्वचा संक्रमण का कारण बनता है।
- यह अधिकांश एंटी-फंगल दवाओं के प्रति प्रतिरोधी है।
- उत्पत्ति: यह 40 से अधिक देशों में पाया गया है और इसकी उत्पत्ति वर्तमान में अज्ञात है।
- नामकरण: जापानी त्वचा विशेषज्ञों, जिन्होंने भारत एवं नेपाल के रोगियों में फंगस को देखा था, ने 2020 में प्रस्ताव दिया कि इस फंगस को एक नई प्रजाति माना जाना चाहिए और इसका नाम ट्राइकोफाइटन इंडोटिनी रखा जाना चाहिए।
- प्रजातियों का नामकरण नए संक्रामक एजेंटों को विशिष्ट स्थानों से जोड़ने की ऐतिहासिक परंपरा के अनुरूप है।
- उदाहरण हैं स्पैनिश फ्लू, दिल्ली फोड़ा, मदुरा फ़ूट, वेस्ट नाइल वायरस, आदि।
- चिंता: यह प्रायः काफी गलत सूचना, कलंक और नस्लीय पूर्वाग्रह को जन्म देता है।
Source: TH
ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम विकार(ASD)
पाठ्यक्रम :GS 2/स्वास्थ्य
समाचार में
- वर्ष 2000 के पश्चात् से संयुक्त राज्य अमेरिका में ऑटिज्म के रोगियों की संख्या में तीव्रता से वृद्धि हुई है, जिससे इसके प्रसार को बढ़ाने वाले कारकों के बारे में लोगों में चिंता बढ़ गई है।
ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम विकार (ASD)
- परिचय: यह एक न्यूरोलॉजिकल एवं विकासात्मक स्थिति है जो मस्तिष्क संकेतन में व्यवधान के कारण संचार, व्यवहार, बातचीत और सीखने को प्रभावित करती है।
- कारण: संभवतः आनुवंशिक एवं पर्यावरणीय कारकों के कारण, जिसमें मातृ स्वास्थ्य और जन्म संबंधी जटिलताएँ शामिल हैं।
- आनुवांशिक विकार (जैसे, फ्रैजाइल एक्स सिंड्रोम) और पर्यावरणीय ट्रिगर (जैसे, वायु प्रदूषण) जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
- व्यापकता: विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि वैश्विक व्यापकता 1% है, जो 2012 में 0.62% थी।
- उपचार: कोई उपचार नहीं; प्रारंभिक निदान और हस्तक्षेप (3 वर्ष की आयु से पहले) महत्त्वपूर्ण हैं।
- सहायक उपचारों में भाषण चिकित्सा, व्यावसायिक चिकित्सा, सामाजिक कौशल प्रशिक्षण और व्यक्तिगत शिक्षा योजनाएँ सम्मिलित हैं।
Source :DD News
ऋण-जमा अनुपात (Credit-Deposit Ratio)
पाठ्यक्रम: GS3/अर्थव्यवस्था
संदर्भ
- भारत में बैंकों ने विगत वर्ष ऋण की तुलना में अधिक जमाएँ जोड़ीं, जिसके परिणामस्वरूप ऋण-जमा अनुपात में कमी आई।
परिचय
- CD अनुपात या ऋण-से-जमा अनुपात का उपयोग किसी बैंक की तरलता का आकलन करने के लिए किया जाता है, जिसमें उसी अवधि के लिए उसके कुल ऋणों की तुलना कुल जमा से की जाती है।
- सामान्यतः, आदर्श ऋण-से-जमा अनुपात 80% से 90% होता है। 100% के ऋण-से-जमा अनुपात का तात्पर्य है कि बैंक ने जमा में प्राप्त प्रत्येक डॉलर के लिए ग्राहकों को एक डॉलर उधार दिया है।
- उच्च CDR: यह दर्शाता है कि बैंक सक्रिय रूप से ऋण दे रहा है, जिससे उच्च लाभप्रदता हो सकती है, लेकिन ऋण चुकौती पूरी न होने पर उच्च जोखिम भी हो सकता है।
- यदि अनुपात बहुत अधिक है, तो ऋणदाता के पास अप्रत्याशित तनाव या धन की अचानक निकासी के लिए पर्याप्त तरलता नहीं है।
- कम CDR: यह सुझाव देता है कि बैंक अधिक रूढ़िवादी है, कम उधार देता है और अधिक आरक्षित रखता है, जो सावधानी या उपयुक्त ऋण अवसर खोजने में असमर्थता को दर्शाता है।
Source: LM
जीवाणु एंजाइमों का उपयोग करके प्लास्टिसाइज़र का विघटन
पाठ्यक्रम: GS3/पर्यावरण
संदर्भ
- IIT रुड़की ने डाइएथिल हेक्सिल फथलेट (DEHP) प्लास्टिसाइज़र को तोड़ने के लिए एक एंजाइम – एस्टरेज एंजाइम – का सफलतापूर्वक उपयोग किया है।
परिचय
- एस्टरेज एंजाइम मिट्टी के बैक्टीरिया सल्फोबैसिलस एसिडोफिलस द्वारा निर्मित होता है।
- एंजाइम DEHP प्लास्टिसाइज़र को दो उत्पादों में तोड़ता है – मोनो-(2-ethylhexyl) फ़थलेट (MEHP) और 2-एथिल हेक्सानॉल।
- यह एस्टरेज एंजाइम, पहले से पहचाने गए अन्य एंजाइमों के साथ मिलकर उच्च आणविक भार वाले फ़थलेट प्लास्टिसाइज़र को जल और कार्बन-डाइऑक्साइड में परिवर्तित कर सकता है।
- एस्टरेज एंजाइम लगभग एक माह तक सक्रिय रहता है और महत्त्वपूर्ण दक्षता के साथ DEHP प्लास्टिसाइज़र के विघटन को उत्प्रेरित करता है।
अनुप्रयोग
- अपशिष्ट प्रबंधन: अपशिष्ट उपचार सुविधाओं में बैक्टीरिया का उपयोग किया जा सकता है।
- जैव-उपचार: प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्रों, जैसे महासागरों या नदियों में प्लास्टिक प्रदूषण को साफ करने के लिए।
- औद्योगिक पैमाने पर गिरावट: आगे की आनुवंशिक इंजीनियरिंग और अनुकूलन के साथ, बैक्टीरिया को प्लास्टिक को कुशलतापूर्वक तोड़ने के लिए औद्योगिक पैमाने के बायोरिएक्टरों में नियोजित किया जा सकता है।
Source: TH
सुदूर पुरुलिया जिले में नई वेधशाला
पाठ्यक्रम :GS 3/विज्ञान और प्रौद्योगिकी
समाचार में
- एस एन बोस राष्ट्रीय आधारभूत विज्ञान केंद्र (SNBCBS) ने पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में पंचेत पहाड़ी के ऊपर एक नई वेधशाला स्थापित की है।
वेधशाला के संबंध में
- यह एक उन्नत खगोलीय वेधशाला है जिसमें वैज्ञानिक अवलोकन और प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए 14 इंच की दूरबीन है।
- यह ज़मीन से 600 मीटर ऊपर और 86° पूर्वी देशांतर पर स्थित है।
- यह वैश्विक खगोलीय अवलोकनों में एक कमी को पूरा करता है, क्योंकि इस देशांतर पर बहुत कम वेधशालाएँ विद्यमान हैं।
- उद्देश्य और महत्त्व: यह खगोलीय पिंडों के वैज्ञानिक अवलोकन में सहायता करेगा, छात्रों को दूरबीन संचालन में प्रशिक्षित करेगा, डेटा रिकॉर्ड करेगा और खगोलीय अनुसंधान में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देगा।
- यह क्षणिक खगोलीय घटनाओं के अवलोकन के लिए महत्त्वपूर्ण है।
भारत में अन्य प्रमुख वेधशालाएँ
- आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान अनुसंधान संस्थान (ARIES): नैनीताल।
- वेणु बप्पू वेधशाला: तमिलनाडु।
- IUCAA वेधशाला: पुणे.
Source :PIB
भारतीय सेना दिवस
पाठ्यक्रम :GS 3/रक्षा
समाचार में
- भारत में 77वां सेना दिवस “समर्थ भारत, सक्षम सेना” थीम के साथ मनाया जा रहा है।
सेना दिवस के संबंध में
- यह दिवस प्रत्येक वर्ष 15 जनवरी को भारतीय सेना के प्रथम कमांडर-इन-चीफ जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) के.एम. करिअप्पा के सम्मान में मनाया जाता है।
- 1949 में इसी दिन जनरल करिअप्पा ने अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल सर FRR बुचर से भारतीय सेना की कमान संभाली थी, जिसके साथ ही स्वतंत्र भारतीय सेना की स्थापना हुई थी।
- जनरल करिअप्पा को 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सेना को विजय दिलाने के लिए भी जाना जाता है।
भारतीय सेना के भूतपूर्व सैनिक दिवस के संबंध में
- प्रत्येक वर्ष 14 जनवरी को मनाया जाता है।
- यह दिन भारतीय सेना के प्रथम भारतीय कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल के.एम. करिअप्पा की सेवानिवृत्ति की याद में मनाया जाता है।
- यह सेवानिवृत्त भारतीय सेना कर्मियों के योगदान एवं बलिदान को पहचानने और उनकी सराहना करने का दिन है।
क्या आप जानते हैं? – भारतीय सेना की उत्पत्ति ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना से मानी जाती है, जो बाद में ब्रिटिश भारतीय सेना और प्रिंसली स्टेट्स आर्मी बन गई। – 1947 में भारत की स्वतंत्रता के पश्चात्, इन बलों का भारत की राष्ट्रीय सेना में विलय हो गया। – भारतीय सेना की प्राथमिक भूमिका देश को बाहरी और आंतरिक खतरों से बचाना है, साथ ही प्राकृतिक आपदाओं के दौरान मानवीय बचाव अभियान चलाना है। |
Source :Air
भार्गवास्त्र माइक्रो मिसाइल (Bhargavastra Micro Missiles)
पाठ्यक्रम: GS3/ रक्षा
संदर्भ
- भारत ने भार्गवास्त्र का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है, जो झुंड ड्रोनों का नियंत्रण करने के लिए डिजाइन की गई पहली माइक्रो मिसाइल प्रणाली है।
परिचय
- उन्नत लक्ष्य निर्धारण: भार्गवास्त्र प्रणाली ने 2.5 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित आभासी लक्ष्यों को सफलतापूर्वक मारा, जो उच्च परिशुद्धता और प्रभावशीलता का प्रदर्शन करता है।
- बढ़ी हुई रडार क्षमताएँ: यह 10 किलोमीटर तक के मध्यम से बड़े UAVs और 6 किलोमीटर दूर तक के छोटे ड्रोन का पता लगा सकता है, जिससे यह हवाई खतरों की एक विस्तृत शृंखला के विरुद्ध प्रभावी हो जाता है।
- बहुमुखी तैनाती: भार्गवास्त्र को मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म पर लगाया जा सकता है, जिससे उच्च-ऊंचाई वाले क्षेत्रों सहित विविध परिचालन क्षेत्रों में तेज़ी से तैनाती और अनुकूलनशीलता संभव हो पाती है।
Source: ET
हरित ऊर्जा ओपन एक्सेस नियम, 2022
पाठ्यक्रम: GS3/ ऊर्जा
संदर्भ
- कर्नाटक उच्च न्यायालय ने विद्युत (हरित ऊर्जा मुक्त पहुंच के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना) नियम, 2022 को रद्द कर दिया है।
निर्णय के संबंध में
- कर्नाटक उच्च न्यायालय ने निर्णय सुनाया कि केंद्र सरकार के पास विद्युत अधिनियम, 2003 के तहत GEOA नियम, 2022 तैयार करने का अधिकार नहीं है।
- विद्युत अधिनियम, 2003 राज्य विद्युत विनियामक आयोगों (SERCs) को विद्युत वितरण में खुली पहुँच को विनियमित करने के लिए विशेष शक्तियाँ प्रदान करता है।
GEOA नियम, 2022 की मुख्य विशेषताएँ
- ये नियम अपशिष्ट-से-ऊर्जा संयंत्रों से ऊर्जा सहित हरित ऊर्जा के उत्पादन, खरीद और खपत को बढ़ावा देने के लिए अधिसूचित किए गए हैं।
- हरित ओपन एक्सेस की अनुमति किसी भी उपभोक्ता को दी गई है और हरित ऊर्जा के लिए ओपन एक्सेस ट्रांजैक्शन की सीमा 1 मेगावाट से घटाकर 100 किलोवाट कर दी गई है, ताकि छोटे उपभोक्ता भी ओपन एक्सेस के माध्यम से अक्षय ऊर्जा खरीद सकें।
- उपभोक्ता डिस्कॉम से हरित विद्युत की आपूर्ति की मांग करने के हकदार हैं।
- डिस्कॉम पात्र उपभोक्ताओं को हरित बिजली खरीदने और आपूर्ति करने के लिए बाध्य होंगे।
- वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को स्वैच्छिक आधार पर हरित ऊर्जा खरीदने की अनुमति है।
- वितरण लाइसेंस के क्षेत्र में सभी बाध्य संस्थाओं पर एक समान नवीकरणीय खरीद दायित्व (RPO) होगा।
- ग्रीन हाइड्रोजन/ग्रीन अमोनिया को भी इसके RPO की पूर्ति के लिए शामिल किया गया है।
Source: TH
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