पाठ्यक्रम: GS3/ अर्थव्यवस्था
संदर्भ
- 2025 का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार जोएल मोकिर, फिलिप एघियन और पीटर हॉविट को नवाचार एवं आर्थिक विकास पर उनके क्रांतिकारी कार्य के लिए प्रदान किया गया।
आधुनिक आर्थिक विकास की ऐतिहासिक आधार
- इस शोध में यह विश्लेषण किया गया कि निरंतर आर्थिक विकास केवल विगत दो सदियों में ही क्यों उभरा, जबकि इतिहास भर में तकनीकी प्रगति होती रही।
- शोध में यह तर्क दिया गया कि औद्योगिक क्रांति से पूर्व तकनीकी ज्ञान मुख्यतः “अनुप्रयुक्त” था, अर्थात् लोग यह जानते थे कि चीजें कैसे कार्य करती हैं, लेकिन यह नहीं जानते थे कि वे क्यों कार्य करती हैं।
- 16वीं–17वीं शताब्दी के दौरान वैज्ञानिक क्रांति ने इसे “प्रस्तावनात्मक” ज्ञान में बदल दिया, अर्थात् अनुभवजन्य समझ को वैज्ञानिक तर्क के साथ जोड़ना।
- विज्ञान और तकनीक का यह समन्वय “उपयोगी ज्ञान” की नींव बना, जिससे व्यवस्थित नवाचार संभव हुआ।
रचनात्मक विनाश की अर्थव्यवस्था
- उनके 1992 के मॉडल ने गणितीय रूप से यह स्पष्ट किया कि कैसे रचनात्मक विनाश — जिसमें नई तकनीकें पुरानी को प्रतिस्थापित करती हैं — दीर्घकालिक समष्टि आर्थिक विकास को प्रेरित करता है।
- इस ढांचे में:
- कंपनियाँ अनुसंधान एवं विकास (R&D) में निवेश करती हैं ताकि बेहतर उत्पाद या प्रक्रियाएँ विकसित की जा सकें।
- सफल नवोन्मेषकों को अस्थायी एकाधिकार लाभ प्राप्त होते हैं।
- समय के साथ, उन्हें नए नवोन्मेषक प्रतिस्थापित कर देते हैं — यह रचनात्मक विनाश का चक्र है।
- यह प्रक्रिया यह समझाती है कि कैसे कुल GDP निरंतर बढ़ता है, भले ही व्यक्तिगत कंपनियाँ उठती और गिरती रहें।
- उनका सामान्य-संतुलन मॉडल सभी बाजारों (वस्तु, श्रम, और पूंजी) को जोड़ता है, यह दर्शाते हुए कि सूक्ष्म स्तर के नवाचार कैसे समष्टि आर्थिक स्थिरता में बदलते हैं।
- उन्होंने यह भी दर्शाया कि R&D का सामाजिक स्तर पर सकारात्मक प्रभाव होता है, जिससे अनुसंधान और शिक्षा में सार्वजनिक निवेश का औचित्य सिद्ध होता है।
भारत और अन्य विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए महत्व
- विज्ञान और मानव पूंजी में निवेश करें: R&D फंडिंग बढ़ाएं, नवाचार केंद्र स्थापित करें, और अनुसंधान संस्थानों व उद्योगों के बीच तकनीकी हस्तांतरण को बेहतर बनाएं।
- अपनाने और नवाचार में संतुलन रखें: भारत तकनीकी आयात और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) से लाभ उठा सकता है, लेकिन दीर्घकालिक विकास के लिए स्वदेशी नवाचार क्षमता आवश्यक है, जिसे स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र एवं सरल विनियमन से समर्थन मिलना चाहिए।
- प्रतिस्पर्धा को सुदृढ़ करें: दूरसंचार और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में अत्यधिक बाजार प्रभुत्व को रोकें ताकि नए प्रवेशकों के लिए समान अवसर सुनिश्चित हो सकें।
- लचीली श्रम बाजार नीतियाँ अपनाएं: “फ्लेक्सिक्योरिटी” को अपनाएं, अर्थात् कठोर नौकरी सुरक्षा के बजाय प्रशिक्षण और सामाजिक बीमा के माध्यम से श्रमिकों की सुरक्षा करें।
- समावेशी नवाचार को बढ़ावा दें: तकनीकी नीति को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं जैसे नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटल समावेशन, और सतत निर्माण से जोड़ें।
| अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार – इस पुरस्कार को आधिकारिक रूप से “अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में स्वीडन के केंद्रीय बैंक द्वारा स्थापित आर्थिक विज्ञान का पुरस्कार” कहा जाता है। – यह पुरस्कार 1968 में स्वीडन के केंद्रीय बैंक द्वारा अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में स्थापित किया गया था। – अल्फ्रेड नोबेल 19वीं शताब्दी के स्वीडिश व्यवसायी और रसायनज्ञ थे, जिन्हें डायनामाइट के आविष्कार तथा मूल पाँच नोबेल पुरस्कारों की स्थापना के लिए जाना जाता है। – अर्थशास्त्र के प्रथम नोबेल विजेता 1969 में रैगनार फ्रिश और जान टिनबर्गन थे। |
Source: IE
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