“ज्ञान भारतम्” पोर्टल
पाठ्यक्रम: GS1/संस्कृति
संदर्भ
- प्रधानमंत्री मोदी ने “ज्ञान भारतम्” अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में ज्ञान भारतम् पोर्टल का शुभारंभ किया।
परिचय
- अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “ज्ञान भारतम्” का आयोजन “पांडुलिपि विरासत के माध्यम से भारत की ज्ञान परंपरा की पुनर्स्थापना” विषय पर किया जा रहा है।
- भारतम् पोर्टल एक समर्पित डिजिटल मंच है, जिसका उद्देश्य पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण, संरक्षण और सार्वजनिक पहुंच को तीव्र करना है।
- भारत की पांडुलिपियाँ लगभग 80 भाषाओं में उपलब्ध हैं, जिनमें संस्कृत, प्राकृत, असमिया, बंगाली, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम और मराठी शामिल हैं।
ज्ञान भारतम् मिशन
- राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन (NMM) का उद्देश्य भारत की समृद्ध पांडुलिपि विरासत का संरक्षण, प्रलेखन और प्रसार करना है।
- इस मिशन को अब ‘ज्ञान भारतम् मिशन’ के नाम से पुनर्गठित किया गया है, जो 2024 से 2031 की अवधि के लिए एक केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में कार्य करेगा।
- मिशन के प्रमुख उद्देश्य हैं:
- सर्वेक्षण और प्रलेखन
- संरक्षण और रख-रखाव
- प्रकाशन और शोध कार्य आदि।
Source: AIR
राष्ट्रीय औद्योगिक वर्गीकरण (NIC) 2025 का प्रारूप
पाठ्यक्रम: GS3/ अर्थव्यवस्था
संदर्भ
- सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा सार्वजनिक परामर्श के लिए राष्ट्रीय औद्योगिक वर्गीकरण (NIC) 2025 का प्रारूप जारी किया गया।
परिचय
- इस वर्गीकरण में नवीकरणीय ऊर्जा, फिनटेक, डिजिटल कॉमर्स, आयुष स्वास्थ्य सेवा और प्लेटफ़ॉर्म-आधारित सेवाओं के लिए नई श्रेणियाँ शामिल की गई हैं, जो अर्थव्यवस्था में डिजिटल एवं हरित परिवर्तनों को दर्शाती हैं।
- यह 17 वर्षों में प्रथम संशोधन है और भारत की अर्थव्यवस्था एवं प्रौद्योगिकी परिदृश्य में व्यापक परिवर्तनों को प्रदर्शित करता है।
- यह उद्योगों एवं गतिविधियों के वर्गीकरण को मानकीकृत करेगा, जो सरकार, शोधकर्ताओं और व्यवसायों के लिए महत्वपूर्ण होगा।
Source: PIB
RBI का CPI मुद्रास्फीति रूपरेखा
पाठ्यक्रम: GS3/अर्थव्यवस्था
समाचारों में
- हाल ही में, पूर्व मौद्रिक नीति समिति (MPC) के सदस्यों ने भारत की वर्तमान लचीली मुद्रास्फीति लक्ष्य निर्धारण (Flexible Inflation Targeting – FIT) व्यवस्था को बनाए रखने का समर्थन किया है, जिसमें 4% उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति लक्ष्य को 2-6% के दायरे में रखा गया है। उन्होंने इसके पीछे मुद्रास्फीति की अपेक्षाओं को स्थिर करने और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने की भूमिका को कारण बताया।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI)
- उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) एक निश्चित वस्तुओं और सेवाओं की बास्केट की खुदरा कीमतों में परिवर्तन को मापता है, जो जीवन यापन की लागत एवं उपभोक्ता की क्रय शक्ति को दर्शाता है।
- भारत में CPI को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा संकलित किया जाता है, जिसमें 2012 को आधार वर्ष के रूप में लिया गया है।
- यह वर्तमान कीमतों की तुलना पूर्व की कीमतों से करके मुद्रास्फीति को ट्रैक करता है, और CPI में वृद्धि मुद्रास्फीति का संकेत देती है।
- प्रारंभ में इसे श्रमिकों के वेतन समायोजन के लिए उपयोग किया जाता था, लेकिन अब यह भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति, मुद्रास्फीति लक्ष्य निर्धारण और वास्तविक आर्थिक वृद्धि को मापने का प्रमुख उपकरण बन गया है।
- भारत विशेष रूप से औद्योगिक श्रमिकों, कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के लिए अलग-अलग CPI सूचकांक भी प्रकाशित करता है।
Source :IE
सरकार द्वारा अफीम की खेती के लिए वार्षिक लाइसेंसिंग नीति की घोषणा
पाठ्यक्रम: GS3/विज्ञान और प्रौद्योगिकी
समाचारों में
- अफीम की खेती के लिए वार्षिक लाइसेंस नीति की घोषणा मादक द्रव्य और मनःप्रभावी पदार्थ नियम, 1985 (NDPS Rules, 1985) के तहत की गई है।
परिचय
- भारत विश्व का एकमात्र देश है जो मादक द्रव्य और मनःप्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985 (NDPS Act, 1985) के अंतर्गत वैज्ञानिक और औषधीय उद्देश्यों के लिए कानूनी रूप से अफीम गोंद का उत्पादन करता है।
- इस खेती को राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (CBN) द्वारा सख्ती से नियंत्रित किया जाता है।
- अनुमत राज्य:
- मध्य प्रदेश
- राजस्थान
- उत्तर प्रदेश (विशेष अधिसूचित क्षेत्र)
- शर्तें:
- किसानों को प्रत्येक वर्ष लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है।
- उन्हें अफीम के लेटेक्स में मॉर्फीन की न्यूनतम योग्यता उपज (MQY) प्राप्त करनी होती है।
- पूरा उत्पादन CBN को सौंपना अनिवार्य है; सरकार खरीद मूल्य निर्धारित करती है।
- महत्व: अफीम और इससे प्राप्त एल्कलॉइड्स (जैसे मॉर्फीन, कोडीन, थीबेन) पैलिएटिव केयर, दर्द प्रबंधन, एवं आवश्यक मादक दवाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
Source: DTE
सिकाडा
पाठ्यक्रम: GS3/ पर्यावरण
समाचारों में
- केरल के साइलेंट वैली नेशनल पार्क, जो नीलगिरी बायोस्फीयर रिज़र्व (यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल) में स्थित एक जैव विविधता हॉटस्पॉट है, ने हाल ही में सिकाडा की वापसी की सूचना दी है।
सिकाडा के बारे में
- यह कीटों का एक प्रमुख और आसानी से पहचाने जाने वाला समूह है, जो मुख्य रूप से विश्व भर के उष्ण और समशीतोष्ण क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
- ये अपनी विशिष्ट ध्वनि उत्पन्न करने की क्षमता (टिंबल्स) के लिए जाने जाते हैं, जिसका उपयोग प्रायः साथी को आकर्षित करने के लिए किया जाता है।
- ये जैव संकेतक के रूप में कार्य करते हैं, जो पारिस्थितिकी तंत्र की सेहत को दर्शाते हैं।
- रिपोर्टों के अनुसार, वनों की कटाई, जलवायु तनाव और मानव हस्तक्षेप के कारण सिकाडा की संख्या में गिरावट आई थी।
Source: DTE
कोयला गैसीकरण
पाठ्यक्रम: GS3/पर्यावरण
समाचारों में
- सरकार ने खनन योजना दिशानिर्देशों की समीक्षा और भूमिगत कोयला गैसीकरण (Underground Coal Gasification – UCG) के प्रावधानों को जोड़ने के लिए एक समिति का गठन किया है।
कोयला गैसीकरण
- कोयला गैसीकरण एक प्रक्रिया है जिसमें कोयले को संश्लेषण गैस (syngas) में परिवर्तित किया जाता है, जो हाइड्रोजन (H₂), कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), और कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) का मिश्रण होता है।
- यह संश्लेषण गैस विद्युत उत्पादन और उर्वरक जैसे रासायनिक उत्पादों के निर्माण में उपयोग की जा सकती है।
- भूमिगत कोयला गैसीकरण (UCG): UCG पर्यावरणीय और संचालन संबंधी लाभ प्रदान करता है, क्योंकि यह गहरे, अप्राप्य कोयला भंडार तक पहुंचने की सुविधा देता है, जिससे सतह पर न्यूनतम प्रभाव पड़ता है, कम जल की आवश्यकता होती है, और मेथनॉल, डाइमेथाइल ईथर एवं सिंथेटिक प्राकृतिक गैस जैसे स्वच्छ ईंधन का उत्पादन संभव होता है।
कोयला गैसीकरण के लाभ
- यह भारत के प्रचुर कोयला संसाधनों का उपयोग कर सकता है, जिससे आयातित ऊर्जा, रसायनों और फीडस्टॉक पर निर्भरता कम होती है।
- यह बड़े पैमाने पर कोयला-से-रसायन संयंत्रों के माध्यम से आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दे सकता है, विशेष रूप से आंतरिक राज्यों की क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं को सशक्त कर सकता है।
- यह कोयले के स्वच्छ उपयोग को सक्षम बना सकता है, जिससे CO₂ और अन्य प्रदूषकों को लागत प्रभावी तरीके से कैप्चर कर औद्योगिक उद्देश्यों के लिए पुनः उपयोग किया जा सकता है।
Source: PIB
अभ्यास सियोम प्रहार
पाठ्यक्रम: GS3/रक्षा
संदर्भ
- भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश में अभ्यास सियोम प्रहार (Exercise Siyom Prahar) का सफलतापूर्वक समापन किया, जिसमें आधुनिक युद्ध में ड्रोन तकनीक की भूमिका को प्रमाणित किया गया।
अभ्यास के बारे में
- इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य भविष्य के युद्धक्षेत्रों के लिए नई रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं (Tactics, Techniques and Procedures – TTPs) का विकास एवं सत्यापन था।
- इनमें ड्रोन से प्राप्त खुफिया जानकारी को पारंपरिक अग्नि शक्ति के साथ जोड़ने की विधियाँ, संयुक्त लक्ष्य निर्धारण प्रक्रियाओं को परिष्कृत करना, और गतिशील युद्ध स्थितियों में त्वरित निर्णय लेने की क्षमता सुनिश्चित करना शामिल था।
- इस अभ्यास के परिणामों से संचालनात्मक एकीकरण, तैनाती की अवधारणाओं और बल गुणन (Force Multiplication) के लिए महत्वपूर्ण सीख मिलने की संभावना है।
Source: TH
INS अरावली का गुरुग्राम में कमीशन
पाठ्यक्रम: GS3/रक्षा
समाचारों में
- भारतीय नौसेना ने INS अरावली को गुरुग्राम में आयोजित कमीशन समारोह में नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी की उपस्थिति में आधिकारिक रूप से कमीशन किया।
INS अरावली
- इसका नाम अरावली पर्वतमाला के नाम पर रखा गया है तथा यह तकनीक एवं सहयोग का एक केंद्र बनेगा, जो समुद्रों के पार प्लेटफॉर्म और साझेदारों को जोड़ने का कार्य करेगा।
- इसका आदर्श वाक्य है “सामुद्रिक सुरक्षा के लिए सहयोग”, और इसका उद्देश्य नौसेना की संचालनात्मक तत्परता एवं समुद्री सुरक्षा को सुदृढ़ करना है।
- यह सूचना और संचार क्षमताओं को बढ़ाएगा।
महत्त्व
- यह प्रधानमंत्री की महासागर(MAHASAGAR) दृष्टि — क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति – को मूर्त रूप देता है।
- यह भारत की भूमिका को हिंद महासागर क्षेत्र में पसंदीदा सुरक्षा साझेदार के रूप में सुदृढ़ करता है।
| क्या आप जानते हैं? – अरावली पर्वतमाला पृथ्वी की सबसे प्राचीन वलित पर्वत श्रृंखलाओं में से एक है।यह गुजरात से दिल्ली तक (राजस्थान और हरियाणा के माध्यम से) 800 किलोमीटर से अधिक फैली हुई है। – अरावली श्रृंखला की सबसे ऊँची चोटी गुरु शिखर है, जो माउंट आबू पर स्थित है।अरावली पर्वतमाला का उत्तर-पश्चिम भारत और उससे आगे की जलवायु पर प्रभाव पड़ता है। |
Source :TH
F404-IN20 इंजन
पाठ्यक्रम: GS3/ रक्षा
संदर्भ
- हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने LCA Mk-1A लड़ाकू विमान के लिए अमेरिकी कंपनी GE एयरोस्पेस से 99 F404-IN20 इंजन का ऑर्डर दिया है।
- भारत ने 2021 में GE के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके अंतर्गत HAL को तेजस Mk1A में F404-IN20 इंजन का उपयोग करना है।
F404-IN20 के बारे में
- F404-IN20, GE (जनरल इलेक्ट्रिक) की F404 श्रृंखला के आफ्टरबर्निंग टर्बोफैन इंजनों का एक संस्करण है। यह विशेष रूप से भारत के LCA तेजस Mk1/Mk1A लड़ाकू विमानों के लिए अनुकूलित किया गया है।
- यह F404 श्रृंखला का सबसे अधिक थ्रस्ट देने वाला संस्करण है।
- मुख्य विशिष्टताएँ:
- F404-IN20 इंजन अफ्टरबर्नर के साथ लगभग 84 kN का अधिकतम थ्रस्ट उत्पन्न करता है।
- यह इंजन लगभग 28:1 के प्रेशर रेशियो पर कार्य करता है, जिससे कुशल संपीड़न और ऊर्जा उत्पादन संभव होता है।
- इसमें फुल अथॉरिटी डिजिटल इंजन कंट्रोल (FADEC) प्रणाली लगी है, जो प्रदर्शन और ईंधन दक्षता का सटीक प्रबंधन सुनिश्चित करती है।
- इसके डिज़ाइन में हाई-फ्लो फैन, उन्नत हॉट-सेक्शन सामग्री, और सिंगल-क्रिस्टल टरबाइन ब्लेड्स शामिल हैं, जो इंजन की टिकाऊपन और विश्वसनीयता को बेहतर बनाते हैं।
Source: HT
आपदा जोखिम सूचकांक (DRI)
पाठ्यक्रम: GS3/आपदा प्रबंधन
संदर्भ
- हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आपदा जोखिम सूचकांक (Disaster Risk Index – DRI) को पुनः परिभाषित करने का आग्रह किया, यह तर्क देते हुए कि हिमालयी क्षेत्र को विशिष्ट खतरों का सामना करना पड़ता है जिन्हें वर्तमान सूचकांक में पर्याप्त रूप से शामिल नहीं किया गया है।
आपदा जोखिम सूचकांक (DRI)
- DRI सामान्यतः एक ऐसा मापदंड है जो जोखिम के संपर्क, संवेदनशीलता, और क्षमता/लचीलापन को मिलाकर किसी भौगोलिक इकाई की आपदा जोखिम का आकलन करता है।
- भारत में DRI का उपयोग यह पहचानने के लिए किया जाता है कि कौन-से राज्य/केंद्र शासित प्रदेश आपदाओं के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील हैं — न केवल प्राकृतिक खतरों के आधार पर, बल्कि यह भी देखा जाता है कि:
- कितने लोग प्रभावित हो सकते हैं,
- कितनी जनसंख्या/कृषि/अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ सकता है,
- अधोसंरचना की तैयारी कैसी है, आदि।
- यह सूचकांक 15वें वित्त आयोग (2017–2025) द्वारा तैयार किया गया है।
- विचारित 14 प्रकार के खतरे:भूकंप, चक्रवात, बाढ़, सूखा, भूस्खलन, सुनामी, हिमस्खलन, गर्म लहर, शीत लहर, तटीय कटाव, वनाग्नि, अग्नि, औद्योगिक खतरे, विद्युत।
- सूचकांक कैसे तैयार किया जाता है:
- यह गणना जनगणना 2011 के अनुसार 640 जिलों के स्तर पर की जाती है।
- इसके बाद इसे राज्य/केंद्र शासित प्रदेश स्तर पर समेकित किया जाता है।
Source: TM
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