पाठ्यक्रम: GS2/स्वास्थ्य
समाचारों में
- नेशनल वन हेल्थ मिशन असेंबली 2025 ने “वन अर्थ, वन हेल्थ, वन फ्यूचर” विषय के अंतर्गत भारत के एकीकृत स्वास्थ्य सुरक्षा दृष्टिकोण को प्रदर्शित किया।
| नेशनल वन हेल्थ असेंबली 2025 इसका आयोजन स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (DHR) द्वारा नेशनल वन हेल्थ मिशन के तत्वावधान में किया जा रहा है।यह मंत्रालयों, विभागों, शिक्षाविदों और विशेषज्ञों को एक साथ लाता है ताकि वन हेल्थ दृष्टिकोण में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका को उजागर किया जा सके। |
वन हेल्थ
- ‘वन हेल्थ’ दृष्टिकोण लोगों, पशुओं और पर्यावरण के स्वास्थ्य को एकीकृत करता है।
- यह जटिल स्वास्थ्य चुनौतियों जैसे ज़ूनोटिक रोग, एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध और खाद्य सुरक्षा का समाधान करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
आवश्यकता और उद्देश्य
- भारत के पास विश्व की सबसे बड़ी पशुधन जनसंख्या में से एक, विविध वन्यजीव और सघन मानव जनसंख्या है, जिससे यह क्रॉस-सेक्टोरल रोग संचरण के लिए अत्यधिक संवेदनशील बनता है।
- कोविड-19, एवियन इन्फ्लुएंजा और मवेशियों में लंपी स्किन डिज़ीज़ जैसे प्रकोप स्वास्थ्य क्षेत्रों की परस्पर जुड़ाव को उजागर करते हैं।
- वन हेल्थ समग्र शासन, सहयोग और संचार सुनिश्चित करता है, जिससे महामारी के विरुद्ध बेहतर तैयारी होती है तथा खाद्य सुरक्षा, आजीविका एवं जैव विविधता की रक्षा होती है।
प्रमुख चुनौतियाँ
- स्वास्थ्य, कृषि, पर्यावरण और वन्यजीव क्षेत्र प्रायः अलग-अलग कार्य करते हैं।
- ज़ूनोटिक रोगों और एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध के लिए सीमित निगरानी प्रणाली।
- ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में संसाधन सीमाएँ, जहाँ मानव-पशु संपर्क तीव्र होता है।
- एकतरफा व्यापार उपाय (जैसे कार्बन बॉर्डर मैकेनिज़्म) और वैश्विक असमानताएँ वन हेल्थ रणनीतियों को लागू करने में निष्पक्षता को कमजोर कर सकती हैं।
भारत में उठाए गए कदम
- नेशनल वन हेल्थ मिशन (2021) ने ज़ूनोटिक रोगों की रोकथाम के लिए क्रॉस-सेक्टोरल समन्वय को संस्थागत बनाने का प्रस्ताव रखा।
- आयुष्मान भारत और ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन प्लेटफ़ॉर्म स्वास्थ्य सेवाओं, जिसमें निवारक सेवाएँ भी शामिल हैं, तक पहुँच का विस्तार कर रहे हैं।
- मिशन इंद्रधनुष टीकाकरण अभियानों को बेहतर कर रोग भार को कम कर रहा है।
- सरकार ने उच्च-संयम प्रयोगशालाओं की प्रथाओं को मानकीकृत करने के लिए BSL-3 प्रयोगशाला नेटवर्क SOP संकलन जारी किया।
आगे की राह
- वन हेल्थ भारत की लचीलापन क्षमता के लिए महत्वपूर्ण है, जिसके लिए एक राष्ट्रीय ढाँचा, मजबूत निगरानी और स्वास्थ्य क्षेत्रों में क्षमता निर्माण की आवश्यकता है।
- यह सामुदायिक जागरूकता, प्रकोप की भविष्यवाणी के लिए उन्नत तकनीकों के उपयोग और विकासशील देशों के लिए वित्त, तकनीक एवं संसाधनों तक समान पहुँच सुनिश्चित करने हेतु वैश्विक सहयोग का आह्वान करता है।
Source :DD
Previous article
किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष लंबित मामले(JJBs)
Next article
संक्षिप्त समाचार 21-12-2025