गूगल का एआई मॉडल प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए कैंसर कोशिकाओं को उजागर करने में सहायता करता है

पाठ्यक्रम: GS3/विज्ञान और प्रौद्योगिकी

समाचार में 

  • गूगल डीपमाइंड ने घोषणा की है कि उसके एआई मॉडल C2S-Scale ने कैंसर कोशिकाओं के व्यवहार पर एक नया अनुमान प्रस्तुत किया, जिसे बाद में प्रयोगशाला परीक्षणों में सत्यापित किया गया।

C2S-Scale 

  • यह बड़े भाषा मॉडल्स (LLMs) का एक समूह है, जो गूगल की Gemma-2 आर्किटेक्चर पर आधारित है। 
  • यह जैविक डेटा की व्याख्या करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो सिंगल-सेल RNA अनुक्रमण को सरल “कोशिका वाक्य” में परिवर्तित करता है। 
  • यह 5 करोड़ से अधिक कोशिकाओं पर प्रशिक्षित है और इसका 27 अरब पैरामीटर वाला मॉडल ऊतक एवं रोगों में जीन अभिव्यक्ति पैटर्न को सीखता है, जिससे यह प्राकृतिक भाषा में कोशिकीय व्यवहार को समझने में सक्षम होता है।

नवीनतम विकास 

  • C2S-Scale ने एक नया अनुमान प्रस्तुत किया कि दवा सिल्मिटासर्टिब, यदि कम मात्रा में इंटरफेरॉन के साथ दी जाए, तो कुछ कैंसर कोशिकाओं को प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए अधिक स्पष्ट बना सकती है। 
  • प्रयोगशाला परीक्षणों ने न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर कोशिकाओं में इस भविष्यवाणी की पुष्टि की, जिसमें निर्दिष्ट परिस्थितियों में एंटीजन प्रस्तुति में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई।

स्वास्थ्य सेवा में एआई और LLMs की भूमिका 

  • परिवर्तनकारी तकनीक: एआई, विशेष रूप से बड़े भाषा मॉडल्स (LLMs), स्वास्थ्य सेवा को बदल रहे हैं, जो विशाल जैव-चिकित्सकीय एवं नैदानिक डेटा सेट्स का विश्लेषण करके तीव्र निदान एवं नवाचार को संभव बनाते हैं। 
  • जीवविज्ञान की व्याख्या: C2S-Scale जैसे मॉडल्स कोशिकीय और आनुवंशिक संकेतों की व्याख्या करते हैं, जिससे वैज्ञानिकों को रोग तंत्र एवं कोशिकीय व्यवहार को समझने में सहायता मिलती है। 
  • डिजिटल वैज्ञानिक सहयोगी: LLMs आभासी सहयोगियों की तरह कार्य करते हैं, परीक्षण योग्य अनुमान उत्पन्न करते हैं, डेटा को सत्यापित करते हैं, और जैव-चिकित्सकीय अनुसंधान को गति प्रदान करते हैं। 
  • दवा खोज: ये दवा–कोशिका अंतःक्रियाओं का अनुकरण करते हैं, नए चिकित्सीय लक्ष्यों की पहचान करते हैं, और अनुसंधान एवं विकास चक्रों की लागत एवं समय को कम करते हैं। 
  • सटीक चिकित्सा: व्यक्तिगत आनुवंशिक और आणविक प्रोफाइल के आधार पर उपचार को अनुकूलित करते हैं, जिससे प्रभावशीलता बढ़ती है तथा दुष्प्रभाव कम होते हैं। 
  • रोगी देखभाल और सहभागिता: एआई-संचालित चैटबॉट्स और वर्चुअल सहायक 24×7 सहायता, उपचारोत्तर मार्गदर्शन एवं जीवनशैली परामर्श प्रदान करते हैं। 
  • नैतिक निगरानी: स्वास्थ्य सेवा में एआई के जिम्मेदार एकीकरण के लिए डेटा गोपनीयता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना आवश्यक है।
कैंसर के बारे में
अवलोकन: यह रोगों का एक समूह है, जिसकी विशेषता असामान्य कोशिकाओं की तीव्र वृद्धि है, जो आसपास के ऊतकों पर आक्रमण कर सकती हैं और अन्य अंगों में फैल सकती हैं (मेटास्टेसिस), जो कैंसर से संबंधित मृत्युओं का प्रमुख कारण है। 
कारण: यह एक बहु-चरणीय प्रक्रिया के माध्यम से विकसित होता है, जो आनुवंशिक कारकों और बाहरी तत्वों से प्रभावित होता है, जिनमें भौतिक (जैसे विकिरण), रासायनिक (जैसे तंबाकू, शराब, एस्बेस्टस), एवं जैविक कार्सिनोजेन्स (जैसे वायरस और बैक्टीरिया) शामिल हैं। 
उम्र बढ़ने से कैंसर का जोखिम बढ़ता है, क्योंकि समय के साथ जोखिमों का संचय होता है और कोशिकीय मरम्मत तंत्र कमजोर हो जाते हैं।
रोकथाम और उपचार: शीघ्र पहचान और उचित उपचार से परिणामों में उल्लेखनीय सुधार होता है। 
– रोकथाम के उपायों में तंबाकू और शराब से बचाव, स्वस्थ आहार एवं वजन बनाए रखना, नियमित व्यायाम, टीकाकरण, सूर्य से सुरक्षा, विकिरण का सुरक्षित उपयोग, तथा प्रदूषकों व कार्सिनोजेन्स के संपर्क को कम करना शामिल है।
भारत में संबंधित कदम 
– भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अंतर्गत राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (NCRP) 1982 से कैंसर की घटनाओं, भार और प्रवृत्तियों को ट्रैक कर रहा है, जो डेटा एकत्र करने और विश्लेषण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे साक्ष्य-आधारित नीति निर्णय संभव होते हैं। 
केंद्रीय बजट 2025-26: कैंसर देखभाल को प्राथमिकता दी गई है।

कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु राष्ट्रीय कार्यक्रम (NPCDCS): यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के अंतर्गत एक प्रमुख पहल है, जो गैर-संचारी रोगों (NCDs), जिनमें कैंसर भी शामिल है, को नियंत्रित करने पर केंद्रित है। 
2018 में शुरू किया गया आयुष्मान भारत कार्यक्रम कमजोर वर्गों को सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करता है, जिसमें कैंसर देखभाल भी शामिल है। 
– यह कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और सर्जिकल ऑन्कोलॉजी को कवर करता है, और 30 दिनों के अंदर उपचार सुनिश्चित करता है। 
अप्रैल 2024: भारत ने कैंसर देखभाल में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, जब नेक्सकार19(NexCAR19) लॉन्च किया गया—देश की प्रथम स्वदेशी रूप से विकसित CAR-T सेल थेरेपी, जो IIT बॉम्बे, टाटा मेमोरियल सेंटर और इम्यूनोएक्ट(ImmunoACT) के बीच एक अभूतपूर्व सहयोग से विकसित की गई। 
सितंबर 2024: भारत ने अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ साझेदारी में क्वाड कैंसर मूनशॉट लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सर्वाइकल कैंसर को समाप्त करना है।

Source :IE

 

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