पाठ्यक्रम: GS2/ स्वास्थ्य
समाचार में
- WHO की वैश्विक रिपोर्ट “तंबाकू उपयोग की प्रवृत्तियों पर 2000–2024 और अनुमान 2025–2030” 15 वर्ष तथा उससे अधिक आयु की जनसंख्या में तंबाकू उपयोग की दर का आकलन प्रस्तुत करती है, जिसमें 2030 तक की प्रवृत्तियों का अनुमान शामिल है।
मुख्य विशेषताएं
- वैश्विक प्रवृत्तियाँ:
- उपयोग में गिरावट: वैश्विक वयस्क तंबाकू उपयोग 2010 में 26.2% से घटकर 2024 में 19.5% हो गया।
- अब भी प्रचलित: प्रगति के बावजूद, वैश्विक स्तर पर प्रत्येक पाँच में से एक वयस्क तंबाकू का सेवन करता है।
- ई-सिगरेट का बढ़ता चलन: विश्वभर में 100 मिलियन से अधिक लोग अब ई-सिगरेट का उपयोग करते हैं, जिससे नए नियामक और स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियाँ उत्पन्न हो रही हैं।
- भारत की प्रगति और स्थिति:
- तंबाकू उपयोगकर्ता (2024): भारत में 15 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 243.48 मिलियन लोग तंबाकू का उपयोग करते हैं।
- वैश्विक स्थान: भारत तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक (चीन के बाद) और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक (ब्राज़ील के बाद) है।
- प्रगति: 2010–2025 के बीच तंबाकू उपयोग में 43% की कमी की दिशा में अग्रसर, जो WHO के NCD लक्ष्य 30% से अधिक है।
भारत द्वारा तंबाकू सेवन रोकने के उपाय:
- सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (COTPA), 2003: सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषिद्ध, तंबाकू विज्ञापन पर प्रतिबंध, नाबालिगों को बिक्री पर रोक, पैकेजिंग और लेबलिंग का नियमन।
- इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम, 2019: ई-सिगरेट और समान उपकरणों के उत्पादन, आयात, बिक्री और विज्ञापन पर प्रतिबंध।
- राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (2007-08 में शुरू): हानिकारक प्रभावों के प्रति जागरूकता फैलाने का उद्देश्य, WHO के फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन टोबैको कंट्रोल (FCTC) के अनुरूप।
- तंबाकू-मुक्त फिल्म नियम (2024): फिल्मों और टीवी में तंबाकू के चित्रण के लिए नए मानक लागू।
- येलो लाइन अभियान: स्कूलों के चारों ओर पीली रेखाएं बनाकर 100 गज के अंदर तंबाकू बिक्री पर प्रतिबंध को सुदृढ़ किया गया।
- कर और मूल्य हस्तक्षेप: उत्पाद शुल्क और GST दरों में क्रमिक वृद्धि, हालांकि विशेषज्ञ अधिक वृद्धि की सिफारिश करते हैं ताकि प्रभाव अधिकतम हो सके।
| तंबाकू (Nicotiana tabacum) के बारे में – यह एक वार्षिक शाकीय पौधा है जो मूल रूप से दक्षिण अमेरिका के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है और विश्वभर में व्यापक रूप से उगाया जाता है। – इसे 90–120 दिनों की पाला-मुक्त अवधि की आवश्यकता होती है, आदर्श तापमान 20°C–30°C और कम से कम 500 मिमी वर्षा; इसके लिए अच्छी जल निकासी वाली रेतीली दोमट या जलोढ़ मृदा की आवश्यकता होती है। – पौधे के प्रत्येक भाग (बीज को छोड़कर) में निकोटीन (2–8%) होता है, जिसमें से लगभग 64% निकोटीन पत्तियों में केंद्रित होता है। |
Source: TH
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