पाठ्यक्रम: GS3/पर्यावरण
संदर्भ
- केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने पर्यावरण ऑडिट नियम, 2025 के माध्यम से एक महत्वपूर्ण सुधार प्रस्तुत किया है।
परिचय
- पर्यावरण ऑडिट का अर्थ है किसी भी परियोजना, गतिविधि या प्रक्रिया का पर्यावरण पर प्रभाव को ध्यान में रखते हुए उसका व्यवस्थित ऑडिट, सत्यापन, परीक्षण, निरीक्षण या विश्लेषण।
- यह योजना नियामक प्राधिकरणों द्वारा सामना की जा रही मानव संसाधन और अवसंरचना की कमी को दूर करने का प्रयास है।
- इसका उद्देश्य अनुपालन निगरानी प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता, जवाबदेही एवं विश्वसनीयता सुनिश्चित करना है, जिससे हितधारकों के बीच विश्वास बढ़े और सतत पर्यावरणीय शासन को बढ़ावा मिले।
पर्यावरण ऑडिट नियम, 2025 की मुख्य विशेषताएँ
- नए नियमों के अंतर्गत निजी एजेंसियाँ स्वयं को ऑडिटर के रूप में मान्यता प्राप्त कर सकती हैं।
- ऑडिटरों को MoEFCC द्वारा अधिसूचित पर्यावरण ऑडिट नामित एजेंसी (EADA) द्वारा प्रमाणित और पंजीकृत किया जाएगा।
- EADA का कार्य ऑडिटरों का प्रमाणन और पंजीकरण करना, उनके प्रदर्शन की निगरानी करना, अनुशासनात्मक कार्रवाई करना, क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना तथा ऑनलाइन पंजीकरण बनाए रखना है।
- पर्यावरण ऑडिटरों का प्रमाणन उनके योग्यता और अनुभव की जांच या परीक्षा के माध्यम से किया जाएगा।
- पंजीकृत पर्यावरण ऑडिटर (REA): अनुपालन मूल्यांकन और संबंधित गतिविधियों जैसे सैंपलिंग, विश्लेषण, मुआवजा गणना, ग्रीन क्रेडिट नियमों के अंतर्गत सत्यापन, अपशिष्ट प्रबंधन नियमों के अंतर्गत ऑडिट और अन्य पर्यावरण एवं वन संबंधी विधानों के अंतर्गत कार्य करने के लिए उत्तरदायी होंगे।
नियमों के अंतर्गत प्रमुख नियामक हितधारक
- प्रमाणित पर्यावरण ऑडिटर: वे व्यक्ति जो पूर्व शिक्षण की मान्यता (RPL) या राष्ट्रीय प्रमाणन परीक्षा (NCE) के माध्यम से योग्य होते हैं।
- पंजीकृत पर्यावरण ऑडिटर: वे प्रमाणित व्यक्ति जो आधिकारिक रूप से ऑडिट करने के लिए पंजीकृत हैं।
- पर्यावरण ऑडिट नामित एजेंसी (EADA): ऑडिटरों के प्रमाणन, पंजीकरण, पर्यवेक्षण और प्रशिक्षण के लिए उत्तरदायी संस्था।
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय: नियमों के कार्यान्वयन की निगरानी करेगा और समय-समय पर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करेगा।
- CPCB/SPCB/ROs: निरीक्षण और सत्यापन की अपनी वर्तमान भूमिका को जारी रखेंगे और MoEFCC को नियमों के कार्यान्वयन में सहायता प्रदान करेंगे।
- पर्यवेक्षण तंत्र :एक संचालन समिति, जिसकी अध्यक्षता MoEFCC के एक अतिरिक्त सचिव करेंगे, और जिसमें संबंधित विभागों एवं नियामक संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल होंगे, प्रगति की निगरानी करेगी, कार्यान्वयन की चुनौतियों को संबोधित करेगी और सुधारों का सुझाव देगी।
Source: TH
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