जनगणना में विशेष रूप से सुभेद्य जनजातीय समूहों की अलग से गणना की जाएगी: जनजातीय कार्य मंत्रालय

पाठ्यक्रम: GS1/जनजातीय समूह

संदर्भ

  • जनजातीय कार्य मंत्रालय (MoTA) ने रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि आगामी जनगणना में विशेष रूप से  सुभेद्य जनजातीय समूहों (PVTGs) की अलग से गणना की जाए।
    • हालांकि 2011 की जनगणना में अनुसूचित जनजातियों का डेटा एकत्र किया गया था, लेकिन PVTGs का अलग से डेटा एकत्र नहीं किया गया था।

विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTGs) कौन हैं?

  • 1973 में, धेबर आयोग ने आदिम जनजातीय समूहों (PTGs) के लिए एक अलग श्रेणी बनाई।
    • 1975 में, केंद्र सरकार ने 52 जनजातीय समूहों को PTGs के रूप में चिन्हित किया। 
    • 1993 में, 23 और समूहों को इस सूची में जोड़ा गया। बाद में, 2006 में इन समूहों को PVTGs नाम दिया गया। 
  • PVTGs भारत में जनजातीय समूहों में सबसे अधिक सुभेद्य वर्ग हैं।
    •  इन समूहों में आदिम विशेषताएँ, भौगोलिक अलगाव, कम साक्षरता, शून्य या नकारात्मक जनसंख्या वृद्धि दर और पिछड़ापन पाया जाता है। 
    • इसके अतिरिक्त, ये मुख्य रूप से शिकार पर निर्भर रहते हैं और कृषि पूर्व स्तर की तकनीक का उपयोग करते हैं। 
  • 700 से अधिक जनजातीय समुदायों में से 75 जनजातीय समुदायों को PVTGs के रूप में चिन्हित किया गया है, जो 18 राज्यों और अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के केंद्र शासित प्रदेश में निवास करते हैं।
    • जनजातीय कार्य मंत्रालय के अनुसार, PVTG जनसंख्या का अनुमान 45.56 लाख है। 
    • मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश PVTG जनसंख्या के मामले में शीर्ष तीन राज्य हैं।

PVTGs को दरपेश चुनौतियाँ

  • हाशियाकरण: अलगाव, कम जनसंख्या और विशिष्ट सामाजिक-आर्थिक एवं सांस्कृतिक विशेषताओं के कारण।
  • सेवाओं तक सीमित पहुंच: स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और अन्य मूलभूत सुविधाओं तक पहुंच बेहद कम।
  • भेदभाव और असुरक्षा: सामाजिक भेदभाव और विकास परियोजनाओं व प्राकृतिक आपदाओं से विस्थापन का सामना।
  • राजनीतिक प्रतिनिधित्व की कमी: कम राजनीतिक दृश्यता के कारण निर्णय-निर्माण में न्यूनतम भूमिका।

जनगणना क्यों महत्वपूर्ण है?

  • बेहतर संसाधन आवंटन: सरकार को बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा के लिए संसाधनों को प्रभावी ढंग से चैनलाइज करने में सहायता।
  • लक्षित कल्याण योजनाएँ: केंद्रित विकास कार्यक्रमों की डिजाइन और क्रियान्वयन में सहायक।
  • बेहतर योजना निर्माण: दीर्घकालिक विकास रणनीतियों और नीति निर्धारण के लिए डेटा उपलब्ध कराता है।
  • अनुसंधान और शासन को समर्थन: प्रवास, शहरीकरण, रोजगार और प्रजनन दर जैसी प्रवृतियों केअध्ययन के लिए विश्वसनीय जानकारी प्रदान करता है।

सरकारी पहल

  • PM-JANMAN योजना: यह योजना 2023 में झारखंड में जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर शुरू की गई थी, जिसका लक्ष्य 75 PVTGs समुदायों को लाभ पहुंचाना है।
सरकारी पहल
  • विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTGs) विकास कार्यक्रम: यह कार्यक्रम सबसे कमजोर जनजातीय समुदायों को लक्षित करता है, जिसमें स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, स्वच्छ जल और विद्युत तक पहुंच सुधारने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
    •  लगभग 7 लाख PVTG परिवारों को 200 जिलों में फैले 22,000 बस्तियों में समग्र विकास योजनाओं का लाभ मिल रहा है।

निष्कर्ष

  • PVTGs जनसंख्या का सबसे अधिक हाशिए पर रहने वाला और सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग है। अतः उनकी जनसंख्या और सामाजिक-आर्थिक संकेतकों पर एक “समेकित डेटाबेस” होना अत्यंत आवश्यक है। 
  • PVTGs की सटीक गणना लक्षित कल्याण योजनाओं के क्रियान्वयन में सहायता करेगी।

Source: TH

 

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