पाठ्यक्रम: GS3/अर्थव्यवस्था
संदर्भ
- आंकड़ा और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा जून 2025 के लिए आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) जारी किया गया है।
आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS)
- PLFS रोजगार और बेरोजगारी के प्रमुख संकेतकों का अनुमान प्रदान करता है। इन संकेतकों में शामिल हैं:
- श्रम बल भागीदारी दर (LFPR): यह उन व्यक्तियों का प्रतिशत है जो कार्यरत हैं, कार्य की खोज में हैं, या कार्य के लिए उपलब्ध हैं।
- कार्यकर्ता जनसंख्या अनुपात (WPR): यह कार्यरत व्यक्तियों का कुल जनसंख्या में प्रतिशत दर्शाता है।
- बेरोजगारी दर (UR): यह श्रम बल में शामिल व्यक्तियों में से बेरोजगार व्यक्तियों का प्रतिशत दर्शाता है।
- वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (CWS): यह सर्वेक्षण तिथि से पूर्व 7 दिनों के संदर्भ अवधि में गतिविधि की स्थिति को निर्धारित करता है।
प्रमुख तथ्य
- जून 2025 में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों में LFPR 54.2% था, जबकि मई 2025 में यह 54.8% था।
- ग्रामीण क्षेत्रों में LFPR 56.1% और शहरी क्षेत्रों में 50.4% रहा।
- ग्रामीण क्षेत्रों में WPR 53.3% और शहरी क्षेत्रों में 46.8% रहा। देश स्तर पर कुल WPR 51.2% दर्ज किया गया।
- 15 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए बेरोजगारी दर 5.6% रही।
- मई की तुलना में पुरुषों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ, जबकि महिलाओं में बेरोजगारी दर 0.1 प्रतिशत अंक घट गई।
- ग्रामीण बेरोजगारी दर में 0.2 प्रतिशत अंक की गिरावट आई, जबकि शहरी बेरोजगारी दर में 0.2 प्रतिशत अंक की वृद्धि दर्ज की गई।
- LFPR और WPR में यह गिरावट मौसमी कृषि पैटर्न, तीव्र गर्मी से बाहरी श्रम कार्यों में कमी, और कुछ उच्च-आय वाले ग्रामीण परिवारों की महिलाओं द्वारा घरेलू कार्यों की ओर स्थानांतरण जैसे कारकों से प्रभावित हुई।
महिलाओं की श्रम बल में भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकारी पहलें
- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY): महिलाओं को बिना गिरवी के लघु ऋण प्रदान किए जाते हैं ताकि वे छोटे उद्यम शुरू कर सकें।
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना: लिंग आधारित भेदभाव और हिंसा रोकने हेतु सामाजिक दृष्टिकोण में बदलाव पर ज़ोर देती है।
- मातृत्व लाभ संशोधन अधिनियम, 2017: कार्यरत महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह किया गया।
- महिला उद्यमिता मंच (WEP): NITI आयोग द्वारा संचालित यह मंच महिलाओं को परामर्श, नेटवर्किंग, फंडिंग और कौशल विकास के अवसर प्रदान करता है।
- स्व-सहायता समूह (SHG) और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM): SHG के माध्यम से महिलाओं को ऋण, प्रशिक्षण और विपणन के अवसर मिलते हैं।
- राष्ट्रीय क्रेच योजना: असंगठित क्षेत्र की कामकाजी महिलाओं को सहायता देने हेतु कार्यस्थल के पास डेकेयर की सुविधा प्रदान करती है।
- मिशन शक्ति: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा 2021–2025 की अवधि के लिए शुरू किया गया महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम है।
- वूमेन इन साइंस एंड इंजीनियरिंग-किरण (WISE KIRAN) कार्यक्रम: 2018 से 2023 तक 1,962 महिला वैज्ञानिकों को सहायता प्रदान की गई है।
आगे की राह
- शहरी बेरोजगारी में मामूली वृद्धि और श्रम भागीदारी में कमी यह दर्शाती है कि गैर-कृषि और शहरी क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण रोजगार सृजन को लेकर संरचनात्मक चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
- चरम गर्मी जैसे पर्यावरणीय कारक अब रोजगार की प्रवृति को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
- श्रम डेटा की मासिक निगरानी आवश्यक होगी ताकि उभरती प्रवृति की पहचान की जा सके और भारत के श्रम बाजार में कमियों को दूर करने के लिए समयबद्ध एवं लक्षित हस्तक्षेप सुनिश्चित किए जा सकें।
Source: PIB
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