संक्षिप्त समाचार 17-06-2025

अरेबियन पैनिनसुला

पाठ्यक्रम :GS1/स्थान, भूगोल

समाचार में 

  • नई शोध ‘ग्रीन अरेबिया’ परिकल्पना का समर्थन करती है, जिससे ज्ञात हुआ है कि अरब प्रायद्वीप ने विगत 80 लाख वर्षों में कई आर्द्र चरणों का अनुभव किया।
  •  ये आर्द्र मौसम कालखंड, खनिज गुफा संरचनाओं (स्पेलिओथेम्स) द्वारा प्रमाणित किए गए हैं, जिन्होंने इस रेगिस्तानी क्षेत्र को हरे-भरे परिदृश्य में बदल दिया, जिससे जानवरों और प्रारंभिक मानवों को अफ्रीका और यूरेशिया के बीच प्रवास करने में मदद मिली।

अरब प्रायद्वीप 

  • यह दक्षिण-पश्चिम एशिया में स्थित एक भूभाग है। 
  • यह अरब लोगों की मूल जन्मभूमि है और इस्लाम धर्म का उद्गम स्थल भी है। 
  • यह क्षेत्र सऊदी अरब, कुवैत, ओमान, क़तर, संयुक्त अरब अमीरात, यमन, बहरीन और जॉर्डन तथा इराक के कुछ हिस्सों को सम्मिलित करता है। 
  • यह लाल सागर, अदन की खाड़ी, अरब सागर, ओमान की खाड़ी और फारस की खाड़ी से घिरा हुआ है। 
  • अरब रेगिस्तान लगभग पूरे प्रायद्वीप को आच्छादित करता है।

हालिया निष्कर्ष 

  • इस धारणा को चुनौती देते हैं कि अरब क्षेत्र हमेशा बंजर रहा है, और यह सुझाव देते हैं कि इसने मानव विकास और प्रवास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
    • यह शोध यह भी समझने में मदद करता है कि जलवायु परिवर्तन ने मानव इतिहास को किस प्रकार आकार दिया है — और भविष्य में भी कैसे आकार दे सकता है।

Source :TH

साइप्रस प्रश्न

पाठ्यक्रम: GS2/अंतर्राष्ट्रीय संबंध

संदर्भ 

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइप्रस के राष्ट्रपति के साथ वार्ता की और साइप्रस की एकता तथा “साइप्रस प्रश्न” के “शांतिपूर्ण समाधान” के लिए भारत के समर्थन को दोहराया।

साइप्रस प्रश्न क्या है?

  •  पृष्ठभूमि: साइप्रस एक ब्रिटिश उपनिवेश था जब तक कि उसने 1960 में स्वतंत्रता प्राप्त नहीं की।
    • इसका संविधान ग्रीक साइप्रियोट्स (बहुसंख्यक) और तुर्की साइप्रियोट्स (अल्पसंख्यक) के बीच सत्ता संतुलन के लिए बनाया गया था। 
    • दोनों समुदायों के बीच शासन व्यवस्था को लेकर तनाव उत्पन्न हुआ। 
    • ग्रीक साइप्रियोट्स यूनान के साथ एकीकरण (एनोसिस) के पक्षधर थे, जबकि तुर्की साइप्रियोट्स विभाजन (तकसीम) चाहते थे।
  • तख्तापलट: ग्रीक समर्थित तख्तापलट ने साइप्रस को यूनान में मिलाने का प्रयास किया।
    • इसके प्रत्युत्तर में, तुर्किये ने 1960 की गारंटी संधि के अंतर्गत अपनी गारंटर शक्ति के अधिकारों का उदाहरण देते हुए साइप्रस पर हमला किया।
    •  तुर्किये ने द्वीप के उत्तरी हिस्से का लगभग 37% भाग पर कब्जा कर लिया।
  • 1974 से, साइप्रस वस्तुतः विभाजित है:
    • दक्षिण में साइप्रस गणराज्य (अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त, 2004 से यूरोपीय संघ का सदस्य)।
    • उत्तर में तुर्किये समर्थित उत्तरी साइप्रस का तुर्की गणराज्य (TRNC), जिसे केवल तुर्किये द्वारा मान्यता प्राप्त है।

Source: TH

भारत रिंडरपेस्ट वायरस ‘मवेशी प्लेग’ नियंत्रण के विशिष्ट समूह में सम्मिलित

पाठ्यक्रम: GS2/स्वास्थ्य

संदर्भ

  •  भारत ने रिंडरपेस्ट वायरस ‘कैटल प्लेग’ नियंत्रण के लिए विशिष्ट वैश्विक समूह में शामिल होकर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की है, क्योंकि भोपाल स्थित आईसीएआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिज़ीज़ेस (NIHSAD) को कैटेगरी A रिंडरपेस्ट होल्डिंग फैसिलिटी नामित किया गया है।

परिचय

  • इस मान्यता को संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) और विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (WOAH) द्वारा प्रदान किया गया है। 
  • भारत ने 2019 में रिंडरपेस्ट होल्डिंग फैसिलिटी की स्थिति के लिए आधिकारिक आवेदन प्रस्तुत किया था।
    • 2025 में FAO और WOAH द्वारा नियुक्त अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की एक संयुक्त निरीक्षण टीम ने ICAR-NIHSAD का व्यापक मूल्यांकन किया। 
    • इस व्यापक मूल्यांकन के पश्चात, संस्थान को अब एक वर्ष की अवधि के लिए औपचारिक रूप से कैटेगरी A RHF के रूप में अनुमोदित किया गया है। 
  • यह मान्यता भारत को विश्व भर में केवल छह उन प्रतिष्ठानों की विशिष्ट सूची में सम्मिलित करती है, जिन्हें रिंडरपेस्ट वायरस सामग्री को सुरक्षित रूप से संरक्षित रखने की अत्यंत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है।
    • अन्य पाँच फैसिलिटी यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, फ्रांस, जापान और इथियोपिया में स्थित हैं।

रिंडरपेस्ट 

  • रिंडरपेस्ट, जिसे कभी ‘कैटल प्लेग’ (गायों का महामारी रोग) कहा जाता था, विश्व के इतिहास में पशुधन को प्रभावित करने वाली सबसे विनाशकारी बीमारियों में से एक थी—जिसे 2011 में वैश्विक स्तर पर समाप्त घोषित किया गया। 
  • हालाँकि, रिंडरपेस्ट वायरस-युक्त सामग्री (RVCM) कुछ प्रयोगशालाओं में अब भी संरक्षित है, जो यदि लीक हो जाए तो संभावित रूप से गंभीर खतरा बन सकती है। 
  • इस बीमारी से वैश्विक मुक्ति बनाए रखने हेतु, FAO और WOAH ने सख्त उपाय अपनाए हैं ताकि RVCM को केवल चुनिंदा उच्च-सुरक्षा प्रयोगशालाओं में ही संग्रहीत किया जाए।

Source: AIR

FATF ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की

पाठ्यक्रम: GS2/अंतर्राष्ट्रीय संगठन, GS3/आंतरिक सुरक्षा

संदर्भ 

  • वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (FATF) ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है और कहा है कि यह हमला आर्थिक शयत के बिना संभव नहीं था। यह प्रथम बार है जब FATF ने “राज्य प्रायोजित आतंकवाद” को आतंक वित्तपोषण के स्रोत के रूप में स्वीकार किया है।

वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (FATF) 

  • FATF एक अंतर-सरकारी संगठन है जो धन शोधन, आतंक वित्तपोषण और प्रसार वित्तपोषण से निपटने के लिए वैश्विक कार्रवाई का नेतृत्व करता है।
    • इतिहास: FATF की स्थापना 1989 में G7 देशों द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने के उपायों की समीक्षा और विकास के लिए की गई थी। 2001 में FATF के अधिकार क्षेत्र को आतंकवाद वित्तपोषण से भी निपटने के लिए बढ़ा दिया गया।
    • सदस्य: वर्तमान में FATF के 39 सदस्य हैं, जिनमें दो क्षेत्रीय संगठन (यूरोपीय आयोग और खाड़ी सहयोग परिषद) शामिल हैं। भारत 2010 में FATF का सदस्य बना। FATF ने 24 फरवरी 2023 को रूसी संघ की सदस्यता निलंबित कर दी थी। (पहले सदस्य देशों की संख्या 40 थी)।
    • सचिवालय: यह पेरिस में स्थित आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) मुख्यालय में है।
    • कार्यादेश : FATF को उन देशों के विरुद्ध चेतावनी और प्रतिबंध लगाने का अधिकार प्राप्त है जो इसके मानकों का पालन नहीं करते, जैसे सदस्यता निलंबन और ब्लैकलिस्ट करना।

FATF की ‘ग्रे लिस्ट’ और ‘ब्लैकलिस्ट’

  • ब्लैकलिस्ट: ऐसे देश जिन्हें गैर-सहयोगी देश या क्षेत्र (NCCTs) के रूप में जाना जाता है और जो आतंकवाद वित्तपोषण और धन शोधन  गतिविधियों का समर्थन करते हैं, उन्हें ब्लैकलिस्ट में डाला जाता है। वर्तमान में तीन देश ब्लैकलिस्ट में हैं: उत्तर कोरिया, म्यांमार और ईरान।
  • ग्रे लिस्ट: ऐसे देश जो आतंकवाद वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए सुरक्षित आश्रय माने जाते हैं, उन्हें FATF की ग्रे लिस्ट में रखा जाता है।
    •  ग्रे लिस्ट में शामिल देशों पर FATF द्वारा अधिक निगरानी रखी जाती है। 
    • फरवरी 2025 तक इस सूची में 25 देश शामिल हैं।
    •  यह सूची आर्थिक और छवि से संबंधित प्रतिकूल प्रभाव डालती है, जिससे विदेशी निवेश और अंतरराष्ट्रीय सहायता की प्राप्ति प्रभावित होती है। 
    • पाकिस्तान 2018 से 2022 तक चार वर्षों तक ग्रे लिस्ट में रहा था।

Source: AIR

भारत ने सूरीनाम को मशीनरी की अंतिम खेप भेजी

पाठ्यक्रम: GS2/अंतर्राष्ट्रीय संबंध

संदर्भ 

  • भारत ने SEEDS (सूक्ष्म और मध्यम उद्यमों के कुशल विकास के लिए उपकरण आपूर्ति) पहल के अंतर्गत सूरिनाम को पैशन फ्रूट प्रोसेसिंग के लिए दूसरी और अंतिम बैच की मशीनरी भेज दी है।

पहल के बारे में

  •  यह पहल भारत द्वारा सूरिनाम को दिए गए $1 मिलियन के SME अनुदान का भाग है।
  •  इसका उद्देश्य सूरिनाम में एक पैशन फ्रूट पैकेजिंग और प्रोसेसिंग इकाई की स्थापना में सहायता प्रदान करना है। 
  • इस परियोजना को NABARD कंसल्टेंसी सर्विसेज (NABCONS) का समर्थन प्राप्त है।

पैशन फ्रूट (Passiflora edulis) 

  • यह एक उष्णकटिबंधीय फल है, जो मुख्यतः दक्षिण अमेरिका—विशेष रूप से दक्षिणी ब्राज़ील, पराग्वे और उत्तरी अर्जेंटीना—का मूल निवासी है।
    • इसे 1553 में स्पेनिश और पुर्तगाली उपनिवेशवादियों द्वारा यूरोप में प्रस्तुत किया गया था।
  • पोषण मूल्य: यह विटामिन A, विटामिन C, आहार फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है।
सूरिनाम 
– सूरिनाम दक्षिण अमेरिका के उत्तर तटीय क्षेत्र में स्थित एक छोटा देश है। 
– इसकी सीमाएँ इस प्रकार हैं: उत्तर में अटलांटिक महासागर, पूर्व में फ्रेंच गयाना, दक्षिण में ब्राज़ील, और पश्चिम में गुयाना। 
1. राजधानी: पारामारिबो 
– आधिकारिक भाषा: डच यह अपने विस्तृत उष्णकटिबंधीय वर्षावनों के लिए प्रसिद्ध है, जो देश के 90% से अधिक क्षेत्र को आच्छादित करते हैं।

Source: AIR

भारत का कुल व्यापार घाटा घटकर 6.6 अरब डॉलर रह गया

पाठ्यक्रम :GS3/अर्थव्यवस्था

समाचार में 

  • भारत का व्यापार घाटा मई 2025 में घटकर $6.6 बिलियन रह गया, जो 2024 की तुलना में 30% की गिरावट दर्शाता है।
    • यह मुख्यतः तेल की घटती कीमतों और सेवाओं के मजबूत निर्यात के कारण हुआ।

मुख्य बिंदु

  •  कुल निर्यात 2.8% बढ़कर $71.1 बिलियन हो गया, जिसमें सेवा निर्यात 9.4% बढ़कर $32.4 बिलियन पहुंच गया। 
  • हालाँकि, वस्तु (मर्चेंडाइज़) निर्यात 2.2% घटकर $38.7 बिलियन रह गया, जिसका मुख्य कारण वैश्विक तेल कीमतों में गिरावट है। 
  • गैर-पेट्रोलियम निर्यात में 5.1% की वृद्धि हुई। 
  • वस्तु आयात 1.7% घटा, हालांकि गैर-पेट्रोलियम आयात में 10% की वृद्धि हुई। 
  • कुल मिलाकर, मई 2025 में कुल आयात में 1% की गिरावट देखी गई।

व्यापार घाटा

  •  जब किसी देश का आयात उसके निर्यात से अधिक होता है, तो इसे व्यापार घाटा कहते हैं, जिससे नकारात्मक व्यापार संतुलन उत्पन्न होता है। 
  • यह वस्तुओं और सेवाओं दोनों को शामिल करता है और यह एक प्रमुख मैक्रोइकोनॉमिक संकेतक होता है। 
  • निरंतर व्यापार घाटा मुद्रा अवमूल्यन, नौकरियों में गिरावट और विदेशी ऋण में वृद्धि जैसी समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है।

कारण 

  • व्यापार घाटा बचत और निवेश के बीच असंतुलन, आयात की अधिक मांग, मुद्रा उतार-चढ़ाव और वैश्विक आर्थिक वृद्धि के कारण होता है। 
  • मजबूत उपभोक्ता व्यय और मजबूत घरेलू मुद्रा भी आयात को बढ़ाकर और निर्यात को कम करके इसमें योगदान करते हैं।

प्रभाव 

  • व्यापार घाटे के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव होते हैं। 
  • यह सस्ती और विविध वस्तुएँ प्रदान करके जीवन स्तर को बेहतर बना सकता है, लेकिन दीर्घकालीन घाटा राष्ट्रीय ऋण बढ़ा सकता है, घरेलू उद्योगों को कमजोर कर सकता है, रोजगार हानि का कारण बन सकता है और मुद्रा के मूल्य को कम कर सकता है।
  • निरंतर घाटे से आर्थिक स्थिरता प्रभावित हो सकती है और यह सरकार की व्यापार और राजनयिक नीतियों को प्रभावित कर सकता है।

उपाय 

  • व्यापार घाटे को कम करने के लिए देश घरेलू बचत में वृद्धि, निर्यात प्रतिस्पर्धा में सुधार, वित्तीय नीतियों में समायोजन, और स्थानीय विनिर्माण को समर्थन जैसे उपाय अपना सकते हैं। 
  • रणनीतिक व्यापार अवरोधों (ट्रेड बैरियर) का उपयोग और नवाचार में निवेश भी आयात पर निर्भरता को कम करने में सहायक हो सकते हैं।

Source :TH

अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस (IBCA)

पाठ्यक्रम: GS3/पर्यावरण

संदर्भ 

  • अंतरराष्ट्रीय बिग कैट एलायंस (IBCA) की प्रथम महासभा में पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को गठबंधन के अध्यक्ष के रूप में समर्थन दिया गया।

परिचय

  •  IBCA की सर्वोच्च निकाय महासभा में भूटान, कंबोडिया, कज़ाखिस्तान, लाइबेरिया, सूरिनाम, सोमालिया, गिनी गणराज्य, इस्वातिनी और भारत सहित 9 देशों के मंत्रीस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया और IBCA द्वारा लिए गए निर्णयों की पुष्टि की। 
  • भारत के साथ IBCA द्वारा हस्ताक्षरित मुख्यालय समझौते की पुष्टि ने संस्था को मेज़बान देश में अपना मुख्यालय और अन्य कार्यालय स्थापित करने की अनुमति दी।

अंतरराष्ट्रीय बिग कैट एलायंस (IBCA) 

  • IBCA की स्थापना नोडल संगठन—राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय—द्वारा 2024 में की गई थी। जब निकारागुआ, इस्वातिनी, भारत, सोमालिया और लाइबेरिया जैसे पांच देशों ने फ्रेमवर्क एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर कर IBCA की सदस्यता ली, तब यह एक वैधानिक संस्था बन गई। यह 95 रेंज देशों का एक गठबंधन है।
  • IBCA का प्रमुख उद्देश्य सात बिग कैट—बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, जैगुआर और प्यूमा—के संरक्षण को सुनिश्चित करना है।
  • उद्देश्य:
    • संबंधित हितधारकों के बीच सहयोग और समन्वय को सुविधाजनक बनाना
    • सफल संरक्षण प्रथाओं का एकीकरण
    • तथा वैश्विक स्तर पर बड़ी बिल्लियों के संरक्षण के लिए विशेषज्ञता का उपयोग।
    • यह पहल बिग कैट के सतत भविष्य के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारत के नेतृत्व और वैश्विक वन्यजीव संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।

Source: PIB

बॉन जलवायु परिवर्तन सम्मेलन

पाठ्यक्रम :GS 3/पर्यावरण 

समाचार में 

  • वार्षिक बॉन जलवायु परिवर्तन सम्मेलन जर्मनी में आरंभ हुआ, जिसमें 5,000 से अधिक सरकारी प्रतिनिधि और हितधारक सम्मिलित हुए। 
  • सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए जलवायु वित्त के जुटाव सहित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

बॉन जलवायु परिवर्तन सम्मेलन 

  • यह संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन रूपरेखा सम्मेलन (UNFCCC) के अंतर्गत एक प्रमुख वार्षिक मध्य-वर्षीय बैठक है, जिसे UNFCCC सहायक निकायों (SBs) के सत्र के रूप में जाना जाता है। 
  • यह COP के साथ-साथ UNFCCC का एक मुख्य जलवायु सम्मेलन है। 
  • यह सहायक निकायों के सदस्यों, आदिवासी प्रतिनिधियों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, वैज्ञानिकों और नागरिक समाज को एक साथ लाकर जलवायु समझौतों के कार्यान्वयन और समीक्षा को समर्थन प्रदान करता है।
क्या आप जानते हैं? 
– बॉन सम्मेलन का नेतृत्व UNFCCC के दो स्थायी सहायक निकाय करते हैं—क्रियान्वयन हेतु सहायक निकाय (SBI) और वैज्ञानिक एवं तकनीकी सलाह हेतु सहायक निकाय (SBSTA)। SBI यह समीक्षा करता है कि UNFCCC के निर्णयों को कैसे लागू किया गया है और विकासशील देशों को सहायता प्रदान करता है। 
– SBSTA वैज्ञानिक सलाह प्रदान करता है और IPCC के शोध को COP नीति निर्माताओं से जोड़ता है।

उद्देश्य 

  • यह जलवायु वार्ताओं के तकनीकी और वैज्ञानिक पहलुओं पर केंद्रित है तथा वर्ष के अंत में होने वाले COP सम्मेलन के लिए एजेंडा निर्धारित करने में सहायता करता है।
  •  बॉन से प्राप्त निष्कर्ष COP निर्णयों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करते हैं, क्योंकि सहायक निकायों की सिफारिशें प्रायः अंतिम कार्यों को आकार देती हैं। 
  • यह विगत COP में किए गए समझौतों के कार्यान्वयन की भी समीक्षा करता है।

इस वर्ष का एजेंडा 

  • बॉन सम्मेलन में एक प्रमुख विषय है—अनुकूलन पर वैश्विक लक्ष्य (Global Goal on Adaptation – GGA), जिसका उद्देश्य जलवायु अनुकूलन के लिए एक एकीकृत वैश्विक लक्ष्य तय करना है, जैसा कि उत्सर्जन न्यूनीकरण के लिए 1.5°C लक्ष्य है। 
  • हालाँकि इसे 2015 के पेरिस समझौते में पेश किया गया था, लेकिन इस पर महत्वपूर्ण प्रगति केवल COP28 दुबई में हुई, जहाँ अनुकूलन लक्ष्यों को परिभाषित करने के लिए एक रूपरेखा अपनाई गई थी।

Source :IE

 

Other News of the Day

पाठ्यक्रम: GS2/शासन संदर्भ  भारत, यू.एस. और अन्य विदेशी कंपनियों को नागरिक परमाणु परियोजनाओं में आकर्षित करने के लिए, उपकरण आपूर्तिकर्ताओं पर दुर्घटना से संबंधित जुर्माने को कम करने हेतु परमाणु दायित्व कानूनों में ढील देने पर विचार कर रहा है। नागरिक परमाणु दायित्व क्या है?  नागरिक परमाणु दायित्व कानून यह सुनिश्चित करते हैं कि परमाणु...
Read More

पाठ्यक्रम: GS3/ पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी संदर्भ  फिनलैंड के शोधकर्ताओं ने एक हरित रासायनिक प्रक्रिया विकसित की है जो खाना पकाने के तेलों में पाए जाने वाले प्राकृतिक फैटी एसिड का उपयोग करके इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट (ई-वेस्ट) से चांदी पुनः प्राप्त करती है। यह नवाचार वैश्विक स्तर पर चांदी की मांग में तेजी और विशेष रूप...
Read More

पाठ्यक्रम: GS3/ कृषि और जैव विविधता संदर्भ  सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) ने हाल ही में भारत भर में सामुदायिक बीज बैंकों (CSBs) का अध्ययन किया और पारंपरिक बीज संरक्षण ज्ञान के पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरण में गिरावट को लेकर चिंता जताई। पारंपरिक बीज संरक्षण का महत्व  आनुवंशिक विविधता: ये बीज व्यापक आनुवंशिक आधार...
Read More

पाठ्यक्रम: GS3/रक्षा संदर्भ  स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने वर्ष 2025 के लिए शस्त्रीकरण, निरस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति का वार्षिक आकलन जारी किया है। प्रमुख निष्कर्ष  वैश्विक परमाणु प्रवृत्तियाँ (2025):  कुल परमाणु हथियार: 12,241  सैन्य भंडार (सक्रिय/संभावित): 9,614  तैनात हथियार: 3,912  उच्च सतर्कता (बैलिस्टिक मिसाइलों पर): लगभग 2,100, जिनमें अधिकांश अमेरिका और...
Read More

पाठ्यक्रम: GS3/आपदा प्रबंधन समाचार में  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आपदा प्रबंधन की गति और सटीकता बढ़ाने के लिए तीन प्रमुख प्रौद्योगिकी प्लेटफार्मों की शुरुआत की। प्लेटफॉर्म के बारे में  एकीकृत नियंत्रण कक्ष आपातकालीन प्रतिक्रिया (ICR-ER), आपात प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय डेटाबेस लाइट 2.0 (NDEM Lite 2.0), और असम का बाढ़ जोखिम क्षेत्रीकरण एटलस। ...
Read More
scroll to top