पाठ्यक्रम: GS2/शासन/GS3/बुनियादी ढाँचा
संदर्भ
- प्रधानमंत्री ने ‘राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025’ का उद्घाटन किया।
समिट अवलोकन
- उद्देश्य: उत्तर पूर्वी क्षेत्र (NER) को घरेलू और वैश्विक निवेशकों के लिए अवसरों की भूमि के रूप में स्थापित करना।
- मुख्य फोकस सेक्टर: पर्यटन और आतिथ्य, कृषि-खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र, हथकरघा और हस्तशिल्प, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और कौशल, आईटी और आईटीईएस, बुनियादी ढाँचा और लॉजिस्टिक्स, ऊर्जा, मनोरंजन और खेल।
- उत्तर पूर्व के लिए दृष्टि: क्षेत्र को विकसित भारत की परिकल्पना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने पर बल दिया गया।
- उत्तर पूर्व को सीमांत क्षेत्र से विकास के अग्रणी केंद्र में बदलने की प्रक्रिया को रेखांकित किया।
- “EAST” संक्षिप्त नाम: सशक्तीकरण, क्रियान्वयन, सुदृढ़ीकरण और रूपांतरण।
- सेक्टोरल अवसर: निवेशकों से ऊर्जा, सेमीकंडक्टर, इको-टूरिज्म, बांस और जैव-आर्थिक क्षेत्रों में अवसर तलाशने का आग्रह किया गया। चाय, पेट्रोलियम, खेल और कौशल विकास के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने की बात कही गई।
- पर्यटन संभावनाएँ: यह क्षेत्र एक संपूर्ण पर्यटन पैकेज है, जो वैश्विक सम्मेलनों, डेस्टिनेशन वेडिंग और संगीत समारोहों के लिए उपयुक्त है।
- बुनियादी ढाँचा विकास: कनेक्टिविटी और बुनियादी ढाँचे में हजारों करोड़ रुपये का निवेश किया गया।
- कुछ प्रमुख परियोजनाएँ:
- सेला सुरंग (अरुणाचल प्रदेश)
- भूपेन हजारिका पुल (असम)
- 11,000 कि.मी. नए राजमार्ग
- रेलवे और हवाई अड्डों का विस्तार
- ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों पर जलमार्ग
- 1,600 कि.मी. पूर्वोत्तर गैस ग्रिड
- सैकड़ों मोबाइल टावरों की स्थापना
उत्तर पूर्वी क्षेत्र (NER)
- उत्तर पूर्वी क्षेत्र आठ राज्यों—अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा—का समुच्चय है।
- यह क्षेत्र 200 से अधिक विशिष्ट नृजातीय समूहों का घर है, जिनकी अलग-अलग भाषाएँ, बोलियाँ और सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान हैं।
- देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 7.97% और जनसंख्या का 3.78% इस क्षेत्र में है।
- इसकी 5,484 कि.मी. लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा है:
- बांग्लादेश (1,880 कि.मी.)
- म्यांमार (1,643 कि.मी.)
- चीन (1,346 कि.मी.)
- भूटान (516 कि.मी.)
- नेपाल (99 कि.मी.)

उत्तर पूर्व क्षेत्र का महत्त्व
- भू-रणनीतिक महत्त्व:
- अंतर्राष्ट्रीय सीमाएँ: पाँच देशों—चीन, भूटान, म्यांमार, बांग्लादेश और नेपाल—से जुड़ाव इसे रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण बनाता है।
- आसियान का द्वार: ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के अंतर्गत दक्षिण पूर्व एशिया से भारत के जुड़ाव का अहम केंद्र।
- वर्तमान भारत–आसियान व्यापार: ~$125 बिलियन, 200 बिलियन डॉलर से अधिक पहुँचने की संभावना।
- सैन्य रणनीतिक महत्त्व: चीन की निकटता के कारण, यह क्षेत्र राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण है।
- आर्थिक और व्यापारिक संभावनाएँ:
- सीमा पार व्यापार: कलादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट और भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग जैसी परियोजनाएँ दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ व्यापार को बढ़ावा देती हैं।
- ऊर्जा, कृषि, पर्यटन और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएँ हैं।
- स्वास्थ्य, कल्याण और पर्यटन:
- स्वच्छ वायु , जैविक भोजन, शांतिपूर्ण परिदृश्य और समृद्ध जनजातीय संस्कृति के कारण यह क्षेत्र आदर्श वेलनेस और इको-टूरिज्म गंतव्य है।
- नृत्य, संगीत और उत्सवों की विविधता इसे सांस्कृतिक कूटनीति और सॉफ्ट पावर का केंद्र बनाती है।
क्षेत्र द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियाँ
- अप्रत्यक्ष संपर्क: कठिन भौगोलिक परिस्थितियाँ, सड़क, रेल और हवाई नेटवर्क का अपर्याप्त विकास।
- सीमित डिजिटल बुनियादी ढाँचा: इंटरनेट और दूरसंचार कनेक्टिविटी अपेक्षाकृत कमजोर।
- आतंकवाद और आंतरिक सुरक्षा मुद्दे: कुछ क्षेत्रों में उग्रवादी समूहों और अलगाववादी आंदोलनों की उपस्थिति।
- सीमा पार घुसपैठ और हथियार तस्करी: म्यांमार और बांग्लादेश के साथ खुली सीमाओं के कारण सुरक्षा चुनौतियाँ।
- भौगोलिक एवं पर्यावरणीय बाधाएँ: पहाड़ी और वन क्षेत्र होने के कारण बुनियादी ढाँचा और उद्योग विकास कठिन और महँगा।
- जातीय तनाव और प्रवास मुद्दे: विभिन्न समुदायों के बीच तनाव और स्वतंत्र राज्य की माँग।
- अवैध प्रवास: पड़ोसी देशों से अवैध प्रवास के कारण सामाजिक अशांति।
आगे की राह
- उत्तर पूर्व, जो ऐतिहासिक रूप से उपेक्षित रहा है, अब मुख्यधारा में आ रहा है।
- ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और हिंद-प्रशांत क्षेत्रीय कूटनीति के साथ इसकी रणनीतिक स्थिति बढ़ी है।
- यह क्षेत्र अब भारत की क्षेत्रीय संपर्क पहलों का महत्त्वपूर्ण केंद्र बन रहा है।
- रेल और सड़क परियोजनाओं के लिए क्षमता निर्माण और सीमा बुनियादी ढाँचे में सुधार की आवश्यकता है।
- उत्तर पूर्व की बहुआयामी क्षमता को अधिकतम करना और इसे क्षेत्रीय संपर्क हब के रूप में स्थापित करना प्राथमिक लक्ष्य है।
Source: PIB
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