पाठ्यक्रम: GS3/अर्थव्यवस्था
प्रसंग
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, 2024-25 में भारत में शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) 96% से अधिक की गिरावट के साथ मात्र $353 मिलियन रह गया, जो विगत वर्ष की तुलना में बहुत कम है।
परिचय
- शुद्ध FDI 2020-21 में $44 बिलियन था, जो 2023-24 में $10.1 बिलियन तक गिरा और अंततः 2024-25 में केवल $353 मिलियन ($0.4 बिलियन) रह गया।
- हालाँकि सकल FDI प्रवाह स्वस्थ और विविधीकृत है, लेकिन शुद्ध FDI में गिरावट के मुख्य कारण हैं:
- विदेशी कंपनियों द्वारा अधिक लाभ प्रत्यावर्तन (लाभ लेना, विनिवेश)।
- भारतीय कंपनियों द्वारा बढ़ता बाहरी निवेश (वैश्विक विस्तार)।
- 2024-25 में, भारतीय कंपनियों ने अन्य देशों में कुल $29.2 बिलियन निवेश किया, जो विगत वर्ष की तुलना में 75% अधिक है।
- सकल प्रवाह: FY25 में सकल FDI प्रवाह 13.7% वार्षिक वृद्धि (Y-o-Y) के साथ $81 बिलियन पर पहुँचा।
- 60% से अधिक सकल FDI का प्रवाह निर्माण, वित्तीय सेवाएँ, विद्युत और अन्य ऊर्जा, तथा संचार सेवाओं में हुआ।
- सिंगापुर, मॉरीशस, UAE, नीदरलैंड और अमेरिका ने 75% से अधिक प्रवाह का योगदान दिया।
शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Net FDI)
- शुद्ध FDI वह राशि होती है जो सकल FDI प्रवाह से घटाकर निकाली जाती है:
- विदेशी कंपनियों द्वारा प्रत्यावर्तित धन (लाभ, विनिवेश)।
- भारतीय कंपनियों द्वारा विदेशों में किया गया निवेश।
- शुद्ध FDI का सूत्र: शुद्ध FDI = सकल FDI अंतर्वाह – (विदेशी फर्मों द्वारा प्रत्यावर्तन + भारतीय फर्मों द्वारा बाह्य FDI)
- प्रमुख घटक:
- सकल FDI प्रवाह: विदेशी संस्थाओं द्वारा किया गया कुल नया निवेश, जिसमें कारखानों की स्थापना, स्थानीय कंपनियों का अधिग्रहण, या परिचालन विस्तार शामिल हैं।
- प्रत्यक्ष प्रत्यावर्तन और विनिवेश: विदेशी कंपनियों द्वारा अपने मूल देशों में भेजा गया लाभ या पूँजी। इसमें परिसंपत्तियों या घरेलू कंपनियों में हिस्सेदारी की बिक्री भी शामिल है।
- बाहरी FDI: घरेलू कंपनियों द्वारा विदेशों में किए गए निवेश (जैसे अधिग्रहण, सहायक कंपनियों की स्थापना)।
शुद्ध FDI क्यों महत्त्वपूर्ण है?
- सकारात्मक शुद्ध FDI: यह संकेत देता है कि आने वाला विदेशी निवेश, बाहर जाने वाले निवेश से अधिक है, जो आर्थिक आकर्षण का प्रतीक है।
- निम्न या नकारात्मक शुद्ध FDI: यह दर्शा सकता है कि पूँजी वापस ली जा रही है या घरेलू कंपनियां विदेशी निवेश से अधिक निवेश विदेशों में कर रही हैं।
- यह हमेशा नकारात्मक नहीं होता बल्कि आर्थिक परिपक्वता या वैश्विक विस्तार की महत्वाकांक्षा को भी दर्शा सकता है।
Source: TH
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