भारत ने प्रथम बार सतत विकास लक्ष्यों (SDG) सूचकांक में शीर्ष 100 देशों में स्थान प्राप्त किया है।
परिचय
सतत विकास रिपोर्ट (SDR) 2015 में 193 संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों द्वारा अपनाए गए सतत विकास लक्ष्यों पर प्रत्येक वर्ष हुई प्रगति की समीक्षा करती है।
इस संस्करण में प्रथम बार यह आकलन भी शामिल है कि किन देशों ने SDG पर सबसे अधिक प्रगति की है, जिसे एक प्रमुख SDG सूचकांक (SDGi) के माध्यम से मापा गया है।
प्रमुख सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के मार्गदर्शन में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) के रूप में डिजिटल भुगतान इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (DPIP) विकसित करने के लिए सहयोग कर रहे हैं।
डिजिटल भुगतान इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (DPIP)
इसका उद्देश्य धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन को सुदृढ़ करना है, जिससे वास्तविक समय में डेटा साझा करने और खुफिया जानकारी एकत्र करने के ज़रिए डिजिटल लेनदेन में धोखाधड़ी का पता लगाया जा सके तथा उसे रोका जा सके।
इसकी संस्थागत रूपरेखा सार्वजनिक और निजी बैंकों द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की जा रही है, क्योंकि धोखाधड़ी को एक साझा खतरे के रूप में पहचाना गया है।
नीति आयोग ने आज अपनी त्रैमासिक इनसाइट्स श्रृंखला फ्यूचर फ्रंट के तीसरे संस्करण “भारत की डेटा अनिवार्यता: गुणवत्ता की ओर झुकाव” को जारी किया।
परिचय
यह रिपोर्ट डिजिटल शासन को सुदृढ़ करने, सार्वजनिक विश्वास को बढ़ाने और कुशल सेवा वितरण सुनिश्चित करने के लिए सुदृढ़ डेटा गुणवत्ता की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है।
भारत की डिजिटल अवसंरचना (UPI, आधार, आयुष्मान भारत) ने व्यापक स्तर पर विस्तार किया है।
भारत-दक्षिण अफ्रीका ने पनडुब्बी सहयोग के क्षेत्र में समझौतों का आदान-प्रदान किया
दोनों देशों के बीच सहयोग का महत्व
ब्लू-वॉटर सहयोग: भारत की गहरे समुद्र में नौसैनिक उपस्थिति को सुदृढ़ करने के लक्ष्य के लिए, दक्षिण अफ्रीका के साथ सहयोग हिंद महासागर और अटलांटिक महासागर दोनों में भारत की पहुंच को बढ़ाता है।
पनडुब्बियों से परे साझा सुरक्षा: ये समझौते केवल बचाव तक सीमित नहीं हैं, बल्कि प्रशिक्षण, निगरानी और संयुक्त अनुसंधान एवं विकास को भी बढ़ावा देते हैं—जो समुद्री डकैती, तस्करी एवं रणनीतिक प्रतिद्वंद्विता जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक हैं।
बांग्लादेश, चीन और पाकिस्तान ने कुनमिंग में आयोजित 9वें चीन-दक्षिण एशिया एक्सपो और 6वीं चीन-दक्षिण एशिया सहयोग बैठक के मौके पर एक अनौपचारिक त्रिपक्षीय बैठक की।
बैठक के बारे में
तीनों देशों ने आपसी विश्वास, समझ और क्षेत्र में शांति, समृद्धि एवं स्थिरता की साझा दृष्टि के आधार पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
उन्होंने सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की, जिनमें बुनियादी ढांचा, संपर्क, व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य सेवा, कृषि, समुद्री मामलों, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT), आपदा तैयारी और जलवायु परिवर्तन शामिल हैं।
भारत की नगरपालिका और शहरी प्रशासनिक संरचनाओं में लैंगिक समानता की कमी का भारत के शहरी शासन जैसे शहरी नियोजन, सेवा वितरण एवं समग्र समावेशिता पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।