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हिरोशिमा दिवस 2025 (6 अगस्त): विषय, संदेश, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

Last updated on September 20th, 2025 Posted on August 7, 2025 by  2594
हिरोशिमा दिवस 2025 (6 अगस्त)

हिरोशिमा दिवस, जो 6 अगस्त को मनाया जाता है, को 1945 में हिरोशिमा पर हुए परमाणु बम हमले की याद के दिन के रूप में तथा परमाणु बम के शिकार लोगों की पहचान के रूप में मनाया जाता है, ताकि वैश्विक परमाणु निशस्रीकरण की आवश्यकता को दोहराया जा सके।

हिरोशिमा दिवस के बारे में

  • हिरोशिमा दिवस हर साल 6 अगस्त को मनाया जाता है। यह 1945 में हिरोशिमा पर हुए परमाणु बम हमले की वर्षगांठ का प्रतीक है, जोकि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एक अत्यंत भयाभय और विनाशकारी घटना थी।
  • 6 अगस्त की सुबह, अमेरिकी बी-29 बमवर्षक “एनोला गे” ने हिरोशिमा पर परमाणु बम “लिटिल बॉय” गिराया, जिससे लगभग 1,30,000 लोग तुरंत मारे गए, और उस वर्ष के अंत तक चोटों और विकिरण बीमारी से धीरे-धीरे मरने वालों की संख्या 1,40,000 के करीब पहुँच गई।
  • शहर लगभग पूरी तरह से तबाह हो गया और बचे हुए लोगों, जिन्हें हिबाकुशा के नाम से जाना जाता है, को दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभाव, सामाजिक कलंक और मनोवैज्ञानिक आघात सहना पड़ा।
  • हीरोशिमा दिवस को विश्वभर में सभी पीड़ितों की स्मृति और परमाणु युद्ध के विनाशकारी परिणामों पर चिंतन के दिन के रूप में मान्यता प्राप्त है।
  • स्मारक समारोह, मौन प्रार्थनाएं, और लालटेन प्रवाह समारोह विश्वभर में आयोजित किए जाते हैं, जो हमेशा परमाणु निशस्रीकरण और विश्व शांति के आह्वान के साथ मनाये जाते हैं; यह मानवता के उस संकल्प का प्रतीक है कि ऐसे दुखदायी घटनाक्रम फिर कभी न हों।

हिरोशिमा दिवस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

  • द्वितीय विश्व युद्ध के समापन के दौरान, 6 अगस्त, 1945 को जापानी शहर हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराया गया था।
  • स्थानीय समयानुसार सुबह 8:15 बजे, एनोला गे नामक बी-29 बमवर्षक ने इस मिशन को अंजाम दिया।
  • यह भयावह घटना युद्ध में परमाणु हथियारों के पहले इस्तेमाल का प्रतीक है, जिसमें लगभग 1,30,000 लोग तुरंत मारे गए, और उसके बाद के महीनों में चोटों और विकिरण बीमारी के कारण हज़ारों और लोग मारे गए।
  • इस बम ने शहर के एक बड़े हिस्से को नष्ट कर दिया और दीर्घकालिक स्वास्थ्य खतरों के साथ-साथ पर्यावरणीय खतरों को भी जन्म दिया।
  • हिरोशिमा पर बमबारी के तीन दिन बाद नागासाकी पर एक और परमाणु बम के साथ हमला किया गया।
  • ये परमाणु हमले जापान के आत्मसमर्पण और उसके परिणामस्वरूप द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के लिए काफी हद तक जिम्मेदार रहे।
  • हिरोशिमा की त्रासदी आज भी शांति और निशस्रीकरण पर वैश्विक बहस को परमाणु हथियारों की भयावह शक्ति की एक अशुभ याद दिलाती है।

हिरोशिमा दिवस के मानवीय परिणाम

  • हीरोशिमा दिवस के मानवीय परिणाम अत्यंत गहरे और दीर्घकालिक हैं, जो नागरिकों पर परमाणु युद्ध के अकल्पनीय दुष्प्रभावों को दर्शाते हैं।
  • अनुमानतः 6 अगस्त 1945 की सुबह हीरोशिमा पर हुई परमाणु बमबारी के कारण उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन लगभग 1,30,000 लोगों की मृत्यु नरक समान गर्मी या धमाके से लगी चोटों के कारण हुई—उनकी मृत्यु तुरंत या शुरुआती कुछ महीनों के भीतर हो गई।
  • बचे हुए लोग—हिबाकुशा—गंभीर जलन, पुरानी बीमारियों, विकिरण जनित रोगों, कैंसर, आनुवंशिक विकारों और कई अन्य समस्याओं से पीढ़ियों तक पीड़ित रहे।
  • शारीरिक रूप से क्षतिग्रस्त होने के अतिरिक्त, मानसिक आघात भी विनाशकारी था; हिबाकुशों को आजीवन गहन मानसिक पीड़ा, जीवित बच जाने का अपराधबोध और सामाजिक भेदभाव, विशेषकर जापानी समाज में, सहना पड़ा।
  • बुनियादी ढाँचे के विनाश ने बचे हुए लोगों की दुर्दशा और बढ़ा दी, क्योंकि वे बेघर हो गए और भोजन, पानी तथा चिकित्सकीय देखभाल जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की भारी कमी का सामना करना पड़ा।
  • इसलिए, जैसा कि परमाणु वैज्ञानिक इसे कहते हैं, यह युद्ध अध्ययन और इतिहास का एक ऐसा प्रसंग है जहाँ दोनों पक्ष हीरोशिमा की मानवीय कीमत पर तर्क प्रस्तुत करते हैं, और विश्वभर में परमाणु निरस्त्रीकरण की अपीलें की जाती हैं, ताकि दोबारा कोई भी मनुष्य हीरोशिमा जैसी भयावह त्रासदी न सहे।

हिरोशिमा दिवस का स्मरणोत्सव और स्मारक

  • हिरोशिमा दिवस 6 अगस्त को दुनिया भर में स्मारकों और समारोहों के माध्यम से शोकपूर्ण ढंग से मनाया जाता है।
  • इसका मुख्य स्थल हिरोशिमा शांति स्मारक पार्क है; जहाँ विस्फोट के बाद संरक्षित प्रतिष्ठित परमाणु बम गुंबद, परमाणु युद्ध के विरुद्ध एक कठोर चेतावनी देता है।
  • यह समारोह आम तौर पर सुबह 8:15 बजे, बमबारी के सटीक समय पर, एक क्षण के मौन के साथ शुरू होता है। हज़ारों लोग प्रार्थना करने, नदियों में कागज़ के लालटेन छोड़ने और शांति एवं परमाणु निशस्रीकरण की वकालत करने वाले भाषणों को सुनने के लिए इकट्ठा होते हैं।
  • चिल्ड्रेन पीस मॉन्यूमेंट, जो सदाको सासाकी से प्रेरित है, और पीस मेमोरियल म्यूज़ियम आगे सीखने और चिंतन के लिए एक स्थान प्रदान करते हैं, जहाँ कलाकृतियों की प्रदर्शनी और जीवित बचे लोगों की गवाही प्रस्तुत की जाती है।
  • वार्षिक कार्यक्रम और स्मारक भी पीड़ितों की स्मृति में आयोजित किए जाते हैं और सामूहिक स्मरण, उपचार और परमाणु हथियारों से मुक्त दुनिया के लिए वैश्विक संकल्प को प्रेरित करते हैं।

हिरोशिमा दिवस 2025 के विषय और संदेश

  • हिरोशिमा दिवस 2025 के विषय और संदेश परमाणु हथियारों के उन्मूलन और शांति के लिए वैश्विक प्रतिबद्धता के आह्वान पर ज़ोर देते हैं।
  • साथ ही यह हीरोशिमा और नागासाकी के विनाश में दिखाई देने वाले परमाणु युद्ध के भयावह मानवीय और पर्यावरणीय मूल्य की कठोर याद भी दिलाता है।
  • निशस्रीकरण के संदेशों के मूल में परमाणु बम विस्फोटों की भयावहता को दोहराने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि उन पीड़ितों और बचे लोगों को याद करने की आवश्यकता है जो लगभग 60 वर्षों के बाद भी शारीरिक और मानसिक रूप से उस बोझ को ढो रहे हैं।
  • हीरोशिमा दिवस अहिंसा, कूटनीति और परमाणु प्रसार के खतरों पर शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे देशों और समुदायों के बीच एकजुटता बनाने का दिन है।
  • यह बचे लोगों, या हिबाकुशा, की अदम्य भावना को भी श्रद्धांजलि देता है, जिनके वृत्तांत दुनिया भर में परमाणु-विरोधी पहलों के लिए एक आह्वान हैं।
  • अंततः, यह दिवस मानवता की साझा जिम्मेदारी को मजबूत करने का प्रयास करता है, ताकि एक अधिक शांतिपूर्ण, न्यायपूर्ण, सतत और परमाणु छाया से मुक्त अस्तित्व प्राप्त किया जा सके।

हीरोशिमा दिवस 2025 की विरासत और सतत प्रभाव

  • हिरोशिमा दिवस की विरासत जापान के साथ-साथ विश्व स्तर पर भी अत्यंत रूप से महत्वपूर्ण बनी हुई है।
  • परमाणु बमबारी के लगभग 80 वर्ष बाद, हिरोशिमा परमाणु हथियारों की भारी मानवीय क्षति की स्मृति में शांति का एक विश्वव्यापी प्रतीक बन गया है।
  • वार्षिक स्मरण आयोजन और हीरोशिमा पीस मेमोरियल पार्क लाखों लोगों को आकर्षित करते हैं, जो वैश्विक चिंतन और संवाद में सम्मिलित होते हैं।
  • यह दिवस परमाणु निशस्रीकरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलनों को गति प्रदान करता है, और 2025 में इसकी और भी ज़रूरत बढ़ जाती है जब इस बात पर चर्चा होती है कि दुनिया के पास अभी भी एक खतरनाक रूप से बड़ा परमाणु शस्त्रागार है, हालाँकि शीत युद्ध के बाद से इसमें कमी आई है।
  • हिबाकुशा, यानी बचे हुए लोग, निरंतर शिक्षा और स्मरण के माध्यम से विश्व स्तर पर जागरूकता बढ़ाते रहते हैं, ताकि लोग विकिरण के भयानक और दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभावों तथा परमाणु युद्ध के समय किसी सार्थक मानवीय सहायता की असंभवता को समझ सकें।
  • हीरोशिमा दिवस अपने संदेश के साथ मानवता से आह्वान करता है कि वह परमाणु हथियारों से उत्पन्न अस्तित्वगत खतरे का सामना करे और सार्वभौमिक शांति तथा भविष्य में ऐसी और त्रासदियों की रोकथाम के लिए सामूहिक संकल्प को स्वीकार करे।

आगे की राह

हीरोशिमा दिवस, 2025 के उदय साथ आइए हम याद करें कि परमाणु युद्ध ने कितनी बड़ी मानवीय कीमत वसूली थी और इसके विरुद्ध एक बार फिर शांति के लिए संकल्प लें। साथ ही इस पावन वर्षगांठ पर पूरी दुनिया के लिए प्रेरक शक्ति बने कि वह परमाणु हथियारों को अस्वीकार करे और करुणा, समझ तथा इस साझा दृढ़संकल्प पर आधारित भविष्य के लिए एकजुट हो जाए कि ऐसी त्रासदी फिर कभी न दोहराई जाए।

निष्कर्ष

हिरोशिमा दिवस 2025 शांति, परमाणु निशस्रीकरण और परमाणु बमबारी पीड़ितों की स्मृति में सद्भावना की गंभीर पुष्टि के साथ समाप्त होता है। यह दिवस विश्व से एकजुट होने का आह्वान करता है ताकि परमाणु युद्ध की भयावहता फिर कभी दुनिया में पैर न रखे और हिरोशिमा के दुखद इतिहास को आशा, धैर्य और एक शांतिपूर्ण व परमाणु-मुक्त विश्व के निर्माण के प्रति समर्पण के प्रतीक के रूप में जीवित और प्रासंगिक बनाए रखे।

प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

हिरोशिमा शांति दिवस क्या है?

हिरोशिमा शांति दिवस हर साल 6 अगस्त को 1945 में हिरोशिमा पर हुए परमाणु हमले की याद में, पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने और हिरोशिमा शांति स्मारक पार्क में स्मारक समारोहों और शैक्षिक कार्यक्रमों के माध्यम से विश्व शांति और परमाणु निशस्रीकरण को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।

हम हिरोशिमा दिवस क्यों मनाते हैं?

हिरोशिमा दिवस 6 अगस्त, 1945 को हुए परमाणु हमले के पीड़ितों को याद करने, वैश्विक शांति को बढ़ावा देने और परमाणु हथियारों के खतरों के प्रति आगाह करने के लिए मनाया जाता है। यह दिन इस त्रासदी पर चिंतन को प्रोत्साहित करता है और भविष्य में होने वाली पीड़ा को रोकने के लिए परमाणु हथियारों के उन्मूलन का आह्वान करता है।

पहले हीरोशिमा पर बमबारी हुई थी या नागासाकी पर?

सबसे पहले हीरोशिमा पर बमबारी हुई थी। 6 अगस्त 1945 को हीरोशिमा पर परमाणु बम गिराया गया, और उसके ठीक तीन दिन बाद, 9 अगस्त 1945 को नागासाकी पर बमबारी की गई।

Read this article in English: Hiroshima Day 2025

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