- The Union Ministry of Cooperation unveiled the National Cooperation Policy – 2025, marking a transformative moment in the history of India’s cooperative movement.
- A cooperative (or co-op) is an organization or business that is owned and operated by a group of individuals who share a common interest, goal, or need.
- These individuals, known as members, participate in the cooperative's activities and decision-making process, typically on a one-member, one-vote basis, regardless of the amount of capital or resources each member contributes.
- The main purpose of a cooperative is to meet the economic, social, or cultural needs of its members, rather than to maximize profits for external shareholders. Read More
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- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने संभावित वैश्विक चिकनगुनिया महामारी के बारे में चेतावनी जारी की है, जिसमें 2004-2005 के एक बड़े प्रकोप से इसकी भयावह समानताएँ बताई गई हैं और शीघ्र कार्रवाई का आग्रह किया गया है।
- चिकनगुनिया एक मच्छर जनित विषाणुजनित रोग है जो चिकनगुनिया विषाणु (CHIKV) के कारण होता है, जो अल्फावायरस वंश का एक आरएनए विषाणु है।
- लक्षण: इससे बुखार और जोड़ों में तेज़ दर्द होता है, जो प्रायः दुर्बल कर देने वाला होता है। कुछ मामलों में यह जानलेवा भी हो सकता है।
- चिकनगुनिया के लक्षण डेंगू बुखार और जीका वायरस रोग जैसे ही होते हैं, जिससे इसका निदान मुश्किल हो जाता है।
- यह संक्रमित मादा मच्छरों, सामान्यतः एडीज़ एजिप्टी और एडीज़ एल्बोपिक्टस मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलता है। Read More
संक्षिप्त समाचार 25-07-2025
समाचार में
चिकनगुनिया
- एक अध्ययन में खुलासा हुआ कि लक्षद्वीप द्वीपसमूह में प्रवाल (कोरल) 1998 की तुलना में आधे रह गए हैं।
- समुद्री हीट वेव और जलवायु परिवर्तन: समुद्री सतह के बढ़ते तापमान से प्रवाल और शैवाल का सहजीवी संबंध टूट जाता है, जिससे व्यापक विरंजन और मृत्यु होती है।
- महासागर अम्लीकरण: CO₂ के अधिक घुलने से जल का pH कम होता है और प्रवाल को अपनी कठोर संरचना बनाना मुश्किल हो जाता है।
- प्रदूषण: भूमि से आने वाला अपवाह — जिसमें उर्वरक, कीटनाशक और सीसा जैसे भारी धातुएँ होती हैं — प्रवाल की सेहत को हानि पहुंचाता है।
- भौतिक व्यवधान: तटीय निर्माण, अव्यवस्थित मछली पकड़ना, तलछटीकरण, और प्रवाल खनन से भित्तियाँ क्षतिग्रस्त या दब जाती हैं। Read More
लक्षद्वीप में प्रवाल आवरण में 50% की कमी देखी गई: अध्ययन
संदर्भ
प्रवाल विरंजन (Bleaching) के कारण
- अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने एक ऐतिहासिक परामर्शात्मक मत जारी किया है, जिसमें यह पुष्टि की गई है कि देशों पर अंतरराष्ट्रीय कानून के अंतर्गत ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने की कानूनी जिम्मेदारी है।
- न्यायालय ने तीन प्रमुख जलवायु संधियों — 1994 का UNFCCC, 1997 का क्योटो प्रोटोकॉल, और 2015 का पेरिस समझौता — तथा अन्य संबंधित अंतरराष्ट्रीय कानूनों की समीक्षा की।
- इनमें शामिल हैं: UNCLOS (समुद्री कानून), 1987 का मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल, 1992 की जैव विविधता पर संधि, और 1994 का मरुस्थलीकरण से लड़ने का समझौता।
- न्यायालय ने निष्कर्ष निकाला कि जलवायु कार्रवाई कोई विकल्प नहीं, बल्कि कानूनी दायित्व है।
- विशेष रूप से विकसित देशों को (UNFCCC की अनुक्रम-I सूची के अंतर्गत) तकनीकी और वित्तीय सहायता के माध्यम से विकासशील देशों की सहायता करने का दायित्व है। Read More
जलवायु परिवर्तन पर ICJ का निर्णय
संदर्भ
जलवायु परिवर्तन पर हालिया निर्णय के प्रमुख बिंदु
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूनाइटेड किंगडम यात्रा के दौरान भारत और यूनाइटेड किंगडम ने एक व्यापक आर्थिक व्यापार समझौते (CETA) पर हस्ताक्षर किए।
- यह विगत एक दशक में भारत का प्रथम बड़ा मुक्त व्यापार समझौता (FTA) है और यूरोपीय संघ (EU) से बाहर निकलने के बाद से यूके का चौथा प्रमुख समझौता है।
- भारत और यूके ने तीन वर्षों से अधिक समय तक चली बातचीत के बाद इस व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिया।
- उद्देश्य: भारत और यूके के बीच व्यापार को आसान और अधिक लाभकारी बनाना।
- वर्तमान में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 56 अरब अमेरिकी डॉलर है, जिसे 2030 तक दोगुना करने का संयुक्त लक्ष्य रखा गया है। Read More
भारत-यू.के. व्यापक आर्थिक व्यापार समझौता (CETA)
संदर्भ
परिचय
- हाल ही में युवा कार्य और खेल मंत्रालय ने लोकसभा में "राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025" प्रस्तुत किया।
- राष्ट्रीय खेल बोर्ड(NSB) की स्थापना ताकि वह राष्ट्रीय खेल महासंघों (NSFs) को विनियमित और मान्यता प्रदान कर सके।
- राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण की स्थापना, जिसमें सिविल न्यायालय जैसी शक्तियाँ होंगी, ताकि खिलाड़ियों और महासंघों से संबंधित विवादों का समाधान हो।
- सभी खेल संगठनों में पारदर्शिता, जवाबदेही और नैतिक प्रशासन सुनिश्चित करना।
- एथलीट-केंद्रित नीतियों को बढ़ावा देना, जिसमें निर्णय-प्रक्रिया में उनकी भागीदारी शामिल हो। Read More
राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025
संदर्भ
विधेयक के प्रमुख उद्देश्य
भारत का स्वास्थ्य सेवा विरोधाभास: घरेलू आवश्यकताओं और वैश्विक जुड़ाव में संतुलन
भारत लंबे समय से कुशल चिकित्सा पेशेवरों के वैश्विक आपूर्तिकर्ता के रूप में प्रसिद्ध रहा है, लेकिन यह अपनी घरेलू स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने में संघर्ष करता है।
दिन के मुख्य समाचार 25-07-2025
भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक एफटीए;
सभी हितों को साधने वाला व्सयापार मझौता;
India’s Healthcare Paradox: Balancing Domestic Needs and Global Engagement
India has long held the reputation of being a global supplier of skilled medical professionals, however, struggles to meet its own healthcare demands.
- सहकारिता मंत्रालय ने "राष्ट्रीय सहकारिता नीति – 2025" का अनावरण किया, जो भारत के सहकारी आंदोलन के इतिहास में एक परिवर्तनकारी क्षण का संकेत देता है।
- सहकारी समिति (या को-ऑप) एक ऐसा संगठन या व्यवसाय है जो समान हित, लक्ष्य या आवश्यकता रखने वाले व्यक्तियों के समूह द्वारा संचालित और स्वामित्व में होता है।
- ये सदस्य समिति की गतिविधियों और निर्णय प्रक्रिया में भाग लेते हैं, सामान्यतः "एक सदस्य, एक वोट" के सिद्धांत पर, भले ही प्रत्येक सदस्य कितना पूंजी या संसाधन योगदान दे।
- सहकारी समितियों का प्रमुख उद्देश्य अपने सदस्यों की आर्थिक, सामाजिक या सांस्कृतिक जरूरतों को पूरा करना होता है, ना कि बाहरी शेयरधारकों के लिए अधिकतम लाभ कमाना। Read More
राष्ट्रीय सहकारी नीति, 2025
संदर्भ
सहकारी समितियाँ क्या हैं?
Editorial Analysis in Hindi
- भारत को एक राष्ट्रीय दिवालियापन न्यायाधिकरण की आवश्यकता
- भारत-अफ्रीका संबंधों की संभावनाओं को साकार करना
- विकसित भारत-रोज़गार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक, 2025 की गारंटी पर परिचर्चा
- सबका बीमा सबकी रक्षा (बीमा कानून संशोधन) विधेयक, 2025
- भारत की जीडीपी मापन प्रणाली को पुनः निर्धारित करने की आवश्यकता क्यों है?