पाठ्यक्रम: GS2/अंतर्राष्ट्रीय संबंध
संदर्भ
- हाल ही में न्यूजीलैंड के उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री ने भारत का दौरा किया तथा भारत को ‘भू-राजनीतिक दिग्गज’ और ‘अनिवार्य सुरक्षा कारक’ के रूप में रेखांकित किया।
भारत-न्यूजीलैंड संबंधों के बारे में
- भारत और न्यूजीलैंड ने 1952 में अपने राजनयिक संबंध स्थापित किए। दोनों देश राष्ट्रमंडल (कॉमनवेल्थ) के सदस्य हैं और लोकतांत्रिक मूल्यों व शासन सिद्धांतों को साझा करते हैं।
- वे विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा मुद्दों पर सहयोग करते हैं। दोनों देश नौवहन की स्वतंत्रता, समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी प्रयासों पर बल देते हैं।
- न्यूजीलैंड ने अक्टूबर 2011 में अपनी ‘इंडिया के लिए द्वार खोलना’ नीति के अंतर्गत भारत को प्राथमिकता वाला देश घोषित किया, जिसे 2015 में दोहराया गया।
रणनीतिक और रक्षा सहयोग
- मार्च 2025 में, दोनों देशों ने रक्षा समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए, जिसमें सैन्य सहयोग, स्टाफ कॉलेज आदान-प्रदान और नौसेना बंदरगाह यात्राओं को शामिल किया गया।
- न्यूजीलैंड की ‘कंबाइंड टास्क फोर्स 150’ में भागीदारी हिंद महासागर में समुद्री सुरक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
- ‘कंबाइंड टास्क फोर्स 150’ का मुख्यालय बहरीन में है और यह मध्य पूर्व की समुद्री सुरक्षा एवं हिंद महासागर व अदन की खाड़ी में समुद्री डकैती पर केंद्रित है।
- भारतीय नौसेना का नौकायन पोत INSV तारिणी हाल ही में ‘नविका सागर परिक्रमा-II’ मिशन के अंतर्गत पोर्ट लिटेलटन पहुँचा।
- इससे पहले, दो भारतीय नौसेना के जहाज INS सह्याद्रि और INS कोलकाता ने 2023 में न्यूजीलैंड के बंदरगाहों पर यात्रा की, जिनमें से एक वेलिंगटन एवं दूसरा ऑकलैंड गया।
आर्थिक और व्यापार संबंध
- द्विपक्षीय व्यापार (2023-24): $1.75 बिलियन
- न्यूजीलैंड ने कुल $0.84 बिलियन निर्यात किया और $0.91 बिलियन के माल और सेवाओं का आयात किया।
- भारत मुख्य रूप से ऊन, लोहे और इस्पात, फल और मेवे, तथा एल्यूमीनियम का आयात करता है, जबकि न्यूजीलैंड को दवा, यांत्रिक मशीनरी और वस्त्र निर्यात करता है।
- समग्र मुक्त व्यापार समझौता (CFTA): मार्च 2025 में दोनों देशों ने एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौता घोषित किया, जिसका उद्देश्य बाजार पहुँच को बढ़ाना और आपूर्ति शृंखला एकीकरण को मजबूत करना है।
- यह न्यूजीलैंड की भारत के हिंद-प्रशांत महासागर पहल (IPOI) में भागीदारी के साथ और विकसित होने की संभावना है।
शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान
- न्यूजीलैंड में लगभग 3 लाख भारतीय मूल के लोग रहते हैं, जो इसकी विविध सांस्कृतिक संरचना में योगदान देते हैं।
- इसके अतिरिक्त, लगभग 8,000 भारतीय छात्र सूचना प्रौद्योगिकी, आतिथ्य, विज्ञान, अभियांत्रिकी और वास्तुकला जैसे क्षेत्रों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
- पर्यटन और खेल, विशेष रूप से क्रिकेट, हॉकी और पर्वतारोहण, ने दोनों देशों के बीच सद्भावना बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
द्विपक्षीय संबंधों में प्रमुख चिंताएँ
- व्यापार अवरोध: भारत ने क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) से बाहर होने का निर्णय लिया, क्योंकि उसे कृषि आयात से जुड़ी चिंताएँ थीं, जिससे व्यापार वार्ताओं पर प्रभाव पड़ा।
- भू-राजनीतिक चुनौतियाँ: न्यूजीलैंड के चीन ($24 बिलियन) के साथ सुदृढ़ व्यापार संबंध भारत के लिए रणनीतिक चिंताओं को जन्म देते हैं।
- राजनीतिक संवेदनशीलता: भारत ने न्यूजीलैंड में कुछ समूहों द्वारा भारत विरोधी गतिविधियों को लेकर चिंता व्यक्त की है। हालांकि, न्यूजीलैंड अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखता है, लेकिन इस तरह के मुद्दों को सावधानीपूर्वक राजनयिक रूप से संभालने की आवश्यकता होती है।
निष्कर्ष
- न्यूजीलैंड का भारत पर नवीकृत ध्यान इसकी विदेश नीति में व्यापक बदलाव को दर्शाता है, जो यथार्थवाद, कूटनीति और वैश्विक मामलों में छोटे राज्यों के महत्त्व को उजागर करता है।
- जैसे-जैसे दोनों देश रक्षा, सुरक्षा और व्यापार पर सहयोग जारी रखेंगे, उनकी भागीदारी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के भविष्य को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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