दूरसंचार विभाग ने राष्ट्रीय दूरसंचार नीति (एनटीपी), 2025 का मसौदा जारी किया

पाठ्यक्रम : GS3/आधारभूत संरचना

सन्दर्भ

  • दूरसंचार विभाग (DoT) ने सार्वजनिक परामर्श के लिए राष्ट्रीय दूरसंचार नीति (NTP), 2025 का मसौदा जारी किया है।
  • यह 2025 से 2030 की अवधि के लिए दूरसंचार क्षेत्र के लिए भारत की रणनीतिक प्राथमिकताओं को रेखांकित करता है।

NTP 2025 के मसौदे की मुख्य विशेषताएँ

  • सार्वभौमिक और सार्थक कनेक्टिविटी:
    • 2030 तक 100% 4G कवरेज और 90% 5G कवरेज प्राप्त करना।
    • बेहतर गति और विश्वसनीयता के लिए दूरसंचार टावरों के फाइबरीकरण को 46% से बढ़ाकर 80% करना।
    • 10 लाख सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित करना और 10 करोड़ घरों तक फिक्स्ड-लाइन ब्रॉडबैंड का विस्तार करना।
    • दूरस्थ क्षेत्रों में उपग्रह-आधारित इंटरनेट को बढ़ावा देना।
  • घरेलू उपकरण निर्माण:
    • तेजस नेटवर्क्स और HFCL जैसी कंपनियों का समर्थन करते हुए, 50% आयातित उपकरणों के स्थान पर स्थानीय रूप से निर्मित दूरसंचार उपकरणों के उपयोग को प्रोत्साहित करना।
  • अनुसंधान एवं विकास और नवाचार:
    • दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास व्यय को दोगुना करना।
    • 500 तकनीकी स्टार्टअप्स को समर्थन प्रदान करें और वैश्विक 6G-संबंधित IP के 10% पर नियन्त्रण करने का लक्ष्य रखें।
    • नवाचार के लिए मिश्रित वित्त और फंड-ऑफ-फंड मॉडल को बढ़ावा दें।
  • रोज़गार और कौशल विकास:
    • दूरसंचार क्षेत्र में 10 लाख नए रोज़गार सृजित करें।
    • उभरती प्रौद्योगिकियों में 10 लाख कर्मचारियों को कौशल प्रदान करें।
  • निवेश और निर्यात प्रोत्साहन:
    • दूरसंचार में ₹1 ट्रिलियन वार्षिक निवेश का लक्ष्य रखें।
    • दूरसंचार उत्पादों और सेवाओं के निर्यात को दोगुना करें।
  • नेटवर्क सुरक्षा:
    • अविश्वसनीय हार्डवेयर को बाहर करने के लिए उपकरणों का ऑडिट करें।
    • क्वांटम-सुरक्षित संचार प्रणालियाँ विकसित करें और साइबर सुरक्षा को सुदृढ़ करें।
  • हरित दूरसंचार पहल:
    • दूरसंचार क्षेत्र के कार्बन फ़ुटप्रिंट को 30% तक कम करें।
    • नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग और सतत परिनियोजन को प्रोत्साहित करें।
    • व्यवसाय करने में आसानी: दूरसंचार पहुँच में सुधार और डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देने के लिए मानदंडों को सरल बनाएँ।

नीति का महत्व

  • एनटीपी 2025 का उद्देश्य दूरसंचार क्षेत्र में निवेश को वार्षिक ₹1 लाख करोड़ तक बढ़ाना, दूरसंचार उत्पादों के निर्यात को दोगुना करना और 5G, 6G, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) एवं क्वांटम संचार जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में नवाचार को बढ़ावा देना है।
  • इस नीति का लक्ष्य 2030 तक 100% 4G जनसंख्या कवरेज एवं 90% 5G कवरेज प्राप्त करना है, साथ ही दूरसंचार टावरों के फाइबरीकरण का विस्तार और दस लाख सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित करना है।
  • एनटीपी 2025 में नियमों के सरलीकरण, लागत में कमी और व्यावसायिक वातावरण तथा डिजिटल समावेशन में सुधार के उपायों का प्रस्ताव है, जिससे दूरसंचार कंपनियों एवं उपभोक्ताओं दोनों के लिए एक सुदृढ़ पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा मिलेगा।

भारत में दूरसंचार क्षेत्र

  • भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार बाजार है, जिसका कुल टेलीफोन ग्राहक आधार 1.20 अरब है।
  • कुल इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के मामले में भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है।
  • दूरसंचार क्षेत्र प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मामले में चौथा सबसे बड़ा क्षेत्र है, जो कुल एफडीआई प्रवाह में 6% का योगदान देता है।

इस क्षेत्र के सामने चुनौतियाँ

  • नियामक ढाँचा: नियमों, स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारण, लाइसेंसिंग आवश्यकताओं और सरकारी नीतियों में परिवर्तन दूरसंचार कंपनियों के संचालन एवं निवेश को प्रभावित करते हैं।
  • बुनियादी ढाँचे का विकास: हाल के वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति के बावजूद, दूरसंचार बुनियादी ढाँचे में अभी भी कमियां हैं, विशेषकर ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में।
  • प्रतिस्पर्धा और मूल्य निर्धारण: दूरसंचार ऑपरेटरों के बीच तीव्र प्रतिस्पर्धा के कारण मूल्य युद्ध और मार्जिन दबाव बढ़ गया है।
    • हालाँकि इससे उपभोक्ताओं को कम टैरिफ का लाभ मिलता है, लेकिन यह दूरसंचार कंपनियों की वित्तीय स्थिति पर दबाव डालता है।
  • सेवा की गुणवत्ता: विशेष रूप से सघन जनसंख्या वाले शहरी क्षेत्रों में, सेवा की निरंतर गुणवत्ता बनाए रखना दूरसंचार ऑपरेटरों के लिए एक चुनौती है।
  • साइबर सुरक्षा: सेवाओं के बढ़ते डिजिटलीकरण के साथ, साइबर सुरक्षा दूरसंचार कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बन गई है।
  • तकनीकी प्रगति: 5G की तैनाती जैसी तीव्र तकनीकी प्रगति के साथ सामंजस्य बनाए रखने के लिए बुनियादी ढाँचे और उन्नयन में पर्याप्त निवेश की आवश्यकता है।
    • दूरसंचार कंपनियों को इन निवेशों को राजस्व सृजन और लाभप्रदता के साथ संतुलित करने की आवश्यकता है।

आगे की राह

  • ऑपरेटरों से 5G कवरेज का विस्तार करने और बुनियादी ढाँचे में निवेश करने की अपेक्षा की जाती है, जिससे नए उपकरणों और सेवाओं की माँग बढ़ेगी।
  • स्मार्टफोन की बढ़ती पहुँच और डेटा की खपत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म एवं सेवाओं की माँग को बढ़ा रही है।
  • दूरसंचार क्षेत्र डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, और जैसे-जैसे इसकी सेवाओं का विस्तार होता है, साइबर सुरक्षा और भी महत्वपूर्ण होती जाती है।
  • उभरते खतरों से निपटना, नई तकनीकों को सुरक्षित करना और नियामक आवश्यकताओं को पूरा करना इस क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।

Source: TH

 

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