पाठ्यक्रम :GS 3/अर्थव्यवस्था
समाचार में
- भारत संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ व्यापार समझौतों पर बातचीत कर रहा है, जो अपने कृषि उत्पादों के लिए शुल्क में कमी एवं अधिक बाजार पहुँच की माँग कर रहे हैं।
भारत के कृषि व्यापार की स्थिति
- भारत के कृषि निर्यात 2024-25 में 6.4% बढ़कर $51.9 बिलियन तक पहुँच गए, जबकि कुल वस्तु निर्यात लगभग स्थिर रहा।
- हालाँकि, कृषि आयात 17.2% बढ़कर $38.5 बिलियन हो गया, जिससे व्यापार घाटा बढ़ गया।
- विगत दशक में निर्यात केवल 20% बढ़ा, जबकि आयात 148% बढ़ गया, जिससे कृषि-व्यापार अधिशेष 2013-14 में $27.7 बिलियन से घटकर 2024-25 में $13.4 बिलियन रह गया।
उत्पादवार निर्यात प्रवृत्तियाँ
- समुद्री उत्पादों का निर्यात:
- भारत के समुद्री निर्यात मुख्य रूप से अमेरिका (लगभग 35% हिस्सा), चीन (20%) और यूरोपीय संघ (15%) को होते हैं।
- अमेरिका को भेजे जाने वाले उत्पाद, विशेष रूप से जमे हुए झींगे, अब 17.7% शुल्क के दायरे में हैं।
- चावल (बासमती और गैर-बासमती):
- पश्चिम एशिया और अफ्रीका में मजबूत माँग के कारण रिकॉर्ड $12.5 बिलियन का निर्यात।
- मसाले, तंबाकू, कॉफी, फल और सब्जियाँ:
- निर्यात में नई ऊँचाइयाँ देखी गईं।
- वैश्विक फसल उत्पादन में कमी के कारण कॉफी और तंबाकू का निर्यात बढ़ा।
- निर्यात में गिरावट:
- घरेलू आपूर्ति समस्याओं और निर्यात प्रतिबंधों के कारण गेहूँ, चीनी और कपास का निर्यात घटा।
- भारत अब कपास का शुद्ध आयातक बन गया है।
- भैंस के मांस का निर्यात:
- $4 बिलियन से अधिक के स्तर तक पहुँचा, लेकिन अभी भी पिछले उच्च स्तरों से नीचे है।
आयात प्रवृत्तियाँ
- सब्जी तेल और दलहन:
- कम उत्पादकता और MSP समर्थन की कमी के कारण शीर्ष आयातित वस्तुएँ बनीं।
- दलहन आयात रिकॉर्ड $5.5 बिलियन तक पहुँच गया।
- कपास और प्राकृतिक रबर:
- घरेलू उत्पादन में गिरावट के कारण इनका आयात बढ़ा।
- फलों, मसालों (काली मिर्च, इलायची), और अल्कोहल युक्त पेय पदार्थों का आयात:
- इन उत्पादों का भी महत्त्वपूर्ण स्तर पर आयात किया गया।
व्यापार समझौतों का प्रभाव
- भारत के आगामी व्यापार समझौते:
- अमेरिका, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के साथ होने वाले समझौतों में सूखे मेवे, शराब और स्पिरिट्स के आयात में वृद्धि देखी जा सकती है।
- संभावित अमेरिकी नीतियाँ:
- ट्रंप प्रशासन मकई, सोयाबीन और कपास जैसे GM फसलों पर आयात शुल्क में कमी और गैर-शुल्कीय बाधाओं में ढील की माँग कर सकता है।
- प्रभाव:
- ये घटनाक्रम भारत के कृषि व्यापार संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं और संभावित रूप से अधिशेष को और अधिक कम कर सकते हैं।
Source :IE
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