इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक को डिजिटल भुगतान पुरस्कार
पाठ्यक्रम :GS 3/अर्थव्यवस्था
समाचार में
- भारत पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) को वर्ष 2024–25 के लिए डिजिटल पेमेंट्स अवॉर्ड वित्त मंत्रालय द्वारा प्रदान किया गया है, जिसे देशभर में डिजिटल भुगतान और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए दिया गया।
भारत पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB)
- यह संचार मंत्रालय के अंतर्गत डाक विभाग के अधीन 100% भारत सरकार के स्वामित्व वाली इकाई है।
- इसे 2018 में सभी के लिए सुलभ, किफायती और विश्वसनीय बैंकिंग प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
- इसका उद्देश्य उन लोगों तक पहुँचना है जो बैंकिंग सुविधाओं से वंचित या कम सेवा प्राप्त हैं, और यह भारत के विशाल डाक नेटवर्क — 1.65 लाख डाकघरों और 3 लाख डाक कर्मचारियों, मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्रों — का लाभ उठाता है।
- यह “इंडिया स्टैक” पर आधारित है और यह ग्राहकों के द्वार पर बायोमेट्रिक-सक्षम स्मार्टफोन के माध्यम से कागजरहित, नकदरहित और उपस्थिति-मुक्त बैंकिंग प्रदान करता है।
- यह डिजिटल इंडिया को समर्थन देकर वित्तीय समावेशन और कम-नकद अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करता है।
उपलब्धियाँ
- भारत पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने इंडिया पोस्ट के विशाल नेटवर्क और एक प्रौद्योगिकी-संचालित डोरस्टेप बैंकिंग मॉडल का लाभ उठाया है।
- यह डिजिटल बैंकिंग और वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति बन चुका है।
- भारत पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने वित्तीय वर्ष 2024–25 के लिए परफॉर्मेंस इंडेक्स में भारत में भुगतान बैंकों के बीच प्रथम स्थान हासिल किया है और वित्तीय वर्ष 2023–24 के लिए ‘विशेष उल्लेख’ पुरस्कार प्राप्त किया है।
Source :PIB
विश्व सिकल सेल दिवस
पाठ्यक्रम :GS 2/स्वास्थ्य
समाचार में
- हाल ही में (19 जून को) विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस मनाया गया।
- विश्व सिकल सेल दिवस 2025 की थीम है: ‘वैश्विक कार्रवाई, स्थानीय प्रभाव: प्रभावी आत्म-पक्षसमर्थन के लिए समुदायों को सशक्त बनाना’।
सिकल सेल रोग
- यह वंशानुगत रक्त विकारों का एक समूह है, जो एक आनुवंशिक उत्परिवर्तन के कारण होता है, जिससे लाल रक्त कोशिकाओं में असामान्य हीमोग्लोबिन बनता है।
- इससे लाल रक्त कोशिकाएं हंसिया के आकार की, कठोर और चिपचिपी हो जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है और अंगों में ऑक्सीजन की आपूर्ति घट जाती है, जिससे दर्द और जटिलताएँ होती हैं।
- ये असामान्य कोशिकाएं तीव्रता से विखंडित भी होती हैं, जिससे रक्ताल्पता (एनीमिया) हो जाती है।
- सिकल सेल एनीमिया इस रोग का सबसे सामान्य और गंभीर रूप है।
लक्षण
- सिकल सेल रोग के लक्षण सामान्यतः बचपन में ही दिखाई देने लगते हैं और इनकी तीव्रता भिन्न हो सकती है।
- सामान्य लक्षणों में एनीमिया, तीव्र दर्द (क्राइसिस), हाथ-पैर में सूजन, पीलिया, धीमी वृद्धि और बार-बार संक्रमण शामिल हैं।
- जटिलताओं में तीव्र छाती संलक्षण (Acute Chest Syndrome), स्ट्रोक, स्प्लीन में रक्त संचय (Splenic Sequestration) और प्रियापिज़्म शामिल हो सकते हैं — ये सभी गंभीर होते हैं और तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है।
सिकल सेल रोग का उपचार
- यह लक्षणों के प्रबंधन और जटिलताओं की रोकथाम पर केंद्रित होता है।
- बोन मैरो प्रतिरोपण (Bone Marrow Transplant) से इसे ठीक किया जा सकता है लेकिन यह महंगा और जोखिमपूर्ण होता है।
- हाइड्रॉक्सीयूरिया, दर्द निवारक, रक्त संचार, और एंटीबायोटिक जैसी दवाएँ सामान्यतः उपयोग होती हैं।
- हाल ही में, FDA द्वारा अनुमोदित जीन-संपादन आधारित उपचार जैसे Casgevy और Lyfgenia नए विकल्प के रूप में सामने आए हैं — 2024 में प्रथम रोगी इनसे उपचारित हुआ।
भारत में उठाए गए कदम
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 1 जुलाई 2023 को शुरू किए गए राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन का लक्ष्य 2047 तक भारत में इस बीमारी को एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में समाप्त करना है।
बुशहर प्लांट
पाठ्यक्रम :GS1/स्थान
समाचार में
- रूसी परमाणु प्रमुख अलेक्सी लिक्हाचेव ने कहा है कि बुशहर परमाणु संयंत्र की स्थिति “सामान्य” है और नियंत्रण में है।
- इज़राइल ने दावा किया है कि उसने बुशहर के साथ-साथ इस्फहान और नतांज़ के अन्य परमाणु स्थलों पर भी हमला किया है।
बुशहर
- यह ईरान के दक्षिणी हिस्से में फारस की खाड़ी के किनारे स्थित है और तेहरान से लगभग 750 किमी दक्षिण में है।
- यह ईरान का एकमात्र चालू परमाणु ऊर्जा संयंत्र है और इसे रूस द्वारा निर्मित किया गया है।
- यह पश्चिम एशिया का प्रथम नागरिक परमाणु रिएक्टर है और इसमें हज़ारों किलोग्राम परमाणु सामग्री संग्रहित है।
क्या आप जानते हैं? – नतांज़: ईरान का मुख्य संवर्धन केंद्र नतांज़ में स्थित है, जो केंद्रीय पठार पर है और तेहरान से लगभग 220 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है। नतांज़ स्थल पर दो संवर्धन संयंत्र हैं, जो इज़राइल द्वारा हमला शुरू करने के समय चालू थे। – इस्फहान: तेहरान से लगभग 350 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित ईरान की इस्फहान परमाणु परिसर में तीन चीनी अनुसंधान रिएक्टर और ईरान के परमाणु कार्यक्रम के अंतर्गत प्रयोगशालाएँ स्थित हैं। |
Source :IE
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित सड़कों पर क्यूआर कोड
पाठ्यक्रम: GS3/अवसंरचना
संदर्भ
- हाल ही में ग्रामीण विकास मंत्रालय (MoRD) ने राज्यों से आग्रह किया है कि वे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के अंतर्गत निर्मित सड़कों के रखरखाव से संबंधित सूचना पटों पर QR कोड जोड़ें।
परिचय
- इस पहल का उद्देश्य सड़कों की गुणवत्ता और रखरखाव के बारे में जन प्रतिक्रिया प्राप्त करना है।
- नागरिकों द्वारा भेजी गई प्रतिक्रिया की तस्वीरों को संबंधित नियमित निरीक्षण (Routine Inspection) से जोड़ा जाएगा।
- इन तस्वीरों का विश्लेषण करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग (ML) का उपयोग किया जाएगा ताकि प्रदर्शन मूल्यांकन (PE) अंक प्रदान करने में सहायता मिल सके।
- प्रत्येक कार्यान्वयन इकाई, PE अंक देते समय इन तस्वीरों की जांच की जिम्मेदार होगी।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY)
- PMGSY का प्रथम चरण 2000 में ग्रामीण अवसंरचना को सुदृढ़ करने हेतु सड़क निर्माण के माध्यम से शुरू किया गया।
- दूसरा चरण 2013 में शुरू हुआ। एक अन्य घटक, वामपंथ उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के लिए सड़क संपर्क परियोजना (RCPLWEA), 2016 में इन क्षेत्रों में ग्रामीण सड़कों के निर्माण के उद्देश्य से शुरू किया गया।
- तीसरा चरण 2019 में प्रारंभ हुआ।
- 2024 में केंद्र सरकार ने चौथे चरण को मंज़ूरी दी, जिसका उद्देश्य सभी मौसम में संपर्क योग्य सड़कों द्वारा निम्न बस्तियों को जोड़ना है:
- समतल क्षेत्रों में 500+ जनसंख्या वाली 25,000 अविकसित बस्तियाँ
- पूर्वोत्तर एवं पर्वतीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 250+ जनसंख्या वाली बस्तियाँ
- विशेष श्रेणी वाले क्षेत्र (अनुसूचित क्षेत्र अनुसूची V, आकांक्षी ज़िले/ब्लॉक, मरुस्थलीय क्षेत्र)
- और 100+ जनसंख्या वाली वामपंथ उग्रवाद (LWE) प्रभावित बस्तियाँ (गृह मंत्रालय द्वारा 9 राज्यों में अधिसूचित), जनगणना 2011 के अनुसार
- वित्त पोषण: यह योजना प्रारंभ में 100% केंद्र प्रायोजित थी, लेकिन 2015-16 से इसका वित्त पोषण स्वरूप केंद्र और राज्यों के बीच 60:40 कर दिया गया (पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों को छोड़कर)।
- योजना की शुरुआत से अब तक 8,36,850 किमी सड़क लंबाई को स्वीकृति मिली है, जिनमें से 7,81,209 किमी सड़कें पूर्ण हो चुकी हैं।
- 2024-25 से 2028-29 तक कुल 62,500 किमी लंबाई की सड़कों का निर्माण प्रस्तावित है।
Source: IE
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
पाठ्यक्रम: GS2/स्वास्थ्य
संदर्भ
- 21 जून 2025 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) आयुष मंत्रालय के सहयोग से 81 केंद्रीय संरक्षित स्मारकों पर योग सत्र आयोजित करने जा रहा है।
क्या आप जानते हैं? – योग दिवस समारोह की मेज़बानी करने वाले कुछ प्रतिष्ठित स्थलों में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल शामिल हैं – जैसे: असम में चराइदेव मैदाम, गुजरात में रानी की वाव और धोलावीरा, कर्नाटक में हम्पी और पट्टदकल, मध्य प्रदेश में खजुराहो स्मारक समूह और साँची स्तूप, ओडिशा में कोणार्क का सूर्य मंदिर, महाराष्ट्र में एलिफेंटा गुफाएँ और तमिलनाडु के तंजावुर में बृहदेश्वर मंदिर। |
परिचय
- इस वर्ष योग दिवस का 11वाँ संस्करण मनाया जा रहा है।
- वर्ष 2025 की थीम: “एक धरती, एक स्वास्थ्य के लिए योग”, जो योग को स्थायित्व और वैश्विक कल्याण के साथ जोड़ती है।
- “योग” शब्द संस्कृत शब्द ‘युज्’ से आया है, जिसका अर्थ है “जोड़ना” या “एकजुट करना”, जो शरीर और चेतना के मिलन का प्रतीक है।
- यह भारत की एक प्राचीन शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक साधना पद्धति है।
प्रधानमंत्री योग पुरस्कार 2025
- प्रधानमंत्री योग पुरस्कार योग के प्रचार-प्रसार और अभ्यास में उत्कृष्टता को सम्मानित करते हैं। कुल 4 पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं: 2 राष्ट्रीय और 2 अंतर्राष्ट्रीय।
- प्रत्येक विजयी व्यक्ति/संगठन को ₹25 लाख की धनराशि, एक ट्रॉफी और एक प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पृष्ठभूमि
- 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया।
- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की स्थापना के लिए भारत द्वारा प्रस्तावित प्रारूप प्रस्ताव को रिकॉर्ड 175 सदस्य देशों का समर्थन मिला।
- 21 जून की तिथि इसलिए चुनी गई क्योंकि यह उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन (गर्मी का संक्रांति दिवस) होता है।
- यह दिन प्रकृति और मानव कल्याण के बीच प्रतीकात्मक सामंजस्य को दर्शाता है और अनेक संस्कृतियों में इसका विशेष महत्व है।
Source: PIB
ताइवान जलडमरूमध्य
पाठ्यक्रम: GS1/ भूगोल, GS2/अंतर्राष्ट्रीय संबंध
संदर्भ
- हाल ही में ब्रिटिश नौसैनिक पोत के संवेदनशील ताइवान जलडमरूमध्य से गुजरने के कुछ ही दिनों बाद, ताइवान ने द्वीप के चारों ओर 50 चीनी सैन्य विमानों की उपस्थिति का पता लगाया।
ताइवान जलडमरूमध्य के बारे में
- अवस्थिति: ताइवान जलडमरूमध्य, जिसे फॉर्मोसा जलडमरूमध्य या ताई-हाई (ताई सागर) के नाम से भी जाना जाता है, मुख्य भूमि चीन (फुजियान प्रांत) को ताइवान द्वीप से अलग करता है।
- यह दक्षिण चीन सागर को पूर्वी चीन सागर से जोड़ता है और एक महत्वपूर्ण नौवहन मार्ग है।
- यह अपनी सबसे संकरी जगह पर लगभग 180 किलोमीटर चौड़ा है।
- भू-राजनीतिक तनाव: चीन ताइवान को एक विद्रोही प्रांत के रूप में देखता है और इस द्वीप तथा जलडमरूमध्य पर अपना दावा जताता है।

Source: TH
घड़ियाल प्रजाति संरक्षण कार्यक्रम
पाठ्यक्रम: GS3/ पर्यावरण
संदर्भ
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने उत्तर प्रदेश के कतरनियाघाट वन्यजीव अभयारण्य में गेरुआ नदी में घड़ियाल के बच्चों को छोड़कर घड़ियाल प्रजाति संरक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
घड़ियाल (Gavialis Gangeticus) के बारे में विशेषताएँ:
- “घड़ियाल” नाम हिंदी शब्द घड़ा (मटका) से आया है, जो एक प्रौढ़ नर के थूथन के सिरे पर पाए जाने वाले उभार (नाक पर स्थित गुमड़ा) की ओर संकेत करता है।
- यह विशेषता मादा में नहीं पाई जाती।
- इनमें लैंगिक द्विरूपता (Sexual Dimorphism) पाई जाती है, अर्थात् नर और मादा आकार और रूप में काफी भिन्न होते हैं।
- अन्य मगरमच्छों के विपरीत, घड़ियाल केवल गर्म रक्त वाले जीवों का ही शिकार करते हैं और यह मानवभक्षी नहीं होते।
- आवास वितरण: घड़ियाल केवल नदी में रहने वाली प्रजाति है, जिसे गहरी, स्वच्छ, तेज़ बहाव वाली नदियाँ और खड़ी रेतीली किनारियाँ चाहिए होती हैं।
- मुख्य रूप से निम्नलिखित नदियों में पाए जाते हैं: चंबल नदी, गेरुआ नदी, केन नदी, यमुना नदी, ब्रह्मपुत्र नदी, घाघरा नदी, भागीरथी-हुगली नदी।
- संरक्षण स्थिति:
- IUCN स्थिति: अत्यंत संकटग्रस्त (Critically Endangered)
- भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-1 में सूचीबद्ध।
- घड़ियाल के लिए संरक्षित क्षेत्र
- कतरनियाघाट वन्यजीव अभयारण्य: गेरुआ नदी (उत्तर प्रदेश)
- राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य: मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान तक फैला हुआ एक प्रमुख प्रजनन स्थल।
- सोन घड़ियाल अभयारण्य: मध्य प्रदेश
- सतकोसिया गॉर्ज अभयारण्य: ओडिशा
- संरक्षण प्रयास
- प्रोजेक्ट क्रोकोडाइल (1975): यह कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) की पहल पर शुरू हुआ, जिसका उद्देश्य कैप्टिव ब्रीडिंग (कैद प्रजनन) था।
- भारत में घड़ियाल आरक्षित क्षेत्र: उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में।
- प्रमुख संरक्षित क्षेत्रों में चंबल अभयारण्य और कतर्नीाघाट वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं।

Source: AIR
कुक द्वीपसमूह
पाठ्यक्रम: GS1/भूगोल
संदर्भ
- न्यूजीलैंड ने कुक द्वीपसमूह के साथ चीन के बढ़ते संबंधों को लेकर चिंताओं के चलते उसे दी जाने वाली करोड़ों डॉलर की सहायता को निलंबित कर दिया है।
कुक द्वीपसमूह के बारे में
- राजनीतिक स्थिति: यह एक स्वशासी राष्ट्र है जो न्यूजीलैंड के साथ मुक्त सह-संघ में है।
- 1901 से 1965 तक यह पहले न्यूजीलैंड का अधीन उपनिवेश था।
- कुक द्वीपसमूह के नागरिक न्यूजीलैंड के नागरिक भी होते हैं।
- प्रशासनिक केंद्र: अवरुआ, जो कि रारोटोंगा द्वीप पर स्थित है।
- भौगोलिक स्थिति: यह पॉलिनेशिया, ओशिनिया क्षेत्र में दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित है।
- यह न्यूजीलैंड के उत्तर-पूर्व में, अमेरिकी समोआ और फ्रेंच पॉलिनेशिया के बीच स्थित है।
- यह कुल 15 द्वीपों से मिलकर बना है, जो ज्वालामुखीय गतिविधियों के कारण बने हैं, और इसका कुल भौमि क्षेत्रफल लगभग 236.7 वर्ग किलोमीटर है।

Source: TH
किंग कोबरा
पाठ्यक्रम: GS3/पर्यावरण
संदर्भ
- मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सर्पदंश से हो रही मृत्युओं पर नियंत्रण पाने के लिए किंग कोबरा को पुनः बसाने की इच्छा व्यक्त है और ज़हरीली प्रजातियों की जनसंख्या का आकलन करने के लिए साँप जनगणना का भी प्रस्ताव रखा है।
किंग कोबरा के बारे में
- विश्व का सबसे लंबा विषैला साँप: इसकी लंबाई 15 फीट तक हो सकती है।
- आवास की पसंद: यह नम, अंधकारपूर्ण वन क्षेत्रों को पसंद करता है जिनमें घना अंडरग्रोथ, ठंडी दलदली भूमि और बाँस के गुच्छों की उपस्थिति हो — जैसे ऊँचाई वाले सदाबहार व अर्ध-सदाबहार वन,तथा अधिक वर्षा वाले ज्वारनदमुखी मैंग्रोव।
- भौगोलिक विस्तार:
- वैश्विक स्तर पर: यह दक्षिण और दक्षिणपूर्व एशिया में व्यापक रूप से पाया जाता है, जिसमें नेपाल का तराई क्षेत्र, भारत का अधिकांश भाग, दक्षिणी चीन, फिलीपींस, इंडोनेशिया (सुलेवसी और बाली तक), मलेशियाई बोर्नियो, ब्रुनेई और अंडमान व निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं।
- भारत में:
- उपस्थिति: पश्चिमी घाट, उत्तर भारतीय तराई क्षेत्र, पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के मैंग्रोव तटीय क्षेत्र, अंडमान-निकोबार और पूर्वी घाट के कुछ हिस्से।
- अनुपस्थिति: मध्य भारत के शुष्क पतझड़ी वनों (जिसमें मध्य प्रदेश शामिल है) में किंग कोबरा की कोई विश्वसनीय ऐतिहासिक उपस्थिति दर्ज नहीं है।
- संरक्षण स्थिति:
- IUCN द्वारा वर्गीकृत स्थिति: अति संवेदनशील (Vulnerable)
- विशिष्ट विशेषताएँ:
- यह अंडों के लिए घोंसला बनाने वाली एकमात्र साँप प्रजाति है।
- कैप्टिव (कैद) वातावरण में प्रजनन क्षमता बहुत कम होती है, जिससे संरक्षण मुश्किल हो जाता है।
क्या आप जानते हैं? – हाल तक तक, किंग कोबरा को एकल प्रजाति (Ophiophagus hannah) माना जाता था। लेकिन वर्ष 2021 में वन्यजीव जीवविज्ञानी गौरी शंकर के नेतृत्व में एक अध्ययन ने आनुवंशिक और रूप-आकार (मॉर्फोमेट्रिक) डेटा का उपयोग कर “प्रजाति सीमांकन विश्लेषण” किया, जिसमें चार भौगोलिक रूप से पृथक वंश पहचाने गए। ये हैं — 1. पश्चिमी घाटों की स्थानिक (एंडेमिक) वंश, 2. एशियाई मुख्य भूमि की व्यापक वंश, जो उत्तर और पूर्व भारत से लेकर चीन और थाईलैंड तक फैली है, 3. मलय प्रायद्वीप, 4. ग्रेटर सुंडा द्वीप समूह और फिलीपींस की दो अन्य वंश। |
Source: IE
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