पाठ्यक्रम :GS 2/स्वास्थ्य
समाचार में
- WHO सदस्य देशों ने एक ऐतिहासिक प्रस्ताव को मंजूरी दी, जिसमें WHO महामारी समझौते को अपनाने का आह्वान किया गया है, जिसका उद्देश्य भविष्य की महामारियों से विश्व को सुरक्षित बनाना है।
WHO महामारी समझौता
- यह समझौता COVID-19 महामारी के दौरान प्रारंभ की गई तीन वर्षों से अधिक की वार्ता का परिणाम है, जिसका उद्देश्य वैश्विक असमानताओं को दूर करना और महामारी की तैयारी तथा प्रतिक्रिया में सुधार करना है।
- इसमें टीकों, उपचारों और डायग्नोस्टिक्स तक समान और समयबद्ध पहुँच शामिल है। इसे WHO संविधान के अनुच्छेद 19 के अंतर्गत अपनाया गया।
- इसका उद्देश्य देशों, WHO, नागरिक समाज, निजी क्षेत्र और अन्य हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है ताकि महामारियों को रोका जा सके और प्रतिक्रिया प्रणाली में सुधार किया जा सके।
- परिशिष्ट को अंतिम रूप देने के बाद यह हस्ताक्षर और अनुमोदन के लिए उपलब्ध होगा। इसे लागू होने के लिए 60 देशों द्वारा अनुमोदित किया जाना आवश्यक होगा।
- यह 2024 में अपनाए गए अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियम (IHR) संशोधनों का पूरक है।
| क्या आप जानते हैं? WHO महामारी समझौता WHO संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत वार्ता किया गया द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय कानूनी समझौता है। प्रथम समझौता WHO तंबाकू नियंत्रण रूपरेखा सम्मेलन था, जिसे 2003 में अपनाया गया और 2005 में लागू किया गया। |
प्रमुख प्रावधान
- पैथोजन एक्सेस एंड बेनिफिट शेयरिंग (PABS) प्रणाली की स्थापना, जिसे अगले वर्ष की विश्व स्वास्थ्य सभा में बातचीत और प्रस्तुत किया जाएगा।
- समन्वय वित्तीय तंत्र और वैश्विक आपूर्ति शृंखला और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क (GSCL) का निर्माण, ताकि महामारी से संबंधित स्वास्थ्य उत्पादों की समान और समयबद्ध पहुँच सुनिश्चित की जा सके।
- PABS प्रणाली में शामिल फार्मास्युटिकल कंपनियों को अपनी वास्तविक समय की उत्पादन क्षमता का 20% WHO को प्रदान करना होगा ताकि विकासशील देशों को प्राथमिकता देते हुए समान वितरण किया जा सके।
समझौते का महत्त्व
- यह ऐतिहासिक वैश्विक समझौता भविष्य की महामारी के खतरों का सामना करने के लिए एक मजबूत, त्वरित और निष्पक्ष प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो समानता, एकजुटता एवं वैज्ञानिक साक्ष्य पर आधारित है।
Source : TH
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