GeM ने 8वाँ निगमन दिवस मनाया

पाठ्यक्रम: GS2/शासन

संदर्भ

  • भारत के राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल सरकारी ई बाज़ार (GeM) ने अपनी 8वीं स्थापना दिवस मनाई।

सरकारी ई बाज़ार

  •  GeM एक वन-स्टॉप पोर्टल है, जो विभिन्न सरकारी विभागों/संस्थाओं/PSU द्वारा आवश्यक सामान्य उपयोग की वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद को सुगम बनाता है। 
  • इसे 2016 में लॉन्च किया गया, और GeM SPV (स्पेशल पर्पज व्हीकल) द्वारा संचालित किया जाता है, जो 100% सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी है और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करती है। 
  • उद्देश्य: सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता, दक्षता और गति बढ़ाना।
  •  2017 में वित्त मंत्रालय ने सरकारी उपयोगकर्त्ताओं के लिए GeM के माध्यम से खरीद को अनिवार्य और अनुमोदित किया।

GeM के मूल सिद्धांत

GeM के मूल सिद्धांत

भारत में सार्वजनिक खरीद का रूपांतरण – GeM

  • GeM के उपयोगकर्त्ताओं की संख्या हाल के वर्षों में तीन गुना बढ़ी है, जिसमें 1.64 लाख प्राथमिक खरीदार और 4.2 लाख सक्रिय विक्रेता शामिल हैं। 
  • प्लेटफॉर्म पर 10,000+ उत्पाद श्रेणियाँ और 330+ सेवाएँ उपलब्ध हैं। GeM पारिस्थितिकी तंत्र में 10 लाख से अधिक MSMEs, 1.3 लाख कारीगर और बुनकर, 1.84 लाख महिला उद्यमी और 31,000 स्टार्टअप जुड़ चुके हैं।

भूमिका का विस्तार

  • GeM ने ₹5,000 करोड़ मूल्य के आकाश मिसाइल प्रणाली के उपकरणों और ₹5,085 करोड़ के वैक्सीन की खरीद जैसे महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय लेनदेन को सुगम बनाया। 
  • प्लेटफॉर्म ड्रोन-एज-ए-सर्विस, GIS एवं बीमा, चार्टर्ड फ्लाइट्स का वेट लीजिंग और CT स्कैनर जैसी जटिल सेवाओं की भी पेशकश कर रहा है।

देशव्यापी अपनाया जाना

  • GeM को 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अपनाया गया है, जिसमें उत्तर प्रदेश अग्रणी है। महाराष्ट्र, मणिपुर, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, असम, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ सहित 8 राज्यों ने GeM के उपयोग को अनिवार्य कर दिया है।

महत्त्व

  • पारदर्शी और कुशल खरीद – सरकारी खरीद में मानव हस्तक्षेप को कम कर भ्रष्टाचार को रोकता है।
  • लागत बचत – प्रतिस्पर्धी कीमतों के कारण सरकारी व्यय कम हुआ है।
  • MSME और स्टार्टअप को बढ़ावा – GeM पर किए गए अधिकांश ऑर्डर MSMEs से होते हैं, जिससे छोटे व्यवसाय फलते-फूलते हैं।
  • डिजिटल प्रक्रिया – विक्रेता पंजीकरण से भुगतान तक पूरा कार्य ऑनलाइन होता है।
  • सुरक्षा और ऑडिट ट्रेल्स – डेटा सुरक्षा, डिजिटल हस्ताक्षर और ऑडिट ट्रेल्स सुनिश्चित किए जाते हैं।

चुनौतियाँ

  • सीमित जागरूकता और अपनाने की गति – कई सरकारी अधिकारी और MSMEs GeM के उपयोग से अनजान हैं।
  • गुणवत्ता नियंत्रण – कई विक्रेताओं की भागीदारी के कारण उत्पाद और सेवाओं की गुणवत्ता बनाए रखना कठिन है।
  • भुगतान में देरी – समय पर भुगतान के बावजूद, सरकारी विभागों में प्रक्रिया में देरी विक्रेताओं को हतोत्साहित करती है।
  • लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी चुनौतियाँ – विक्रेताओं को विशाल भौगोलिक क्षेत्रों में वस्तुएँ पहुँचाने में कठिनाई होती है।

GeM में सुधार के लिए सरकारी पहल

  • SWAYATT: स्टार्टअप, महिला उद्यमियों, MSMEs, स्वयं सहायता समूह (SHGs) और युवाओं के लिए सरकारी खरीद में प्रवेश को आसान बनाने की पहल।
  • स्टार्टअप रनवे 2.0: स्टार्टअप को अपने नवाचार सरकार के समक्ष प्रदर्शित करने और खरीद प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर देता है।
  • वुमनिया पहल: महिला उद्यमियों और SHGs के उत्पादों को प्रदर्शित करने की पहल।
  • SARAS संग्रह: SHGs द्वारा निर्मित हस्तशिल्प, हस्तकरघा वस्त्र, ऑफिस डेकोर, फर्नीशिंग, इवेंट स्मृति चिन्ह, व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों का संग्रह।

निष्कर्ष

  • GeM की रणनीतिक पहलों ने व्यवसाय करने में आसानी और सरकारी खरीद में भागीदारी को बढ़ाया है। 
  • GeM एक पारदर्शी, प्रतिस्पर्धी और समावेशी बाज़ार बनाने के विज़न के साथ भारत की सार्वजनिक खरीद प्रणाली को आधुनिक बना रहा है।

Source: PIB

 

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