पाठ्यक्रम: GS2/अंतर्राष्ट्रीय संबंध
समाचार में
- हाल ही में, भारत के प्रधानमंत्री ने साइप्रस की यात्रा की, जो 20 वर्षों में किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की प्रथम यात्रा थी।
| साइप्रस – यह एक द्वीप है जो पूर्वी भूमध्य सागर में तुर्की और सीरिया के पास स्थित है। – यह भौगोलिक रूप से एशिया में होने के बावजूद यूरोपीय संघ का सदस्य है। – यह 1960 में ब्रिटेन से स्वतंत्र हुआ, लेकिन ग्रीक एवं तुर्क समुदायों के बीच तनाव ने हिंसा और संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की तैनाती को जन्म दिया। – 1974 में, ग्रीक साइप्रस द्वारा ग्रीस के साथ विलय करने के प्रयास में हुए तख्तापलट के कारण तुर्की ने आक्रमण किया। ![]() – हालांकि, निकोसिया में सरकार को पुनर्स्थापित कर दिया गया, तुर्की सेनाएँ वहीं बनी रहीं, और द्वीप के उत्तर-पूर्वी हिस्से ने स्वयं को उत्तर साइप्रस तुर्की गणराज्य घोषित कर दिया, जिसे केवल तुर्की द्वारा मान्यता प्राप्त है। |
यात्रा के प्रमुख बिंदु
- रणनीतिक रोडमैप: द्विपक्षीय सहयोग को दिशा देने के लिए पाँच वर्षीय रणनीतिक रोडमैप तैयार किया जाएगा।
- साइप्रस विज़न 2035 और भारत के विकसित भारत 2047 के बीच संरेखण – दोनों का लक्ष्य समावेशी, तकनीक-संचालित, सतत विकास है।
- आर्थिक और व्यापार संबंध: भारत-साइप्रस-ग्रीस व्यापार और निवेश परिषद 2025 में प्रारंभ की गई।
- पीएम मोदी ने 2025 के अंत तक इसे हासिल करने पर बल दिया।
- “ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ माकारियोस III”: पीएम मोदी को साइप्रस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया गया।
- यह साइप्रस के प्रथम राष्ट्रपति के नाम पर रखा गया सम्मान है, जिसे राष्ट्राध्यक्षों और विशिष्ट नेताओं को प्रदान किया जाता है।
ऐतिहासिक संबंध
- भारत और साइप्रस गणराज्य (RoC) लंबे समय से दोस्ती, आपसी सम्मान और सहयोग पर आधारित संबंध साझा करते हैं, विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय मंचों में।
- साइप्रस के स्वतंत्र होने के दो वर्ष पश्चात, 1962 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए।
- दोनों देशों का संबंध उन साझा आदर्शों पर आधारित था, जिनका समर्थन नेताओं आर्कबिशप माकारियोस और जवाहरलाल नेहरू ने किया था। वे दोनों गुटनिरपेक्ष आंदोलन के प्रमुख प्रणेता थे।
- साइप्रस भारत में शीर्ष 10 निवेशकों में शामिल है, जिसने अप्रैल 2000 – मार्च 2025 के बीच USD 14.65 अरब का निवेश किया।
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहयोग
- दोनों देश प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर समान विचार रखते हैं और संयुक्त राष्ट्र (UN), राष्ट्रमंडल और अन्य मंचों पर सक्रिय सहयोग करते हैं।
- भारत यूएन सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों, अंतरराष्ट्रीय कानून और ईयू सिद्धांतों के आधार पर साइप्रस मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करता है।
- भारत को साइप्रस का समर्थन:
- साइप्रस भारत के UNSC में स्थायी सीट के दावे का समर्थन करता है।
- भारत-अमेरिका परमाणु समझौते का NSG और IAEA में समर्थन कर भारत की ऊर्जा और आर्थिक वृद्धि में सहायता की।
आर्थिक और व्यापारिक संबंध
- भारत और साइप्रस ने द्विपक्षीय व्यापार तथा निवेश को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपने आर्थिक एवं वाणिज्यिक संबंधों को लगातार मजबूत किया है।
- साइप्रस को भारत द्वारा किए जाने वाले प्रमुख निर्यातों में फार्मास्यूटिकल्स, कपड़ा, लोहा और इस्पात, सिरेमिक, मशीनरी एवं रसायन शामिल हैं, जबकि साइप्रस भारत को फार्मास्यूटिकल्स, पेय पदार्थ तथा विनिर्मित सामान निर्यात करता है।
- कोविड-19 महामारी के प्रभाव के बावजूद, 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार 137 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया।

रक्षा सहयोग
- भारत और साइप्रस गणराज्य ने प्रमुख समझौतों के माध्यम से अपने रक्षा सहयोग को मजबूत किया है।
- दिसंबर 2022 में भारतीय विदेश मंत्री की साइप्रस यात्रा के दौरान रक्षा सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, इसके बाद जनवरी 2025 में 2025 के लिए द्विपक्षीय रक्षा सहयोग कार्यक्रम (BDCP) पर हस्ताक्षर किए गए।
संस्कृति
- भारत और साइप्रस साझा मूल्यों और परंपराओं पर आधारित मजबूत सांस्कृतिक संबंध साझा करते हैं।
- 1980 में सांस्कृतिक सहयोग समझौता हुआ।
- दोनों राष्ट्र राष्ट्रीय दिवस और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस जैसे आयोजनों की मेजबानी करते हैं।
- नई दिल्ली में एक सड़क का नाम “आर्कबिशप माकारियोस” के सम्मान में रखा गया, जो आपसी सम्मान को दर्शाता है।
महत्व
- साइप्रस भारत का विश्वसनीय सहयोगी माना जाता है, जो UNSC स्थायी सीट और भारत-अमेरिका परमाणु समझौते का समर्थन करता है।
- रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण:
- साइप्रस भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) का एक अहम भाग है।
- 2026 में EU काउंसिल की अध्यक्षता करेगा, जिससे यूरोप में भारत के व्यापार और सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने में सहायता मिलेगी।
- तुर्की से तनाव:
- साइप्रस लंबे समय से तुर्की (जो पाकिस्तान का करीबी सहयोगी है) के साथ तनाव में रहा है।
- भारत का साइप्रस से गहरा संबंध तुर्की द्वारा OIC और UN में भारत-विरोधी लॉबिंग को संतुलित करने में मदद करता है।
Source :IE
Previous article
संक्षिप्त समाचार 14-06-2025
Next article
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और जैव विनिर्माण
