अपतटीय जलभृतों का महत्व

पाठ्यक्रम: GS1/ भूगोल, GS3/ पर्यावरण

संदर्भ

  • वैज्ञानिकों ने अटलांटिक महासागर के नीचे न्यू जर्सी से मेन तक फैले एक विशाल अपतटीय स्वच्छ जल के जलभृत की पुष्टि की है, जो समुद्र के नीचे भूजल की खुदाई के लिए प्रथम वैश्विक प्रणालीबद्ध अभियान को चिह्नित करता है।

अपतटीय जलभृत क्या हैं?

  • अपतटीय जलभृत समुद्र तल के नीचे स्थित छिद्रयुक्त चट्टानों या तलछट की भूमिगत संरचनाएं होती हैं, जो स्वच्छ जल से संतृप्त होती हैं।
  •  ये स्थल-आधारित जलभृतों के समान होते हैं, लेकिन उथले तटीय जल के नीचे डूबे रहते हैं और तटरेखा से लगभग 90 किमी तक फैले होते हैं। 2021 में पर्यावरण अनुसंधान पत्र में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, महासागरों के नीचे लगभग 10 लाख घन किलोमीटर स्वच्छ जल  उपस्थित है, जो पृथ्वी के स्थल-आधारित भूजल भंडार का लगभग 10% है।
  • स्थान: जिन तटीय क्षेत्रों में इनकी पुष्टि और अध्ययन हुआ है, उनमें शामिल हैं:
    • संयुक्त राज्य अमेरिका (पूर्वोत्तर अटलांटिक, कैलिफ़ोर्निया)
    • ऑस्ट्रेलिया (पर्थ बेसिन, सिडनी बेसिन)
    • चीन (पीला सागर, हाल ही में खोजे गए बड़े भंडार)
    • दक्षिण अफ्रीका (केप प्रायद्वीप)
    • यूरोप (नॉर्थ सी, भूमध्य सागर)

इन्हें स्वच्छ जल कैसे प्राप्त होता है?

  • हिम युग परिकल्पना: हिमनद काल के दौरान, जब समुद्र स्तर कम था, वर्षा ने खुले भूमि क्षेत्र में प्रवेश किया और धीरे-धीरे उन जलभृतों को भर दिया जो अब समुद्र के नीचे हैं। 
  • स्थलीय संपर्क परिकल्पना: कुछ अपतटीय जलभृत स्थल-आधारित जलभृतों से जुड़े रहते हैं और भूजल प्रवाह के माध्यम से स्वच्छ जल की पुनःपूर्ति प्राप्त करते हैं। 
  • कैप रॉक सुरक्षा: एक मृदा-समृद्ध सघन परत इन जलभृतों को सील कर देती है, जिससे स्वच्छ जल का आसपास के समुद्री जल से मिश्रण नहीं होता।

अपतटीय जलभृत क्यों महत्वपूर्ण हैं?

  • वैश्विक जल संकट का समाधान: संयुक्त राष्ट्र (2023) के अनुसार, 2030 तक वैश्विक स्वच्छ जल की मांग आपूर्ति से 40% अधिक हो जाएगी।
    • अपतटीय जलभृत रणनीतिक भंडार के रूप में कार्य कर सकते हैं। 
  • जलवायु लचीलापन: वैश्विक तापमान में वृद्धि, वर्षा पैटर्न में बदलाव और स्थल-आधारित जलभृतों के अत्यधिक दोहन ने जल संकट को बढ़ा दिया है।
    • अपतटीय जलभृत तनावग्रस्त स्थलीय स्रोतों का विकल्प प्रदान करते हैं। 
  • रणनीतिक महत्व: सूखे और शहरी मांग का सामना कर रहे देशों के लिए, अपतटीय जलभृत महंगे डी-सालिनेशन या जल आयात पर निर्भरता को कम कर सकते हैं।

निष्कर्षण में चुनौतियाँ

  • उच्च लागत: अपतटीय ड्रिलिंग तकनीकी रूप से जटिल और महंगी होती है। अमेरिका के पूर्वोत्तर क्षेत्र में अन्वेषण की लागत $25 मिलियन रही।
  •  इंजीनियरिंग कठिनाइयाँ: समुद्र तल के नीचे कुओं की डिज़ाइन, जल को तट तक पहुँचाना और समुद्री जल के प्रवेश को रोकना प्रमुख बाधाएं हैं। 
  • पर्यावरणीय जोखिम: निष्कर्षण से समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र बाधित हो सकता है, दबाव संतुलन बदल सकता है या नमक मिश्रण से प्रदूषण हो सकता है।
    • यदि जल प्राचीन है (हिम युग की पुनःपूर्ति से), तो यह अक्षय संसाधन नहीं है और इसका सावधानीपूर्वक उपयोग आवश्यक है। 
  • शासन संबंधी मुद्दे: स्वामित्व, तटीय समुदायों के अधिकार और समुद्र के नीचे के जल पर अंतरराष्ट्रीय विवाद जैसे प्रश्न अभी भी अनसुलझे हैं।

आगे की राह

  • अंतरराष्ट्रीय कानून का निर्माण: वैश्विक समुदाय UNCLOS या अन्य साधनों के अंतर्गत एक कानूनी ढांचा विकसित कर सकता है, जिससे अपतटीय स्वच्छ के संसाधनों के न्यायसंगत और सतत उपयोग को सुनिश्चित किया जा सके एवं भविष्य के संघर्षों को रोका जा सके। 
  • एकीकृत जल प्रबंधन: अपतटीय जलभृतों को संरक्षण, अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण और सतही जल के सतत उपयोग सहित विविध जल पोर्टफोलियो का रणनीतिक हिस्सा माना जा सकता है।

Source: IE

 

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